
मुलायम सिंह यादव मंगलवार को पंच तत्व में विलीन हो गए हैं. उनके आखिरी दर्शन में जितना बड़ा जनसैलाब उमड़ा था, वो बताने के लिए काफी था कि अपनी राजनीतिक पारी के दौरान मुलायम सिंह यादव ने ऐसी सफलता हासिल की, जो सभी को नसीब नहीं होती. अब नेता जी इतने खास क्यों थे, उनकी कौन सी आदतें उन्हें दूसरों से जुदा बनाती थीं, रामगोपाल यादव ने आजतक से बातचीत के दौरान हर मुद्दे पर बात की है.
रामगोपाल यादव अपने बड़े भाई और राजनीतिक गुरु मुलायम सिंह यादव के साथ बिताएं समय को याद कर काफी भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह जैसा नेता अब कोई नहीं है. मुलायम सिंह यादव का छोटे से छोटे कार्यकर्ता के साथ सीधा संपर्क था, वह उनको नाम से पुकारते थे. वे अपनी मिट्टी को भूले नहीं थे .इसलिए सैफई में आकर लोगों के बीच समय बिताते थे. रामगोपाल यादव ने बताया कि कोई भी बड़ा फैसला या राजनीतिक बात होती थी तो वे उनसे जरूर चर्चा करते थे .राम मंदिर मुद्दे को लेकर भी उन्होंने उस वक्त उनसे चर्चा की थी .मुलायम सिंह यादव के सिर्फ समाजवादी पार्टी नहीं, बल्कि दूसरी पार्टियों के साथ भी अच्छे रिश्ते थे .बीजेपी के साथ बेशक विचारधारा के मतभेद रहे हो .मगर बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं के साथ मुलायम सिंह के व्यक्तिगत रिश्ते रहे. बीजेपी में भी ऐसे बहुत से लोग मिल जाएंगे जिनका काम मुलायम सिंह ने किया.
रामगोपाल यादव ने इस बात पर भी जोर दिया कि मुलायम सिंह यादव जब तक राजनीति में पूरी तरह सक्रिय रहे, उन्होंने हर मुद्दे पर उनसे उनकी राय जाननी चाही. इस बारे में वे कहते हैं कि नेताजी के राजनीति में आने से लेकर चुनाव लड़ने तक ऐसा कोई फैसला नहीं है. जिसमें उन्होंने मुझे कॉन्फिडेंस में ना लिया हो. विश्वास में ना लिया हो. देश के कितने भी बड़े और संवेदनशील मामले क्यों ना हो. चाहे वो अयोध्या का मामला हो या न्यूक्लियर डील का मुद्दा. उन्होंने संविधान को अयोध्या वाले मामले में बताया कि मैं राम मंदिर का विरोधी नहीं हूं. मैं हनुमान भक्त हूं . सुप्रीम कोर्ट का जो स्टे आर्डर है, मैंने संविधान की रक्षा करने की शपथ ली है.