
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की खतौली विधानसभा के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के बीच आमने-सामने की टक्कर है. दोनों ही पार्टियों ने अब अपना-अपना प्रचार-प्रसार भी तेज कर दिया है. इसी के चलते शनिवार को कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद पार्टी की प्रत्याशी राजकुमारी सैनी के चुनाव कार्यालय पहुंचे. योगी सरकार के मंत्री ने यहां एक प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया.
इस दौरान BJP सरकार के मंत्री ने कहा, जो कभी नहीं हुआ, वह अब हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में आजमगढ़ उपचुनाव हो या रामपुर उपचुनाव हो, उसमें कमल का फूल खिला था. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इस उपचुनाव में भी बीजेपी की ऐतिहासिक जीत होने वाली है. एकतरफा समर्थन जनता का मिल रहा है.
रालोद के बाहुबली प्रत्याशी पर निशाना
विपक्षी रालोद के प्रत्याशी को लेकर जितिन प्रसाद ने मीडिया से कहा, यहां आप बाहुबली प्रत्याशी की बात कर रहे हैं. लेकिन वो जमाने लद गए जब कोई बाहुबल के नाम पर लोगों को डरा-धमकाकर वोट लेता था. यह योगी सरकार है. यहां बड़े-बड़े बाहुबल बिल में घुस गए हैं. बाहुबली और बाहरी प्रत्याशी को खतौली की जनता बाहर का रास्ता दिखाएगी.
इसलिए हो रहा उपचुनाव
बता दें कि खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव BJP विधायक विक्रम सिंह सैनी की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के कारण कराया जा रहा है. साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधायकी चली गई है.
BJP से राजकुमारी सैनी तो रालोद से मदन भैया
अब इस सीट से बीजेपी ने विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमार सैनी को ही टिकट दिया है. उधर, रालोद-सपा गठबंधन ने मदन भैया को बीजेपी के खिलाफ उतारा है.
जेल में रहकर चुनाव जीते थे मदन भैया
बता दें कि मदन भैया जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, रालोद और निर्दलीय ही चार बार उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने 1991 में अपना पहला चुनाव जेल में रहते हुए जीता था.
रालोद-सपा उम्मीदवार मदन भैया ने साल 2012 में गाजियाबाद की लोनी सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन खेत रहे. फिर साल 2017 के यूवी विधानसभा चुनाव में भी चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन फिर BJP के उम्मीदवार नंदकिशोर गुर्जर से हार गए थे.