
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के ट्विटर अकाउंट से की गई अभद्र टिप्पणी मामले में हैंडल संचालित करने वाले मनीष जगन अग्रवाल को लखनऊ पुलिस ने रविवार सुबह ही गिफ्तार कर लिया. वहीं, इस मामले को लेकर पहले दर्ज कराई गई एफआईआर में सपा के मीडिया कोऑर्डिनेटर आशीष यादव और पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह का भी नाम लिखाया गया था. यह एफआईआर लखनऊ के ही रहने वाले पेशे से पत्रकार विश्वगौरव त्रिपाठी ने कराई थी.
यह है पूरा मामला
दरअसल, समाजवादी पार्टी मीडिया सेल के वेरिफाइड हैंडल से यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी, प्रवक्ता आलोक अवस्थी, प्रवक्ता मनीष शुक्ला समेत कई नेताओं पर अभद्र टिप्पणी की गई थी. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के ट्वीट पर उन्हें तू-तड़ाक कर जवाब दिया गया था.
यह टिप्पणी उनके उस ट्वीट पर की गई जिस ट्वीट में केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा था कि उपचुनाव परिणाम भविष्य के लिए निर्णायक संदेश देने वाले होंगे. हालांकि इस ट्वीट को केशव मौर्या ने बाद में डिलीट कर दिया था.
ठीक इसी तरह यूपी बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी, आलोक अवस्थी और मनीष शुक्ला पर उनके ट्वीट पर जवाब के जरिए लगातार हमला किया गया था. चौंकाने वाली बात यह थी कि कुछ सपा नेताओं द्वारा इसे जायज ठहराया जाता था. साथ ही जो भी पत्रकार इस भाषा का विरोध कर रहे थे उन पर भी ट्विटर हैंडल द्वारा निजी हमले किए गए थे.
सपा नेताओं ने इस भाषा को ठहराया था जायज
सपा नेता आईपी सिंह ट्विटर पर खुले तौर पर मीडिया सेल के ट्वीट्स को सपोर्ट किया था. सपा प्रवक्ता मनोज काका ने आजतक से कहा था कि समाजवादी पार्टी हर तरह की मर्यादित भाषा, मर्यादित लेखन और मर्यादित व्यवहार की पक्षधर है.
मगर, उन लोगों से जो हमेशा अमर्यादित बोल, भाषा और व्यवहार का इस्तेमाल करते हैं, उस भारतीय जनता पार्टी से किसी तरह की शुचिता की या किसी तरह की नैतिकता की सीख लेने की या पाठ पढ़ने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के लोग किस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं? जो ये बयान देते हैं कि किसी की गर्लफ्रेंड 50 करोड़ की है, जो किसी के व्यक्तिगत जीवन में झांकते हैं.
काका ने कहा था कि ये सच है कि भारतीय जनता पार्टी के लोग जो राम रहीम का आशीर्वाद लेने जाते हैं. क्या ये सच नहीं है कि राम रहीम एक जनवादी पत्रकार की हत्या का दोषी है, बलात्कार का दोषी है. आरोपी नहीं, दोषी है. देश की अदालत ने उसे दोषी माना. उससे भी ये लोग आशीर्वाद लेने जाते हैं.
उन्होंने बोला था कि अगर BJP ये चाहती है कि राजनीति में और सार्वजनिक जीवन में हमेशा शुचिता भरे व्यवहार का पालन हो, तो पहले उसे ये बात अपनानी होगी.