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Navjot Singh Sidhu News: क्या जेल जाने के बाद चुनाव लड़ पाएंगे सिद्धू? लीगल एक्सपर्ट्स से जानिए

नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई है. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सिद्धू अब कोई चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं.

नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो) नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST
  • नवजोत सिंह सिद्धू को रोड रेज के मामले में सजा हुई
  • सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई है

Navjot Singh Sidhu News: नवजोत सिंह सिद्धू को 34 साल पुराने रोड रेज के मामले में एक साल की सजा सुनाई गई है. फिलहाल उनके सरेंडर करने पर सस्पेंस बना हुआ है लेकिन यह साफ है कि उनको जेल जाना होगा. इस बीच यह सवाल प्रमुखता से उठ रहा है कि क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू अब चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं.

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लीगल एक्सपर्ट की मानें तो एक साल की जेल से बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा और सिद्धू राजनीति में सक्रिय रह सकेंगे. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, लीगल एक्सपर्ट पीडीटी आचार्ज (लोकसभा के पूर्व महासचिव) कहते हैं अगर सजा दो साल या उससे ज्यादा होती तो चुनाव लड़ने से छह साल (सजा पूरा होने के बाद से गिनती) के लिए रोक दिया जाता. इसका जिक्र Representation of the People Act, 1951 के सेक्शन 8 में मिलता है.

बता दें कि 1988 के रोड रोज के मामले में सिद्धू को एक साल की सजा हुई है, यानी वह इस दायरे से बाहर रहेंगे. सिद्धू ने इस बार हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई थी लेकिन वह हार गए थे.

यह भी पढ़ें - अब 1 साल जेल में रहेंगे नवजोत सिंह सिद्धू, जानिए क्या होती है सश्रम कारावास की सजा

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खबर के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय कानून सचिव पी के मल्होत्रा मानते हैं कि कानून में इस बात को लेकर बहुत सी चीजें स्पष्ट नहीं हैं कि क्रिमिनल केस में सजा पाया शख्स चुनाव लड़ सकता है या नहीं.

मल्होत्रा ने कहा कि 1951 वाले एक्ट में ऐसे प्रावधान जरूर है कि ड्रग्स एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, Unlawful Activities (Prevention) Act) और करप्शन एक्ट में फंसने पर चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है.

तब सजा दो साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए. लेकिन सिद्धू के मामले में ऐसा नहीं है. पी के मल्होत्रा ने कहा कि सिद्धू को मिली एक साल की सजा RP Act के तहत नहीं आती, इसलिए उनके चुनाव लड़ने में कोई रुकावट नहीं आएगी.

1998 के जिस रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है उसे पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले खुला गया था. पीड़ितों ने मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी, जिसे अदालत ने मान लिया था. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया.

 

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