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संसद में जीरो सीट वाली ये पार्टियां, क्यों NDA और विपक्ष दोनों के लिए हो गईं अहम!

बेंगलुरु में मंगलवार को यूपीए में शामिल दलों की बैठक हो रही है. बैठक में 26 दलों के प्रमुख और प्रतिनिधि शामिल हुए हैं. सभी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के खिलाफ रणनीति तैयार कर रहे हैं. वहीं दिल्ली में बीजेपी एनडीए में शामिल दलों के साथ बैठक कर रही है. ये भी विपक्ष को कमजोर करने पर चर्चा करेगी. हालांकि अलग-अलग गठबंधनों में आधे से ज्यादा दलों में सांसद ही नहीं हैं.

बेंगलुरु में यूपीए और दिल्ली में एनडीए दलों की हो रही बैठक (फाइल फोटो) बेंगलुरु में यूपीए और दिल्ली में एनडीए दलों की हो रही बैठक (फाइल फोटो)
मनीष यादव
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST

देश में मंगलवार को दो बड़ी राजनीतिक गतिविधियां हो रही हैं. पहली बेंगलुरु में... यहां दो दिन से विपक्षी दलों का महाजुटान चल रहा है. आज इसका अंतिम दिन है. इसमें 26 विपक्षी दल शामिल हुए हैं. वहीं दूसरी दिल्ली में... यहां बीजेपी ने एनडीए दलों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में 38 दल शामिल हो रहे हैं. यूपीए और एनडीए की ये बैठकें भले ही आगामी लोकसभा चुनाव पर रणनीति तैयार करने के लिए बुलाई गईं हो लेकिन इन बैठकों के जरिए यह भी बताने की कोशिश की जा रही है कि कितने दल किसके साथ हैं यानी कौन-कितना दमदार है.

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वैसे दोनों की गठबंधन दलों की संख्या बताकर अपनी पावर का प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि इस संख्या से इन गठबंधनों की ताकत का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता क्योंकि दोनों गठबंधनों में शामिल आधे से जयादा दलों में एक भी सांसद नहीं हैं. आंकड़ों की गणना करने पर पाया गया कि यूपीए में शामिल 26 में से 11 यानी 42.30 फीसदी दलों में एक भी सांसद नहीं है. इसी तरह एनडीए में शामिल 38 दलों में 25 यानी 65.78 फीसदी दलों में सांसद नहीं हैं. हालांकि इन दलों के उनके क्षेत्र में प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. देखें पूरी लिस्ट

यूपीए में 11 दलों में एक भी सांसद नहीं

पार्टी  सांसद
कांग्रेस               49
डीएमके           23
टीएमसी              22
जदयू            16
शिवसेना (UTB)       6
 एनसीपी (शरद पवार)    5
सीपीआईएम          3
 समाजवादी पार्टी        3
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग  3
सीपीआई              2
आम आदमी पार्टी        1
झारखंड मुक्ति मोर्चा      1
केरल कांग्रेस (M)      1
नेशनल कॉन्फ्रेंस  3
आरजेडी 0
पीडीपी    0
सीपीआई (ML)   0
आरएलडी      0
मनीथानेया मक्कल काची (MMK) 0
एमडीएमके 0
वीसीके       1
आरएसपी         0
केरल कांग्रेस    0
केएमडीके      0
अपना दल कमेरावादी     0
एआईएफबी          0

यूपीए में सबसे मजबूत दल कांग्रेस ही है. इसके पास 49 विधायक हैं. इसके बाद डीएमके के 23, टीएमसी के 22 और जेडीयू के 16 विधायक हैं. 

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इसलिए इनका साथ आना जरूरी...

विपक्षी दलों में शामिल आरजेडी को 2019 में 6,632,247 वोट यानी 1.08 फीसदी वोट मिले थे. वहीं सीपीआई (ML) को 711,715 वोट यानी 0.12% फीसदी वोट, आरएलडी को 1,447,363 वोट यानी 0.24 फीसदी वोट, केरल कांग्रेस में 155,135 वोट यानी 0.03 फीसदी वोट और केएमडीके को 276,118 वोट मिले थे. यानी कहा जा सकता है कि भले ही जिन दलों के अपने सांसद नहीं हैं, लेकिन उनके पास 92.22 लाख से ज्यादा का वोट बैंक है.

विपक्ष इस एजेंडे पर करेगी बात

- 2024 के आम चुनावों के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की ड्रॉफ्टिंग और गठबंधन के लिए जरूरी कम्यूनिकेशन पॉइंट्स तैयार करने के लिए एक सब कमेटी स्थापित करना. 

- राज्य के आधार पर सीट साझा करने के मामले पर चर्चा करना, पार्टियों के सम्मेलनों, रैलियों और दो दलों के बीच विरोधाभासों को दूर करने के लिए एक सब कमेटी बनाना 

- गठबंधन के लिए एक नाम सुझाव देना, प्रस्तावित गठबंधन के लिए एक सामान्य सचिवालय की स्थापना करना.

- ईवीएम के मुद्दे पर चर्चा करना और चुनाव आयोग के लिए सुधार सुझाव देना.

 

एनडीए में 25 दलों में एक भी सांसद नहीं

पार्टी सांसद
बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी)              301
शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट)              12
राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी (पारस)           7
लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास पासवान)        6
अपान दल (सोनेलाल)                2
एआईएडीएमके (ऑल इंडिया अन्ना डीएमके)        1
एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी मेघालय)          1
एनडीपीपी (नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी)      1
एसकेएम (सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा)          1
आईएमकेएमके (इंडिया मक्कल कालवी मुनेत्र कड़गम)    1
आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन)          1
एमएनएफ (मिज़ो नेशनल फ्रंट)            1
एनपीएफ (नागा पीपुल्स फ्रंट)            1
आरपीआई (रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया)          0
जेजेपी (जननायक जनता पार्टी)        0
टीएमसी (तमिल मनीला कांग्रेस)       0
आईपीएफटी (त्रिपुरा)            0
बीपीपी (बोडो पीपुल्स पार्टी)             0
पीएमके (पतली मक्कल कच्ची)         0
एमजीपी (महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी)       0
एजीपी (असम गण परिषद)           0
निषाद पार्टी                0
यूपीपीएल (यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल असम)     0
एआईआरएनसी (अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस पुड्डुचेरी)  0
शिरोमणि अकाली दल सयुंक्त           0
जनसेना (पवन कल्याण)            0
एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित पवार)      0
HAM (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा जीतन राम मांझी)     0
रालोसपा (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी उपेन्द्र कुशवाहा)    0
सुभासपा                  0
बीडीजेएस (केरल)               0
केरल कांग्रेस (थॉमस)                0
गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट        0
जनातिपथ्य राष्ट्रीय सभा              0
यूडीपी (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी)           0
एचएसडीपी (हिल स्टेट डेमोक्रेटिक पार्टी)          0
जन सुराज पार्टी (महाराष्ट्र)            0
प्रहार जनशक्ति पार्टी (महाराष्ट्र)     0

एनडीए में 301 सांसद हैं. इसके बाद सांसदों के लिहाज से जो सबसे बड़ा दल है, उसमें 12 सांसद ही हैं. वहीं राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी के 7 सांसद हैं.

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वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में जेजेपी को 619,970 वोट यानी 0.10 फीसदी वोट, टीएमसी को 220,849 वोट यानी    0.04 फीसदी, बीपीपी को 446,774 वोट यानी 0.07 फीसदी वोट, पीएमके को 2,297,431 वोट यानी 0.37 फीसदी, यूपीपीएल को 416,305 वोट यानी  0.07 फीसदी वोट, एआईआरएनसी को 247,956 वोट यानी 0.04 फीसदी वोट, HAM को 956,501 वोट यानी 0.16 फीसदी वोट, सुभासपा को 313,925 वोट यानी 0.05 फीसदी वोट, केरल कांग्रेस (थॉमस) को 421,046 वोट यानी 0.07 फीसदी वोट, यूडीपी को 267,256 वोट यानी 0.04 फीसदी वोट मिले थे यानी कहा जा सकता है कि बीजेपी के साथ खड़े भले ही इन दलों के अपने सांसद न हो, लेकिन उनके पास 62 लाख से ज्यादा का वोट बैंक है.

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