
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव परिणाम बुधवार को घोषित कर दिए गए. मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को भारी मतों से हरा दिया. इस चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे को 7897 वोट मिले, जबकि शशि थरूर को महज 1072 वोट मिले. इसी के साथ ही कांग्रेस को 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिल गया है. अब वह 26 अक्टूबर को शपथ लेंगे.
अब कांग्रेस के प्रमुख के रूप में खड़गे को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी को फिर से संगठित करने और पार्टी के चुनावी भाग्य को सुधार करने का काम सौंपा गया है. खड़गे को एक कट्टर कांग्रेसी और गांधी परिवार का बेहद वफादार माना जाता है. खड़गे कई मंत्रालयों में अपनी भूमिका निभा चुके हैं. स्वभाव से शांत खड़गे कभी भी किसी बड़े राजनीतिक विवाद में नहीं उलझे लेकिन इन सब के बाद भी कुछ मामलों में वह खुद को विवादों में फंसने से नहीं बचा सके.
50 हजार करोड़ की अवैध संपत्ति, 300 एकड़ का बागान
2014 में मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ एक लोकायुक्त शिकायत दर्ज की गई थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि उनके पास 50,000 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक थी.
कर्नाटक बीजेपी ने 208 में आरोप लगाए थे कि खड़गे के पास चिकमगलूर जिले में 300 एकड़ का कॉफी बागान है, जिसकी कीमत 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है. वहीं बन्नेरघट्टा में 500 करोड़ रुपये का एक विशाल परिसर है. भाजपा ने 2018 में आरोप लगाए थे।
5,000 करोड़ रुपये का नेशनल हेराल्ड मामला
मल्लिकार्जुन खड़गे यंग इंडिया लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि हैं, जो एसोसिएटेड जर्नल्स के मालिक हैं. नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यंग इंडिया ईडी की जांच के दायरे में है. हाल में जांच एजेंसी ईडी ने गांधी परिवार के बेहद करीबी खड़गे को 5,000 करोड़ रुपये के कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब किया था. एजेंसी ने दिल्ली में यंग इंडिया लिमिटेड के कार्यालयों को आंशिक रूप से सील करने के बाद खड़गे से अगले दिन सात घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की गई थी.
बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव प्रचार के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे पिछले दिनों भोपाल में थे. यहां जब मीडिया से उनसे पूछा कि क्या 2024 में सबसे पुरानी पार्टी उन्हें या राहुल गांधी को अपने प्रधानमंत्री पद के लिए मैदान में उतारेगी? तो इस पर उन्होंने ऐसी टिप्णी कर दी थी, जिससे वह बीजेपी के निशाने पर आ गए थे. दरअसल खड़गे ने कहा था- 'एक कहावत है- बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे'. पहले, इन चुनावों को खत्म होने दो और मुझे अध्यक्ष बनने दो फिर हम देखेंगे.
इस पर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने खड़गे का वीडियो पोस्ट कर उनकी टिप्पणी की कड़ी निंदा की था. उन्होंने कहा था- 'सबसे पहले, मुहर्रम एक उत्सव नहीं बल्कि एक शोक है! यह मुसलमानों का अपमान है.']
शपथ ग्रहण में सीट को लेकर हुआ विवाद
जुलाई में जब द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनीं तब मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया था. कांग्रेस ने तब दावा किया था कि समारोह के दौरान खड़गे को उनके पद के अनुरूप सीट नहीं दी गई. हालांकि, केंद्र ने आरोप का खंडन किया कहा था कि एलओपी राज्यसभा को कैबिनेट मंत्रियों के बराबर एक सीट दी गई थी.