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चंद्रबाबू नायडू को आया नीतीश कुमार का फोन, जानिए क्या हुई बात, शपथ ग्रहण से अनुपस्थिति पर उठ रहे थे सवाल

नीतीश कुमार की चुप्पी कई बार बहुत संकेत दे जाती है. बिहार के मुख्यमंत्री बुधवार को जब चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे तो कई चर्चाएं होने लगी है. दोनों ही नेता केंद्र में बनी नई एनडीए सरकार में किंगमेकर के रोल में हैं. लिहाजा इनमें से एक की गैरहाजिरी कई सवाल खड़े कर रही थी.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चंद्रबाबू नायडू के साथ (फोटो- पीटीआई) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चंद्रबाबू नायडू के साथ (फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:48 AM IST

बिहार के सीएम नीतीश कुमार बुधवार को चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण में नहीं आए. नीतीश और चंद्रबाबू नायडू दोनों ही मोदी 3.0 सरकार के किंगमेकर हैं. बुधवार को जब नीतीश चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण में नहीं  पहुंचे तो एनडीए की नयी नवेली सरकार की सेहत पर चर्चाएं शुरू हो गई. बिहार की विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने तुरंत इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि NDA के घटक दलों के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है.

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इन कयासबाजियों के बीच खबर आई है कि नीतीश कुमार ने कल यानी बुधवार को ही तेलुगु देशम पार्टी के मुखिया एन चंद्रबाबू नायडू को फोन किया है. रिपोर्ट के अनुसार चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने उन्हें फोन किया और मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी. बिहार के मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार नीतीश ने नायडू से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी अगुवाई में दक्षिण का ये राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा. 

बता दें कि केंद्र की नई एनडीए सरकार में नीतीश दूसरे सबसे बड़े घटक दल जेडीयू के नेता है. इस सरकार में 16 एमपी के साथ टीडीपी सबसे बड़ा घटक दल है और 12 सांसदों के साथ नीतीश कुमार की जेडीयू दूसरे नंबर पर है. 

नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में क्यों नहीं पहुंचे नीतीश कुमार! बढ़ी सियासी हलचल 

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नरेंद्र मोदी सरकार के लिए इन दोनों ही घटक दलों का एनडीए में रहना जरूरी है. दोनों ही पार्टी को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में दो-दो मंत्रालय मिले हैं. 

इधर आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू को प्रचंड बहुमत मिला है. हालांकि नायडू ने अपनी सरकार में पवन कल्याण की पार्टी जनसेना और बीजेपी को शामिल किया है. एनडीए को यहां 175 में 164 सीटें मिली हैं. इस सरकार का शपथ ग्रहण बुधवार को हुआ. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा मौजूद रहे. 

एनडीए नेताओं की बात करें तो एलजेपी-आर के नेता चिराग पासवान, महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, अनुप्रिया पटेल, आरपीआई नेता रामदास अठावले जैसे नेता मौजूद रहे. लेकिन इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार नहीं पहुंचे थे. इसके बाद विपक्ष के कुछ दलों ने टिप्पणी की थी. 

आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा था कि, "जब नीतीश कुमार के मन मुताबिक काम नहीं होता तो वो मौन धारण कर लेते हैं. किसी न किसी तरीके से वो इस बात का संकेत देते हैं."

एजाज अहमद ने कहा था कि भाजपा को तो बहुमत मिला नहीं. NDA के नाम पर उन्होंने बहुमत पाया है. इसके बाद मंत्रालयों का जिस तरह बंटवारा हुआ और अभी लोकसभा अध्यक्ष की भी बात होनी है. इससे आगे कई चीजें होने वाली हैं. 

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हालांकि नीतीश की गैरमौजूदगी पर जेडीयू की भी प्रतिक्रिया आई थी. बिहार के मंत्री और जेडीयू नेता जमा खान ने कहा था कि समारोह में नहीं जाने के कई कारण हो सकते हैं, उनकी तबीयत भी खराब हो सकती है. 

इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री कार्यालय से बयान आया कि नीतीश कुमार ने चंद्रबाबू नायडू को बिहार का सीएम बनने पर बधाई दी है और उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि उनके नेतृत्व में आंध्र प्रदेश तरक्की के नए आयाम छुएगा. 

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