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नीतीश कुमार को किन पार्टियों के 'INDIA' गठबंधन में आने की है उम्मीद और क्यों?

विपक्षी गठबंधन की मुंबई बैठक से पहले नीतीश कुमार ने कहा है कि इसमें अभी और नई पार्टियां आएंगी. बिहार के मुख्यमंत्री और विपक्षी एकजुटता की कवायद के अगुवा नीतीश कुमार को किन पार्टियों के विपक्षी गठबंधन मेंं आने की उम्मीद है और क्यों है?

बिकेश तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 9:18 PM IST

विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) की तीसरी बैठक महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में होनी है. मुंबई में होने वाली इस बैठक से पहले संयोजक को लेकर बहस छिड़ी हुई है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू यादव ने कहा है कि इस गठबंधन में एक नहीं, अनेक संयोजक होंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी साफ कर दिया है कि वे संयोजक नहीं बनना चाहते. इन बयानों को लेकर जारी बहस के बीच नीतीश कुमार के एक बयान से सियासी हलचल बढ़ गई है.

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नीतीश कुमार ने कहा था कि 2024 के चुनाव से पहले अधिक से अधिक पार्टियों को एकजुट करना चाहता हूं. मुंबई की बैठक में कुछ और राजनीतिक दलों के विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की संभावना है. नीतीश के इस बयान के बाद कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने कहा कि कुछ पार्टियां जल्द विपक्षी गठबंधन में शामिल हो सकती हैं और कुछ 2024 के चुनाव से ठीक पहले हमारे साथ आएंगी. कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा ने नीतीश कुमार से दो कदम आगे जाकर ये दावा कर दिया कि एनडीए की बैठक में शामिल हुई पार्टियों में से करीब आधा दर्जन पार्टियां हमारे संपर्क में हैं. 

मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने जा रही I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक से पहले नीतीश कुमार और कांग्रेस प्रवक्ता के दावों में कितना दम है? ये सवाल भी उठ रहे हैं कि इनको किन पार्टियों के विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की उम्मीद है और क्यों है? वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क ने कहा कि नीतीश कुमार जितनी पार्टियों को साथ ला सकते थे, उतने दलों को ला चुके हैं. अब इससे अधिक पार्टियों को वे साथ नहीं ला सकते. मुकेश सहनी के दल विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी के विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने कहा कि इसकी संभावना शून्य है. बीजेपी को जमकर कोसने वाले मुकेश सहनी के तेवर एनडीए को लेकर नरम पड़े हैं. ये वीआईपी की एनडीए से नजदीकी का संकेत है.

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किन दलों पर है I.N.D.I.A. की नजर

I.N.D.I.A. की नजर एनडीए के फॉर्मूले पर चलते हुए छोटी-छोटी पार्टियों को अपने साथ जोड़ने की है. असम की एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने तब पटना पहुंचकर तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार से मुलाकात कर विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी जब पहली बैठक भी नहीं हुई थी. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा), शिरोमणि अकाली दल, इंडियन नेशनल लोक दल पर भी इंडिया गठबंधन की नजर है.

I.N.D.I.A. गठबंधन के नेता उन दलों के नेताओं से संपर्क साध रहे हैं जिनसे उनके संबंध अच्छे रहे हैं. जैसे नीतीश कुमार ने खुद बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक से मुलाकात की थी. हालांकि, इस मुलाकात को पटनायक के रुख में कोई बदलाव नहीं आया. गठबंधन की नजर एक खास क्षेत्र, जाति, वर्ग पर मजबूत पकड़ रखने वाली छोटी-छोटी पार्टियों, छोटे-छोटे संगठनों पर भी है जिनकी संसद या विधानसभा में मौजूदगी नहीं है.

विपक्ष को मायावती के साथ आने की उम्मीद क्यों 

मायावती बार-बार ये दोहराती रही हैं कि बसपा अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी. मायावती ने बसपा नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों पर चर्चा की और इसके बाद भी यही बात दोहराई कि पार्टी अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी. इसके बावजूद विपक्षी गठबंधन को उनके साथ आने की उम्मीद क्यों है? ये जानने के लिए थोड़ा पीछे चलते हैं. पटना में विपक्षी दलों की बैठक से ठीक पहले मायावती ने कहा था कि विपक्ष में चल रही हलचलों पर हमारी नजर है.

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वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर श्रीराम त्रिपाठी कहते हैं कि मायावती सधी राजनीति करती हैं. उतावलेपन या हड़बड़ाहट की जगह पूरी तरह से ठोक-बजाकर निर्णय लेती हैं. मायावती अकेले लड़ने की बात तो करती हैं लेकिन बीआरएस प्रमुख केसीआर या बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक की तरह विपक्षी गठबंधन के लिए अपने दरवाजे भी बंद नहीं किए हैं.

यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु वाजपेयी ने कहा कि हम चाहते हैं कि बीजेपी और एनडीए को हराने के लिए सभी पार्टियां कांग्रेस और I.N.D.I.A. के साथ आएं. मायावती के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो एक सम्मानित नेता हैं. उनके लिए I.N.D.I.A. के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं. हम उनका स्वागत करेंगे.

क्या कांग्रेस हटाएगी अजमल की एंट्री का बैरियर

विपक्षी गठबंधन का मुख्य फोकस यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में एनडीए को घेरने पर है. मणिपुर के मुद्दे को लेकर आक्रामक नजर आए विपक्ष की रणनीति में अब असम भी आ गया है. असम की ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) शुरू से ही विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताती रही है. पार्टी के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने पटना पहुंचकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से मुलाकात कर ये इच्छा व्यक्त भी की थी. लेकिन कहा जाता है कि कांग्रेस के साथ तल्खी एआईयूडीएफ के विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की राह में रोड़ा बन गई थी. अब अजमल की I.N.D.I.A. में एंट्री की चर्चा फिर से शुरू हो गई है.

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नीतीश कुमार के दावे में कितना दम

नीतीश कुमार के इस दावे के पीछे बदरुद्दीन अजमल की पार्टी के सकारात्मक रुख, मायावती के गठबंधन के लिए दरवाजा खुला रखने और जनता परिवार की इंडियन नेशनल लोकदल जैसी पार्टियों का रुख वजह बताया जा रहा है. दूसरा पहलू ये भी है कि इंडिया गठबंधन हर बैठक में कुछ नए दलों को साथ जोड़ने की रणनीति पर चल रहा है. पटना की बैठक में जहां 15 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे, वहीं बेंगलुरु की बैठक में ये संख्या 26 तक पहुंच गई. मुंबई की बैठक में किन नई पार्टियों को निमंत्रण दिया जाता है, ये देखने वाली बात होगी.

 

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