Advertisement

कर्नाटक CM के शपथ ग्रहण समारोह में जाएंगे नीतीश, विपक्ष को मजबूत करने का किया ऐलान

कर्नाटक में शानदार जीत हासिल करने के बाद भी कांग्रेस को अब कैबिनेट गठन करने में कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के लिए नेताओं का चुनाव कर पार्टी ने एक चुनौती से तो पार पा लिया है.

नीतीश कुमार- फाइल फोटो नीतीश कुमार- फाइल फोटो
aajtak.in
  • ,
  • 19 मई 2023,
  • अपडेटेड 5:08 PM IST

कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत और अब सीएम का चेहरा तय होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान आया है. शुक्रवार को नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस की जबरदस्त जीत हुई है. हमलोग कर्नाटक जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम विपक्ष को मजबूत करने में लगे हैं. हम सब एकजुट हो जाएंगे तो फायदा होगा. नीतीश कुमार ने कहा कि मैं मनोनीत मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं, उन्होंने और कांग्रेस अध्यक्ष ने मुझे शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है, इसलिए मैंने उनसे कहा कि मैं आऊंगा. अगर विपक्षी पार्टियां साथ आएं तो ये देश हित में अच्छा फैसला होगा. उसके लिए प्रयास जारी हैं.

Advertisement

मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह कह चुके हैं कि कर्नाटक में सरकार के गठन के बाद विपक्ष की एकता को लेकर होने वाली बैठक की तारीख तय होगी।

कांग्रेस के सामने कैबिनेट गठन की चुनौती
कर्नाटक में शानदार जीत हासिल करने के बाद भी कांग्रेस को अब कैबिनेट गठन करने में कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के लिए नेताओं का चुनाव कर पार्टी ने एक चुनौती से तो पार पा लिया है लेकिन अगली चुनौती फिर से सामने खड़ी है और वो है मंत्रिपरिषद का गठन. 

ऐसा माना जा रहा है कि कुछ मंत्री, मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के साथ पद की शपथ लेंगे जबकि अन्य को कुछ दिनों बाद मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा.

अधिकांश चाहते हैं मंत्री पद 
अगर कांग्रेस के 135 निर्वाचित विधायकों और पार्टी के एमएलसी के प्रोफाइल पर नजर मारें तो उनमें से 60 नेता ऐसे हैं जो किसी ना किसी तरह मंत्री बनना चाहते हैं. 

Advertisement

दिलचस्प बात यह है कि इनमें चालीस से ज्यादा विधायक और 4-5 एमएलसी पहले कांग्रेस और फिर बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. संविधान के अनुसार कर्नाटक के लिए मंत्रिपरिषद की अधिकतम संख्या 34 हो सकती है. ऐसे में जो पूर्व में मंत्री रह चुके हैं, उनमें से भी सभी को समायोजित करना मुश्किल होगा. 

इसके अलावा, कई नए लोग भी हैं जो मंत्रालय में सेवा करने के इच्छुक हैं. मुख्यमंत्री और पार्टी नेतृत्व अनुभव के साथ दिग्गजों का संतुलन सुनिश्चित करना चाहेंगे.
 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement