
कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार की बैठक संपन्न हुई. कार्यसमिति ने सोनिया गांधी से पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बने रहने और संगठन को मजबूत करने के लिये बदलाव लाने का अनुरोध किया है. सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से हर संभव तरीके से सोनिया और राहुल गांधी के हाथों को मजबूत करने का संकल्प लिया. वहीं बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि सबको साथ मिलकर काम करना चाहिए. मैं किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं रखती हूं लेकिन पार्टी की बात पार्टी फोरम पर ही कहनी चाहिए.
इसके बाद सीडब्ल्यूसी ने पार्टी के सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिये आवश्यक संगठनात्मक बदलाव के लिये सोनिया गांधी को अधिकृत किया है. संगठन में व्यापक बदलाव की मांग पर सीडब्ल्यूसी ने स्पष्ट किया कि किसी को भी पार्टी, उसके नेतृत्व को कमजोर करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. कांग्रेस की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया कि पार्टी के अंदरूनी मामलों पर मीडिया के जरिये या सार्वजनिक मंच पर चर्चा नहीं की जा सकती, ऐसे मुद्दे हर हाल में पार्टी के अंदर उठाए जाएं.
कांग्रेस कार्य समिति ने पार्टी का नया अध्यक्ष चुनने के लिये यथाशीघ्र एआईसीसी का सत्र बुलाने का फैसला किया है. कांग्रेस कार्यसमिति में सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के पद पर बनी रहेंगी. अध्यक्ष पद के लिए चुनाव अगले 4-5 महीने में होगें. वहीं बैठक में यह भी तय किया गया कि अब कांग्रेस का सदस्यता अभियान भी शुरू किया जाना चाहिए.
नेतृत्व विवाद पर मंथन के बाद CWC ने सोनिया को बनाया अंतरिम अध्यक्ष, दिया ये अधिकार
CWC की ये बैठक सोनिया गांधी को करीब 2 हफ्ते पहले लिखी गई एक चिट्ठी की प्रतिक्रिया के तौर पर बुलाई गई थी. कम से कम 23 नेताओं जिनमें CWC के सदस्य, UPA सरकार में मंत्री रहे नेता और सांसदों ने सोनिया गांधी को संगठन के मसले पर चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में सशक्त केंद्रीय नेतृत्व के साथ पार्टी को चलाने की सही रणनीति पर जोर दिया गया था. इसमें कहा गया था कि नेतृत्व ऐसा हो जो सक्रिय हो और जमीन पर काम करता दिखे.
कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस दो फाड़, एक तरफ 'गांधी'-दूसरी तरफ 'बागी'
सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने आनंद शर्मा पर पत्र लिखने का आरोप लगाया और खेद व्यक्त किया कि आजाद, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता उस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले लोगों में शामिल थे.