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2024 में NDA से मुकाबले के लिए विपक्ष का नया प्लान, 'INDIA' बनाकर दिए 5 संदेश

बेंगलुरु की बैठक में विपरीत विचारधाराओं से जुडे़ कई दल दिखे, जो राज्य में एक-दूसरे के कट्टर सियासी दुश्मन हैं. अब तक सब अलग-अलग चुनाव लड़ते थे, लेकिन अब एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, एक नई पहचान और एक नए नाम के साथ.

विपक्ष की महाबैठक से निकला ये संदेश विपक्ष की महाबैठक से निकला ये संदेश
मौसमी सिंह/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST

भारतीय राजनीति में विपक्षी एकता के लिए 18 जुलाई का दिन हमेशा याद किया जाएगा. मंगलवार 26 विपक्षी दलों के गठबंधन का नामकरण हो गया इसके साथ ही 2004 में बने UPA का सियासी अस्तित्व खत्म हो गया. अब यूपीए अतीत की बात हो गई और भारतीय राजनीति में एक नए गठबंधन ने आकार ले लिया है. तो क्या चुनावी इतिहास में जैसा कमाल 1977 और 1989 में एकजुट विपक्ष ने किया था, वैसा नया गठबंधन कर पाएगा. आइए आपको टीम इंडिया और टीम एनडीए की शक्ति के बारे में बताते हैं.

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मंच तो एक है लेकिन दल अनेक हैं. यहां देश के वो तमाम क्षेत्रीय क्षत्रप मौजूद हैं, जिन्होंने अपने दम पर मोदी मैजिक को अपने गढ़ में रोका है. इनमें अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, सिद्दारमैया जैसे नेता शामिल हैं. यहां विपरीत विचारधाराओं से जुडे़ कई दल दिखे, जो राज्य में एक-दूसरे के कट्टर सियासी दुश्मन हैं. अब तक सब अलग-अलग चुनाव लड़ते थे, लेकिन अब एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, एक नई पहचान और एक नए नाम के साथ.

विपक्ष का नया नाम I.N.D.I.A.

मंगलवार को 26 दलों के गठबंधन का नामकरण हो गया. नाम है इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस. शॉट फॉर्म में समझे तो 26 दलों के गठजोड़ का नाम हैं इंडिया. गठबंधन का नाम तय हो गया लेकिन इन तस्वीरों का सियासी मतलब क्या है? विपक्षी एकता को लेकर दो दिवसीय मंथन से 24 के लिए क्या प्लान निकला? विपक्षी एकता सम्मेलन में नेताओं के हाथ मिले लेकिन क्या दिल मिले? इन सवालों का जवाब विपक्षी एकता की इन तस्वीरों में छिपा हुआ हैं, क्योंकि 2024 के लिए विपक्षी दलों ने मोदी को बड़ा संदेश दे दिया है.

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संदेश नंबर-1

विपक्षी एकता पर तमाम तरह की कयासबाजी पर पूर्ण विराम लग गया है. अब तक सबसे बड़ा सवाल यही था कि विपक्षी एकता कैसे संभव है. पटना में हुई पहली बैठक में अध्यादेश को लेकर केजरीवाल वापस लौट गए थे तो पहली बैठक के चंद दिनों के बाद NCP में फूट पड़ गई थी, लेकिन दूसरी बैठक में ना सिर्फ गठबंधन का नाम तय हो गया बल्कि तस्वीरों ने बता दिया कि 2024 में मोदी के खिलाफ ऑल बनाम मोदी की चुनावी जंग के लिए सभी सीरियस हैं. वही कांग्रेस सभी को एकजुट करने के लिए हर कुर्बानी के लिए तैयार है. 

संदेश नंबर-2

2024 के लिए विपक्षी गठबंधन में पार्टियों का विस्तार मोदी के खिलाफ सबसे बड़ी चुनावी जंग में कितनी पार्टियां एक छाते के नीचे संग आएंगीं. ये बड़ा सवाल है. चुनाव से पहले विपक्षी एकता का ट्रेलर पहले पटना और अब बेंगलुरु में दिखा. 2024 के लिए 26 दलों का गठबंधन तैयार है, ये वो गठबंधन है, जिसमें तमाम क्षेत्रिय क्षत्रप हैं. जिनका बड़ा जनाधार हैं, मतलब विपक्षी एकता के विस्तार में दम है. 26 विपक्षी दलों ने अपने पत्ते खोल दिए हैं, 2024 में मोदी को हराने के लिए विपक्ष के 26 दल अब मिलजुल कर चुनाव लड़ेंगे. तैयारी पूरी है, लेकिन मोदी के सामने विपक्षी दलों की एकता का बल कितना टिकेगा, ये बड़ा सवाल अब भी बरकरार है. 

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संदेश नंबर-3

विचारधारा अलग-अलग लेकिन बड़े लक्ष्य के लिए सब साथ आ गए, अगर विपक्षी एकता के गुलदस्ते में मौजूद फूल को देखें तो विचारों की महक अलग-अलग है. बंगाल में TMC और कांग्रेस धुर विरोधी हैं, लेकिन सामान्य लक्ष्य के लिए एक साथ आ गए. पंजाब, दिल्ली और गुजरात में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस धुरविरोधी हैं, लेकिन 2024 के लिए दोनों ने हाथ मिला लिया है. चाहे नीतीश कुमार हो या फिर उद्धव ठाकरे, दोनों लंबे वक्त तक एनडीए का हिस्सा रहे हैं लेकिन अब विपक्षी गठबंधन का हिस्सा हैं.

संदेश नंबर-4

अगर आप गठबंधन के नाम को देखे तो नाम में ही विपक्षी एकता की शक्ति का मंत्र मौजूद है. इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस. यहां डेवेलपमेंटल का मतलब है विकास की राजनीति जबकि इंक्लूसिव का मतलब है, सबका सम्मान, सबका साथ यानी नफरत के खिलाफ मुहब्बत की राजनीति.

संदेश नंबर-5

भारतीय राजनीति में तीसरा मौका है जब सत्ता प्रतिष्ठान के खिलाफ सभी विपक्षी दल एक जुट हुए हैं. इससे पहले 1977 में पहली बार विपक्षी नेता एक साथ आए, गठबंधन की सरकार बनी थी. तब मोरारजी देसाई के नेतृत्व में पहली गैर कांग्रेसी सरकार का गठन हुआ था. इसके बाद जनता पार्टी ने अलग-अलग दलों के समर्थन से 1989 में वीपी सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी. अब 2024 चुनाव में भी तीसरा मौका होगा जब तमाम विपक्षी दल एक जुट होकर सत्ता पक्ष के खिलाफ चुनाव में हुंकार भरेंगे.

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इंडिया ही क्यों रखा गया नाम?

ऐसे में आइए यह भी जान लेते हैं कि बेंगलुरु में हुई 26 विपक्षी दलों की बैठक में गठबंधन का नाम इंडिया क्यों रखा गया. इंडिया यानी 'इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्ल्युएसिव अलायंस'. आपको बता दें कि राहुल गांधी ने सीधे सीधे कहा कि ये बीजेपी और विपक्ष के बीच की लड़ाई नहीं है बल्कि देश की आवाज के लिए लड़ाई है और इसलिए गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. चुना है और तो और ममता बनर्जी ने यहां तक कह दिया कि अब रियल चैलेंज स्टार्ट हो चुका है.

2024 के राजनीति के केनवास पर बेंगलुरु में खिंची नई तस्वीर तो छप चुकी है, जिसमें 26 दल लाइन लगाकर बैठे हैं और मोदी को हराने की सौगंध ले चुके हैं. पूरा प्लान तैयार, खाका तैयार है, 2024 के लोकसभा चुनाव में स्टेप बाई स्टेप कब और क्या करना है और 26 दलों के इस गठबंधन को नाम दिया गया है, I.N.D.I.A. 

राहुल गांधी ने दिया I.N.D.I.A. का नाम

इस नए नामकरण से ये तो साफ हो चुका है कि अब चुनाव में बार बार इंडिया का नाम सुना जाएगा. जो राष्ट्रवाद की भावना से ओत प्रोत होगा. कहीं ना कहीं ये नाम इसलिए दिया गया है कि क्योंकि बीजेपी की अगुवाई वाला एनडीए राष्ट्रवाद की काफी बातें करता है. ऐसे में समझा जा रहा है कि विपक्ष के गठबंधन का I.N.D.I.A. नाम, नया मूमेंटम पैदा कर सकता है और मोदी-शाह की जोड़ी के खिलाफ भी माहौल पैदा करने के लिए काफी सोच समझ कर ये नाम चुनाव गया है. सूत्रों की मानें तो मोदी के खिलाफ इकट्ठा हुए, 26 दलों के इस गठबंधन का I.N.D.I.A. नाम रखने के प्रस्ताव, राहुल गांधी ने दिया था, जिसे सभी दलों ने स्वीकार कर लिया.

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सत्ताधारी नेता INDIA का मजाक नहीं बना पाएंगे

मोदी के खिलाफ बेंगलुरु में विपक्ष की दूसरी बैठक को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात की थी कि विपक्ष 26 दलों के इस गठबंधन को क्या नाम देगा. तो आपको बता दें कि विपक्षी पार्टियों ने बैठक के दौरान काफी विचार-विमर्श के बाद गठबंधन के नाम पर सहमति दी और ये भी चर्चा हुई कि विपक्ष के गठबंधन के नाम को लेकर बीजेपी बहुत सियासत ना कर पाए. बीजेपी विपक्षी गठबंधन के नाम पर मजाक या तंज नहीं कस पाए. यही वजह रही कि विपक्ष ने इस बार यूपीए को छोड़कर I.N.D.I.A. यानी Indian, National, Developmental, Inclusive, Alliance नाम रख लिया.

अगली बैठक में तय होगा संयोजक- खड़गे

इस बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. इस दौरान एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि इस गठबंधन को कौन लीड करेगा. इसके जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम 11 लोगों की समिति बनाएंगे जिसका संयोजक अगली मुंबई की बैठक में तय होगा. इस गठबंधन का नया सचिवालय अब दिल्ली में बनाया जाएगा. 

दिल्ली में NDA की बैठक

बेंगलुरु में विपक्ष ने 26 दलों के गठबंधन का नाम इंडिया दिया, तो बेंगलुरु से करीब दो हजार किलोमीटर दूर दिल्ली में भी बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की बैठक हुई और इस बैठक में एनडीए ने 38 दलों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया. ये बताने की भी कोशिश की, विपक्ष के कुनबे से बड़ा एनडीए का कुनबा है. लेकिन कांग्रेस कह रही है पुराने धुराने एनडीए में फिर से जान फूंकने की कोशिश की जा रही है. तो इसका जवाब बीजेपी इस तरह से दे रही है कि उसकी अगुवाई वाले एनडीए में 350 से ज्यादा सांसद हैं, जबकि विपक्ष की बैठक में जितनी पार्टियां शामिल हुई है, उनके पास लगभग 150 ही सांसद हैं. यानी बीजेपी ये बता रही है कि दम तो एनडीए में ही है.

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इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने चिराग पासवान को भी गले लगाया. इस तस्वीर से संदेश गया कि मोदी किस तरह से अपने कुनबे को सहेज रहे हैं. 2024 की प्लानिंग के लिए एनडीए की बैठक से पहले, पीएम मोदी कुछ इस अंदाज में चिराग पासवान से मिलते हैं. पहले चिराग मोदी के पांव छूते हैं फिर मोदी उन्हें गले से लगाते हैं. इससे संदेश यह जा रहा है कि विपक्ष की एकता को देखकर अब बीजेपी भी एनडीए के दलों को दुलार दे रही है. 2024 की लड़ाई कितनी तगड़ी होने वाली है, ये इसी से पता चलता है कि जब विपक्ष ने 26 दलों का गठबंधन बनाया, तो बीजेपी ने भी बता दिया कि एनडीए में उसके साथ पूरे 38 दल खड़े हैं.

विपक्ष ने जिन 26 दलों को जोड़कर गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. दिया है, उनमें... 

1- कांग्रेस

2- टीएमसी

3- जेडीयू

4- आरजेडी

5- एनसीपी

6- सीपीएम

7- सीपीआई

8- समाजवादी पार्टी

9- डीएमके

10- जेएमएम

11- आम आदमी पार्टी

12- शिवसेना (उद्धव  गुट)

13- नेशनल कॉन्फ्रेंस

14- पीडीपी

15- आरएलडी

16- आईयूएमएल

17- केरल कांग्रेस (एम)

18- एमडीएमके

19- वीसीके

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20-  आरएसपी

21- केरल कांग्रेस (जोसेफ)

22- केएमडीके

23- अपना दल कमेरावादी

24- एमएमके

25- सीपीआईएमएल

26- एआईएफबी

और बीजेपी के साथ एनडीए में जो 38 दल हैं, उसमें इतनी पार्टियां शामिल हैं. 

1- बीजेपी

2- शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट)

3- एनसीपी (अजित पवार गुट)

4- राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस)

5- AINDMK

6- अपना दल (सोनेलाल)

7- नेशनल पीपुल्स पार्टी

8- नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी

9- ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन

10- सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा

11- मिज़ो नेशनल फ्रंट

12- इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंस ऑफ त्रिपुरा

13- नागा पीपुल्स फ्रंट

14- RPI

15- असम गण परिषद

16- पत्तली मक्कल कच्छी

17- तमिल मनिला कांग्रेस

18- यूनाइटेड पीपुलिस पार्टी लिबरल

19- सुहेलदेव समाज पार्टी

20- अकाली दल

21- महाराष्ट्रवादी गोमांटक पार्टी

22- जननायक जनता पार्टी

23- प्रहार जनशक्ति पार्टी

24- राष्ट्रीय समाज पक्ष

25- जन सुराज्य शक्ति पार्टी

26- कुकी पीपुल्स अलायंस

27- यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी

28- हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी

29- निषाद पार्टी

30- ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस

31- एचएएम

32- जन सेना पार्टी

33- हरियाणा लोकहित पार्टी

34- भारत धर्म जन सेना

35- केरल कामराज कांग्रेस

36- पुथिया तमिलगम

37- लोकजनशक्ति पार्टी (राम विलास पासवान)

38- गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट

यानी 2024 की लड़ाई में पूरे 64 दल दो खेमों में बंट चुके हैं. दोनों तरफ से प्रहार है, एक तरफ से वंशवाद, भ्रष्टाचार का वार तो दूसरी तरफ से लोकतंत्र को खतरे का प्रहार है. 

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