
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को शौर्य दिवस पर पाकिस्तान को बड़ी चेतावनी दी है. इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को हासिल करने के संकेत दिए हैं. राजनाथ सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में उसने (पाकिस्तान) जो किया है, उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर में लोगों पर 'अत्याचार' कर रहा है और उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने आगे कहा कि हमने कश्मीर का विकास कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम गिलगित-बाल्टिस्तान नहीं पहुंच जाते.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और लद्दाख इलाके में समग्र विकास के कार्य शुरू हो गए हैं और गिलगित और बाल्टिस्तान पहुंचने पर हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे. राजनाथ ने पीओके में लोगों पर पाकिस्तान के 'अत्याचारों' का उल्लेख किया और कहा कि पड़ोसी देश को 'इसके परिणाम भुगतने' होंगे.
आतंकवादियों का एक ही उद्देश्य है...
उन्होंने पाकिस्तान पर मानवाधिकारों के नाम पर मगरमच्छ के आंसू बहाने का आरोप लगाया और कहा- 'पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों का दर्द हमें ही नहीं, बल्कि उन्हें भी परेशान करता है. आतंकवाद के 'तांडव' को जम्मू-कश्मीर ने कश्मीरियत के नाम पर देखा है, जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है.' उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है. आतंकवादियों का एकमात्र उद्देश्य भारत को निशाना बनाना है.
पीएम मोदी ने कश्मीर से भेदभाव समाप्त कर दिया
उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों में जब आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की गई तो कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों ने मानवाधिकारों के उल्लंघन का रोना रोया. उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले ने जम्मू-कश्मीर में लोगों के खिलाफ भेदभाव को समाप्त कर दिया है. रक्षा मंत्री ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ भेदभाव को समाप्त किया गया था. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण का 'यज्ञ' 5 अगस्त को हासिल किया गया था.
75वीं वर्षगांठ पर शौर्य दिवस मनाया गया
बता दें कि सेना ने 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर श्रीनगर (बडगाम हवाई क्षेत्र) के पुराने हवाई क्षेत्र में 'शौर्य दिवस' का आयोजन किया. 1947 में श्रीनगर के पुराने हवाई क्षेत्र में सिख रेजिमेंट ने जम्मू और कश्मीर को पाकिस्तानी सेना से बचाने के लिए बड़े सैन्य अभियान को अंजाम दिया था. ये स्वतंत्र भारत का पहला ऐसा सैन्य अभियान था, जिसने 1947-48 के युद्ध की दिशा बदल दी. मिशन के लिए भेजे गए भारतीय सेना के सैनिकों का विमान 27 अक्टूबर, 1947 को श्रीनगर में लैंड किया था और पाकिस्तानी सेना को खदेड़ भगाया था. इसीलिए हर साल 27 अक्टूबर को भारतीय सेना 'इन्फेंट्री डे' के रूप में मनाती है.
इस साल थल सेना और वायुसेना ने इस खास दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाया. क्योंकि गुरुवार को भारतीय वायुसेना के कश्मीर एयर बेस का स्वर्ण जयंती समारोह भी है. कार्यक्रम स्थल पर ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह, ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान, मेजर सोमनाथ शर्मा और मकबूल शेरवानी के बड़े कट-आउट लगे हुए थे. ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह की 80 साल की बेटी उषा परमार और अन्य शहीदों के परिवार के सदस्य भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.