लोकसभा में आज अप्रवासन और विदेशी विधेयक 2025 पेश किया गया है. वहीं लोकसभा में मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा की गई है. लेकिन विपक्ष की ओर से वोटर लिस्ट और तीन भाषा नीति के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की जा रही, जिसे लेकर सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला.
लोकसभा में वित्त मंत्री ने मणिपुर बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में हालात अब सुधर रहे हैं और लोगों को रिलीफ कैंप से घर भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय की ओर से पुनर्वास के लिए 400 करोड़ का फंड आवंटित किया गया है. इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य और पीएम आवास के तहत विस्थापितों को घर मुहैया कराए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र की योजनाओं के तहत फंड आवंटित किए जा रहे हैं ताकि वहां रेलवे, सड़कें, वाटर सप्लाई से जुड़े काम सुचारू ढंग से चल सकें.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मेरे देश के युवा अगर पांच भाषा सीखें तो मेरे लिए यह हर्ष की बात होगी. उन्होंने कहा कि तीन भाषा का फॉर्मूला भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लाया जा रहा है, कोई किसी पर भाषा थोप नहीं सकता. नई शिक्षा नीति में भी मातृ भाषा अनिवार्य है लेकिन वैकल्पिक भाषा के तौर पर दो अन्य भाषाओं को शामिल किया गया है. मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु के नेताओं को संकीर्ण सोच से बाहर आना चाहिए और छात्रों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए. मंत्री के जवाब के बाद सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
लोकसभा में मणिपुर के बजट पर चर्चा के दौरान जोरदार हंगामा हो रहा है. इसके बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई है.
नई शिक्षा नीति और तीन भाषा नीति पर बोलते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगर मेरे शब्दों से किसी को भी ठेस पहुंची है तो फिर से माफी मांगने को तैयार हूं और कनिमोझी तो मेरी बहन जैसी हैं, मैं किसी का अपमान नहीं कर सकता. लेकिन फिर भी सच को स्वीकार करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार काशी-तमिल संगम आयोजित करती है और हमारा मानना है कि तमिल हमारी प्राचीन भाषा है, उसका हम देश-विदेश हर जगह प्रचार-प्रसार करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि तमिल भाषा देश की साझी विरासत है, उस पर किसी का एकाधिकार नहीं है. हमने तमिलनाडु सरकार को नई शिक्षा नीति और पीएमश्री लागू करने के लिए कई लेटर लिखे हैं और इस पर वहां के अधिकारियों से भी बात की है.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पूरी दुनिया में बहुभाषा पर चर्चा हो रही है, हम किसी के अधिकार छीनने के लिए भाषा का कभी इस्तेमाल नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों में हमने यूपीए सरकार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्तियां की हैं. यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों पर प्रधान ने कहा कि राजनीतिक लोगों को विश्वविद्यालयों में कैसे नियुक्ति दी जा सकती है, पहले ऐसा होता आया है लेकिन अब ऐसा कतई नहीं हो सकता.
राज्यसभा में शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम कोई भी भाषा किसी पर लादना नहीं चाहते लेकिन भारतीयता और भारतीय भाषाओं पर हमें नाज है. उन्होंने कहा कि हमने उच्च शिक्षा का बजट बढ़ाया है और वैश्विक स्तर तक पहुंचाने के लिए उसमें और निवेश की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि AI फॉर एजुकेशन के लिए 500 करोड़ रुपये बजट में आवंटित किए गए हैं. आज ड्रॉप आउट रेट घट रही है और शिक्षा में महिलाओं, पिछड़ी जातियों की भागीदारी बढ़ रही है. शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने पर भी काम किया जा रहा है.
लोकसभा में मणिपुर की बजट पर चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद सयाली घोष ने कहा कि राज्य में 600 से भी ज्यादा दिनों से हिंसा भड़की हुई है और राष्ट्रपति शासन अब लगाया गया है. अगर यह एकमात्र विकल्प था तो पहले यह कदम क्यों नहीं उठाया गया. उन्होंने कहा कि वहां सैकड़ों की लोगों की मौत हुई है, हजारों घायल है और हजारों रिलीफ कैंप में रहने को मजबूत हैं. घोष ने कहा कि सरकार ने मणिपुर में शांति बहाली के लिए कोई कदम नहीं उठाए और जो कुछ किया भी वह कारगर साबित नहीं हुआ. टीएमसी सांसद ने कहा कि बीजेपी के डबल इंजन ने मणिपुर के लोगों को कुचला है. घोष के बयान पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे बेतुके बयान सदन की गरिमा के खिलाफ हैं. इससे पहले भी बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने घोष के बयान की निंदा की.
राज्यसभा में शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस सांसद एचडी देवगौड़ा ने कहा कि विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर्स की नियुक्ति के वक्त सरकार को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि किसी तरह का विवाद न पैदा हो सके. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में ऐसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान हैं जिनके पास टीचर्स को देने के लिए सैलरी तक नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार से अपील है कि वो ऐसे संस्थानों की मदद करे.
लोकसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने सरकार से जीएसटी की रेट को कम करने की मांग की. उन्होंने कहा कि पेट्रोल तीन साल से सेंचुरी मार रहा है लेकिन जनता को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है. आजाद ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में बीजेपी का बहुमत है और सरकार चाहे तो जरूरी सामानों पर रेट कम कर सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो पेट्रोल-डीजल पर एक्सरसाइज ड्यूटी कम करके इसे सस्ता कर सकती है.
लोकसभा में विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा चल रही है. वहीं राज्यसभा में नेता विपक्ष खड़गे के बयान पर हंगामा हो गया. जेपी नड्डा की आपत्ति की बाद उन्हें आसन से अपने बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी.
नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा कि चार अधिनियमों की जगह यह नया विधेयक ला जा रहे हैं जिनमें से तीन तो संविधान लागू होने से पहले के हैं. कुछ अधिनियम तो विश्व युद्ध के दौरान के हैं और उन्हें बदलना जरूरी है. इसके बाद स्पीकर की ओर से विधेयक को पेश करने की इजाजत दी गई. लोकसभा में इसके बाद चेयर की अनुमित से जरूरी मुद्दे उठाए जा रहे हैं.
टीएमसी सांसद सौगत राय ने भी बिल का विरोध किया. इसके बाद राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि यह बिल की पूरी तरह संवैधानिक है और सातवीं अनुसूचि में यह विषय आता है. भारत में प्रवेश और निष्कासन विषय के तहत यह बिल आता है. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिहाज से यह बिल बहुत जरूरी है. राय ने कहा कि हम किसी को रोकने के लिए यह बिल नहीं ला रहे बल्कि जो लोग आएं वे भारत के कानून का पालन करें, इसके लिए यह बिल ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि विदेश के रहने और उनकी सुरक्षा के लिए अस्पताल पहले भी उनकी जानकारी मुहैया कराते आए हैं लेकिन यह प्रावधान अभी आदेश के रूप में है, जिसे कानून के रूप में लाया जा रहा है.
लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से अप्रवासन और विदेशी विधेयक 2025 पेश किया. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि मूलभूत अधिकारों का हनन है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान के मुताबिक नहीं है और इसमें में विदेशी नागरिकों के अस्पताल में भर्ती होने तक का ब्यौरा मांगा गया है जो कि मेडिकल एथिक्स के खिलाफ है. तिवारी ने मांग करते हुए कहा कि इस बिल को वापस लिया जाए या फिर जेपीसी के पास भेजा जाए.
लोकसभा में प्रश्न काल खत्म हो चुका है. स्पीकर ओम बिड़ला ने बताया कि मुझे कई मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं. लेकिन किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया है. उन्होंने इसके बाद सभा पटल पर दस्तावेज रखने की अनुमति दी. उधर राज्यसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हो चुकी है और उच्च सदन में प्रश्न काल चल रहा है.
लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर पात्र किसान के खाते में किसान सम्मान निधि के पैसे जा रहे हैं. अगर किसी भी कारण पिछली राशि रुक भी गई हो तो उन दिक्कतों को दूर करके पुराना पैसा भी दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन किसानों के नाम जुड़े हैं उनके खाते में तत्काल राशि दी जा रही है. मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन राज्य सरकार को हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा. मंत्री ने बताया कि मैं दो बार तमिलनाडु जा चुका हूं लेकिन वहां के मंत्री हमारी बैठकों तक में नहीं आते हैं.
राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव के नोटिस अस्वीकार करने के बाद लगातार हंगामा हो रहा है. इसके बाद उपसभापति ने सांसदों ने अपनी सीट पर बैठने की अपील की और न मानने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक प्रश्न काल के लिए स्थगित कर दी है.
राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने बताया कि नियम 267 के तहत वोटर लिस्ट, परिसीमन और तीन भाषा नीति के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव के 21 नोटिस मिले हैं. हालांकि चेयर की ओर से किसी भी नोटिस को स्वीकार नहीं किया गया है. इसके बाद डीएमके समेत तमाम विपक्षी दलों के सांसद सदन में हंगामा और नारेबाजी करने लगे. राज्यसभा में अब चेयर की अनुमति से शून्य काल के दौरान जरूरी मुद्दे उठाए जा रहे हैं.
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. लोकसभा में प्रश्न काल चल रहा है. वहीं राज्यसभा में सदन के पटल पर पेपर रखे जा रहे हैं. राज्यसभा में सेक्रेटरी जनरल ने बताया कि लोकसभा ने बीते दिन की बैठक में लैडिंग बिल को मंजूरी दे दी है.
संसद परिसर में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ डीएमके सांसद प्रदर्शन कर रहे हैं.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भारत की ओर से टैरिफ में कथित कटौती पर चर्चा करने के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है. वहीं AAP सांसद मालविंदर सिंह कांग ने पंजाब में पाकिस्तान की सीमा पर, ड्रग्स की तस्करी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन में बढ़ोतरी का दावा करते हुए इस मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है. कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी वोटर लिस्ट के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया है.