
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार से होने वाली है. कोरोना महामारी के कारण संसद के सत्र में इस बार सब कुछ बदला-बदला सा नजर आने वाला है. इसके साथ ही ये चुनौतीपूर्ण भी होने वाला है. लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला भी मानते हैं कि ये सत्र चुनौतीपूर्ण होने वाला है. ओम बिरला ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ये सत्र हमारे लिए चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन साथ में ऐतिहासिक भी होगा, क्योंकि व्यपाक सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए हम संसद चलाएंगे.
ओम बिरला ने बताया कि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा और सफलतापूर्वक सत्र चलेगा. लोकसभा हर रोज 4 घंटे बैठेगी. ऐसे में शून्य काल की अवधि भी कम करके आधे घंटे कर दी गई है. सवालों का जवाब भी लिखित रूप में दिया जाएगा.
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सभी एक हैं. अब वक्त संवैधानिक दायित्यों को पूरा करने का है. सत्र से पहले सभी सदस्यों को अपना टेस्ट कराना होगा. ओम बिरला ने कहा कि सांसद डिजिटल तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे. इस बार संसद भवन में पूरी तरह से डिजिटल पत्राचार होगा. संक्रमण से बचाने के लिए लगातर सैनिटाइजेशन भी होता रहेगा.
गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होगा और यह एक अक्तूबर को समाप्त होगा. कोविड-19 के बीच आयोजित होने वाले इस सत्र के लिये सघन तैयारियां की जा रही है, जिसमें सांसदों की जांच कराने से लेकर लोकसभा और राज्यसभा में दूरी बनाकर बैठने की व्यवस्था करना शामिल है. इसके लिये दो चैम्बरों और गैलरी का उपयोग किया जाएगा, जहां सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है.
ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा के हॉल में 257 सदस्य बैठेंगे, जबकि लोकसभा गैलरी में 172 सदस्य बैठेंगे. राज्यसभा में 60 सदस्य और राज्यसभा गैलरी में 51 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है. कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिये स्क्रीन एलईडी लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चैम्बरों को कीटाणुमुक्त बनाया जाएगा और सांसदों को सत्र शुरू होने से पहले कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर जांच करना होगा.