
कांग्रेस के सांसद गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को राज्यसभा में 8 सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाया. उन्होंने साथ ही दो मांग भी रखी है. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक सांसदों का निलंबन वापस नहीं लिया जाता और सरकार MSP की गारंटी नहीं देती तब तक हम सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे.
गुलाब नबी आजाद ने कहा कि पिछले दो दिन में जो कुछ भी हुआ, मुझे नहीं लगता कि उससे कोई खुश है. गुलाम नबी ने कहा कि ये हमारा परिवार है और सभापति जी आप इस परिवार के मुखिया है. घर में भी झगड़े होते हैं. टाइम की कमी ही सौतन बन गई है. इसी कारण ये घटना हो गई. इतने बड़े विषय होते हैं, समय कम होता है बोलने का. कई बार तो ऐसे झगड़े होते हैं जैसे लगता ही कि सीमा पर लड़ रहे हैं.
गुलाम नबी ने कहा कि सांसद कम समय के कारण अपनी बात नहीं रखने के कारण नाराज रहते हैं. ये झगड़ा नहीं होना चाहिए था. कोई माइक तोड़े, मेज पर चढ़े, ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए. सरकार की मजबूरी हम समझ सकते हैं. परसों 18 पार्टियां एक तरफ थीं और एक पार्टी एक तरफ थी. सारा झगड़ा इसी पर हो गया. समय ही हमारी लड़ाई का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया. सरकार और विपक्ष के बीच तालमेल होना चाहिए, लेकिन सरकार और आसन के बीच तालमेल होना जरूरी नहीं है.
रामगोपाल यादव ने क्या कहा
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने हंगामे पर कहा कि सरकार ने संयम से काम लिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोगों से गलती हुई है और जो बड़े होते हैं, उनका दिल बड़ा होना चाहिए. उन्हें माफ करना चाहिए. उनका निलंबन रद्द किया जाए. मैं सभी सांसदों की तरफ से माफी मांगता हूं.
सांसदों का धरना
बता दें कि कृषि बिल पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने राज्यसभा में हंगामा किया था. इस दौरान कई सांसदों ने उपसभापति की टेबल पर कागज फाड़े थे, माइक तोड़ दिया था. साथ ही उपसभापति पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद एक अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया था. इसी पर एक्शन लेते हुए राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने विपक्ष के आठ सांसदों को निलंबित कर दिया था. जिसके बाद सभी सांसद सोमवार शाम से ही संसद परिसर में धरने पर बैठे हैं.