Parliament monsoon session: लोकसभा में संविधान (127वां) संशोधन बिल पर चर्चा के बाद वोटिंग हुई और दो-तिहाई बहुत से बिल पास हो गया. सरकार ने इस बिल को ओबीसी समाज को मजबूत करने वाला बताया है. साथ ही कहा है कि इस बिल के पारित होने से राज्यों को अपनी ओबीसी लिस्ट तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा. माना जा रहा है कि इससे राज्य सरकारों द्वारा ओबीसी जातियों को आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा. यही वजह है कि तमाम विपक्षी दलों ने भी इस बिल का समर्थन किया है. कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी तक, सभी प्रमुख दलों ने लोकसभा में इस संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन किया है. हालांकि, विपक्षी दलों की तरफ से ये मांग भी रखी गई कि ओबीसी आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा देने का कानूनी अधिकार भी दिलाने की व्यवस्था की जाए.
संविधान संशोधन बिल पास होने के तुरंत बाद आयुष मंत्रालय से जुड़े दो और बिल भी लोकसभा से पारित हो गए. पहले द नेशनल कमीशन फॉर होम्योपैथी (संशोधन) बिल, 2021 पारित किया गया और इसके बाद तुरंत ही द नेशनल कमीशन इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन बिल, 2021 भी पारित हो गया. इन बिलों के पास होने के बाद सदन की कार्यवाही को बुधवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया.
लोकसभा से संविधान (127वां) संशोधन बिल, 2021पारित हो गया है. इस बिल के पक्ष में 385 वोट पड़े, जबकि विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा. यानी कम से कम दो-तिहाई बहुमत से बिल पारित हो गया.
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने जवाब देते हुए कहा कि जिस तरह सदन ने बिल का समर्थन किया वो स्वागतयोग्य है. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि बीजेपी की नीति और नीयत साफ है. कांग्रेस को जवाब देते हुए वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जब 102वां संशोधन लाया गया था, तब भी कांग्रेस ने उसका समर्थन किया था. इसलिए अब कांग्रेस के पास सवाल उठाने का नैतिक अधिकार नहीं है. मराठा आरक्षण राज्य का विषय है और अब केंद्र ने उन्हें इस पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र कर दिया है.
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने अपनी पार्टी की तरफ से संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया. जब भी सरकार गरीब और पिछड़ों की भलाई के लिए कोई कदम उठाती है, आप उसमें सरकार का समर्थन करती है. भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में ज्यादातर आबादी ओबीसी है, खेती से जुड़े हुए हैं. इसलिए कृषि कानून वापस लिए जाएं ताकि ओबीसी को असली खुशी मिले वरना उनका सब खत्म हो जाएगा.
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया है. सांसद विजय कुमार हांसदाक ने कहा कि जब प्राइवेटाइजेशन हो रहा है तो आरक्षण का क्या होगा. उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि जो बेटा अपनी संपत्ति बेचता है वो नालायक कहलाता है, अब आप अंदाजा लगा लीजिए कि आप लायक हैं या नहीं.
निर्दलीय सांसद सांसद नवनीत राणा ने कहा कि केंद्र सरकार ने ये बिल लाकर ऐतिहासिक निर्णय लिया है. मैं महाराष्ट्र सरकार से अपील करूंगी कि दो दिन का अविधेशन बुलाकर ओबीसी समुदाय के साथ न्याय कीजिए.
डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि आप सारे अधिकार पीएम और गृहमंत्री के पास रखना चाहते हैं, इसलिए ऐसे हालात पैदा हुए हैं. वीपी सिंह ने मंडल आयोग लागू किया और बीजेपी ने उनकी कुर्सी ही छिनवा दी. दयानिधि मारन ने ओबीसी बिल को चुनाव से जोड़ते हुए कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि यूपी चुनाव हर साल हो, ताकि ज्यादा ओबीसी मंत्री बनाए जाएं. तमिलनाडु की तरह ओबीसी आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाकर 69 फीसदी की जाए.
RLP सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हम इस संविधान संशोधन बिल का समर्थन करते हैं. लेकिन अगर किसान और महंगाई पर चर्चा का समय मिल जाता तो अच्छा होता. हनुमान बेनीवाल ने कहा कि पिछले 6 महीने से किसान आंदोलित हैं और ये सभी ओबीसी लोग हैं, इसलिए किसान बिल वापस ले लें.
बसपा सांसद मलूक नागर ने कहा कि कांग्रेस हमेशा पिछड़ों का वोट लेती रही लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया. आज अगर पिछड़ों को कुछ मिल रहा है तो कांग्रेस वाले समर्थन तो कर रहे हैं लेकिन कंडीशनल कर रहे हैं.
अपना दल की तरफ से सांसद अनुप्रिया सिंह पटेल ने लोकसभा में ओबीसी बिल का समर्थन किया. साथ ही उन्होंने कहा कि ओबीसी जातियों की गणना की जाए. इस बिल के आने से उन पिछड़ी जातियों को न्याय मिलेगा, जिनकी पहचान भी नहीं हो पा रही थी.
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार ने ये बिल लाकर शाहबानो की परंपरा को बरकरार रखा है. ये सरकार ओबीसी के लिए नहीं है. ओवैसी ने कहा कि जो मुसलमानों की बैकवर्ड कास्ट हैं उन्हें तेलंगाना में आरक्षण मिलता है लेकिन केंद्र में नहीं मिलता. ओवैसी ने कहा कि महाराष्ट्र में मुसलमानों की वो 50 कास्ट जो पिछड़ी हैं उनकी कोई बात नहीं करता, सिर्फ मराठा आरक्षण की बात की जाती है. हमें सिर्फ इफ्तार की दावत और खजूर मिलेगा, आरक्षण नहीं मिलेगा. ओवैसी ने ये भी कहा कि जब एससी कास्ट में हिंदू, बुद्ध आ सकते हैं तो फिर मुसलमानों को इसमें क्यों नहीं शामिल कर सकते. 1950 के प्रेसिडेंशियल ऑर्डर को धर्म फ्री किया जाए. इसके अलावा ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार क्यों डर रही है, 50 फीसदी की लिमिट क्रॉस कर दीजिए, जब प्यार किया तो डरना क्या. आपकी मोहब्बत ओबीसी से नहीं, वोट से है.
अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने संविधान संशोधन का समर्थन किया. इसके साथ ही उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज भी उठाई. उन्होंने कहा कि सरकार सबका साथ, सबका विकास की बात करती है लेकिन काले कानूनों के चलते इतने किसान मर रहे हैं उनकी चिंता सरकार को नहीं है.
राज्यसभा आज नहीं चल पाई है. कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई लेकिन कोई सार्थक चर्चा या कामकाज नहीं हो पाया. अंतत: चार बजे सदन को कल तक स्थगित कर दिया गया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद हसनैन मसूदी ने कहा कि इस सरकार ने राज्यों के अधिकार छीन लिए और अब अपनी गलतियों को ये बिल लाकर सुधारा जा रहा है. मसूदी ने कहा कि ऐसी ही नाइंसाफी 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को तोड़कर की गई थी. हसनैन मसूदी ने सवाल उठाया कि क्या आप सभी राज्यों के टुकड़े कर सकते हैं, अगर नहीं तो फिर जम्मू-कश्मीर के साथ ऐसा क्यों किया गया. हसनैन मसूदी ने अपनी बात रखते हुए ओबीसी बिल का समर्थन भी किया.
सीपीएम सांसद ए.एम आरिफ ने भी अपनी पार्टी की तरफ से संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया. सांसद ने कहा कि अगर अगले साल यूपी में चुनाव न होते तो सरकार ये कदम न उठाती.
राज्यसभा की कार्यवाही को एक बार फिर स्थगित किया गया है. अब सदन 4 बजे शुरू होगा.
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने संविधान संशोधन बिल पर अपनी बात रखने के बाद ये भी कहा कि पेगासस पर चर्चा से सरकार क्यों भाग रही है, पीएम सदन में आएं और पेगासस जासूसी पर चर्चा की जाए.
राज्यसभा के विपक्षी सांसदों ने हाथ में काला बैंड बांधा और काले कपड़े पहनकर सरकार का विरोध किया. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सदन में विपक्ष की आवाजा को दबाया जा रहा है.
राज्यसभा में लगातार शोरगुल और हंगामा हो रहा है जिसको देखते हुए सदन की कार्यवाही को एक बार फिर स्थगित कर दिया गया है. अब सदन की कार्यवाही 3.03 बजे फिर से शुरू होगी.
सपा सांसद अखिलेश यादव ने संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया. अखिलेश यादव ने कहा कि देश में दलितों-पिछड़ों को सबसे ज्यादा बीजेपी ने गुमराह किया है. अखिलेश ने कहा कि जब तक 50 फीसदी की लिमिट नहीं बढ़ाई जाएगी तब तक कैसे फायदा मिलेगा. बीजेपी जातियों में नफरत फैलाने का काम करती है. अखिलेश ने मांग की है कि जातिगत जनगणना के आंकड़े साझा किए जाएं. अखिलेश ने कहा कि एक-दो पिछड़े मंत्री बनने से भला नहीं होगा, आरक्षण की लिमिट बढ़ानी होगी. अखिलेश ये भी कहा कि सपा सरकार यूपी में जाति जनगणना करके दिखाएगी.
यूपी के अंबेडकरनगर से बसपा सांसद रितेश पांडे ने कहा कि आरक्षण ने पिछड़े और एससी-एसटी लोगों को बहुत मदद की है. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. रितेश पांडे ने कहा कि सरकार एक तरफ ओबीसी समुदाय के उत्थान का ढिंढोरा पीट रही है और दूसरी तरफ जितनी भी सरकारी नौकरियां हैं वो कम की जा रही हैं. 97 फीसदी नौकरियां प्राइवेट सेक्टर में हैं और बची हुई 3 फीसदी नौकरियां भी संविदा पर दी जा रही हैं और वोट लेने के लिए बीजीपी सरकार ओबीसी समुदाय को गुमराह कर रही है. पांडे ने कहा कि जब नौकरियां ही नहीं हैं तो आरक्षण का फायदा कैसे मिलेगा. बहन कुमारी मायावती ने हमेशा मांग की है कि ओबीसी समाज की अलग से जनगणना होनी चाहिए, क्योंकि ये जनगणना नहीं होती है तो ये समाज को उनके अधिकारों से वंचित रखने जैसा है.
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने 50 फीसदी की बाध्यता वाले मामले में कहा कि केंद्र सरकार अगर महाराष्ट्र सरकार के साथ खड़ी रहे तो ये समस्या भी दूर हो जाएगी. इसके अलावा सुप्रिया सुले ने ओबीसी के डेटा की मांग भी रखी. इसके अलावा सुप्रिया सुले ने ये भी कहा कि पेट्रोल-डीजल के रेट भी थोड़े कम करा दीजिए ताकि अंतिम पायदान वाले शख्स को कुछ फायदा पहुंच जाए.
समस्तीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद प्रिंस राज ने कहा इस विधेयक के पारित होने से मराठा, जाट, पटेल और लिंगायत समुदाय को लाभ मिलेगा. इसलिए हम अपनी पार्टी तरफ से सरकार के इस बिल का समर्थन करते हैं.
राज्यसभा में आज बिल्कुल काम नहीं हो पाया है. 2 बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई है, लेकिन विपक्ष जमकर हंगामा कर रहा है.
बीजेडी सांसद रमेश चंद्र मांझी ने सदन को बताया कि हमारे नेता नवीन पटनायक और हमारी पार्टी संविधान संशोधन बिल का समर्थन करते हैं. वहीं, TRS सांसद भीमराव पाटिल ने कहा कि केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना पर इच्छाशक्ति नहीं दिखाई है, अगर ऐसा किया गया होता तो ज्यादा अच्छा होता. मैं सरकार से ओबीसी के लिए अलग मंत्रालय की मांग करता हूं, साथ ही 50 फीसदी आरक्षण की सीमा हटाने की भी हम मांग करते हैं और इस बिल का समर्थन करते हैं.
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के लिए मंडल आयोग उसी सरकार ने बनाया जिसे बीजेपी ने समर्थन दिया था. 2004 से 2014 तक यूपीए का शासन रहा, सभी पार्टियों के ओबीसी सांसदों ने कमीशन को संवैधानिक मान्यता देने की मांग करते रहे, लेकिन आपने नहीं किया. मोदी सरकार ने संवैधानिक आयोग बनाया और पिछड़े समाज को अधिकार देने का काम किया.
बिहार से जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि सरकार की नीयत साफ है, जब रिव्यू पिटीशन रद्द हो गई तो सरकार 127वां संशोधन लेकर आई है. इस मसले पर सरकार की नीयत साफ है. लेकिन हमारी सरकार से एक मांग है कि ओबीसी को आप पूर्णत: न्याय नहीं दिला पाएंगे, जब तक जातिगत जनगणना नहीं होगी. हमारी मांग है कि 2022 में जातिगत जनगणना कराई जाए. जेडीयू ने संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया.
वाईएसआर कांग्रेस सांसद बी. चंद्रशेखर ने सदन में बताया कि उनकी पार्टी संविधान संशोधन बिल का समर्थन करती है.
लोकसभा में एक तरफ जहां ओबीसी से जुड़े बिल पर चर्चा हो रही है, वहीं दूसरी तरफ गृह मंत्रालय की तरफ से एक सवाल में जवाब में बताया गया है कि फिलहाल, जाति आधारित आंकड़े शेयर करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
तृणमूल कांग्रेस सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि आज जैसे सहमति के साथ हम ओबीसी बिल पर चर्चा कर रहे हैं, कल पेगासस पर चर्चा हो जाए तो अच्छा होगा, ये टीएमसी का प्रस्ताव है. बंदोपाध्याय ने कहा कि तृणमूल इस बिल का समर्थन करती है.
DMK सांसद टी.आर बालू ने संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया, साथ ही कहा कि आरक्षण में 50 फीसदी की बाध्यता भी खत्म होनी चाहिए.
यूपी के बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने इस विषय पर कहा कि हर राज्य में जानवरों तक की गिनती हुई लेकिन ओबीसी समाज की गिनती नहीं कराई गई. 2011 में कांग्रेस की सरकार थी, जनगणना हुई लेकिन संख्या नहीं बताई गई. देश में आखिरी बार जातिगत आधारित जनगणना 1931 में हुई थी, तब से अनुमान के हिसाब से ही संख्या बताई जा रही है. संघमित्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि आजादी के बाद से आपकी सरकार बनी लेकिन आपने ओबीसी समाज को हक नहीं दिलाया. संघमित्रा ने कहा कि अगर ओबीसी लिस्ट से जुड़े इस संशोधन पर मुहर लग जाती है तो हम सिर्फ चुनावों में याद नहीं किए जाएंगे.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में मराठा आरक्षण पर भी अपनी बात रखी और बताया कि इस समाज की मांग काफी लंबी है. कांग्रेस ने सरकार से मराठा लोगों की मांगों को ध्यान में रखने की मांग भी की है.
राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं और इसके साथ ही हम मांग करते हैं कि 50 फीसदी की बाध्यता पर कुछ किया जाए. कुछ प्रदेशों में इससे भी ज्यादा है. तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण है. इसी तरह बाकी राज्यों को भी कानूनी तौर पर ये ताकत दी जाए कि वो आरक्षण को 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ा सकें.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 2018 में 102वां संविधान संशोधन लाया गया. आपने ओबीसी कमीशन बनाया लेकिन आपने राज्यों के अधिकारों का हनन किया. बहुमत की बाहुबली से आप सदन में मनमानी कर रहे हैं. प्रदेशों से जब आवाज उठने लगी और अधिकारों को न छीनने की आवाज उठाई जाने लगी तो आप इस रास्ते पर मजबूरन आए. यूपी, उत्तराखंड में चुनाव, इसलिए आप लोगों को खुश करने के लिए ये संशोधन लाए.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इजरायल, फ्रांस, हंगरी हर जगह पेगासस पर जांच हो रही है, कहीं तो सरकार बदलने की नौबत आ चुकी है. लेकिन हमारे यहां छोटी सी चर्चा करने पर भी डर रहे हैं.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता सदन अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम एक जिम्मेदार पार्टी के नाते आज इस बिल पर भाग ले रहे हैं. हर दिन हम पर हंगामे के आरोप लगते हैं. हम बताना चाहते हैं कि संसद हमारे लिए हवा महल नहीं है, हम आम आदमी के मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं.
बिल पर चर्चा की शुरुआत करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने सदन को बताया कि यह संशोधन राज्यों को ओबीसी सूची पर निर्णय लेने के लिए सशक्त करेगा.
लोकसभा में संविधान (127वां) संशोधन विधेयक पर चर्चा शुरू हो गई है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नारेबाजी कर रहे सांसदों से कहा कि आप संसदीय मर्यादाओं को गिरा रहे हैं, ये उचित नहीं है.
दोपहर 12 बजे एक बार फिर से दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हुई है लेकिन विपक्ष का हंगामा कम नहीं हो रहा है. दोनों ही सदनों में शोरगुल के बीच कार्यवाही जारी है.
संसद के बाहर शिरोमणि अकाली दल, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के सांसदों ने प्रदर्शन किया. अकाली और बसपा सांसदों का किसानों के समर्थन में ये प्रदर्शन पूरे सत्र के दौरान देखने को मिला है. इस दौरान अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव दूर नहीं है, ये लड़ाई जारी रहेगी.
लोकसभा में आज भी प्रश्नकाल नहीं चल सका और हंगामा देखते हुए सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया. इससे पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि तख्तियां लहराने या नारेबाजी के लिए सदन में आपको नहीं भेजा गया है, आपका ये तरीका गलत है.
लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है और सदन शुरू होते ही विपक्षी सांसद नारेबाजी करने लगे हैं. नारेबाजी कर रहे सांसद वेल तक पहुंच गए हैं.
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा होने लगा, जिसके बाद राज्यसभा सभापति ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया.
राज्यसभा में आज भी कांग्रेस सांसद की तरफ से किसानों के मुद्दे पर नोटिस दिया गया है और चर्चा की मांग की गई है. यानी लोकसभा में भले ही ओबीसी लिस्ट से जुड़े संविधान संशोधन बिल पर विपक्ष सरकार का साथ दे, लेकिन राज्यसभा में आज भी हंगामे के आसार हैं.
लोकसभा में आज संविधान (127वां) संशोधन विधेयक, 2021 चर्चा के लिए सूचीबद्ध है. इसके अलावा होम्पोपैथी बिल और इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन बिल भी कार्यसूची में है.
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी संसदीय दल की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे हैं.
ओबीसी संशोधन बिल पर आज लोकसभा में चर्चा होगी और सरकार इसे पास कराने की कोशिश करेगी. विपक्षी पार्टियों ने भी इस बिल पर समर्थन देने का ऐलान किया है और कहा कि इस बिल को चर्चा करके पास करना चाहिए. बीजेपी ने लोकसभा में आज और राज्यसभा में 2 दिन के लिए के लिए व्हिप जारी किया है.