राज्यसभा में बुधवार को संविधान (127वां) संशोधन विधेयक, 2021 पर चर्चा की गई. लंबी बहस के बाद ये बिल आसानी से पास हो गया. इस बिल को पूरे विपक्ष का साथ मिला और पक्ष में 187 वोट पड़े. लोकसभा से ये बिल 10 अगस्त को पास हो गया था. इस बिल के पास होते ही राज्यसभा में साधारण बीमा कारोबार से जुड़े विधेयक पेश किया गया, जो कुछ ही देर के अंदर पारित भी हो गया. हालांकि, इस दौरान लगातार सदन में हंगामा होता रहा. इसके बाद सदन में कुछ हाथापाई की घटना भी हुई जबकि दूसरी तरफ आयुष मंत्रालय से जुड़े दो बिल भी पारित हो गए. इस तरह 19 जुलाई से शुरू हुआ मॉनसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. इस तरह 19 जुलाई से शुरू हुआ मॉनसून सत्र समाप्त हो गया है.
राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने मांग रखी कि चेयरमैन को एक स्पेशल कमेटी बनानी चाहिए और राज्यसभा में जिस तरह से हंगामा किया गया है उसकी पूरी जांच होनी चाहिए और मामले में कठोर से कठोर एक्शन होना चाहिए, ताकि आगे चलकर कोई सदस्य सदन का इस तरह अपमान न करे.
राज्यसभा से राष्ट्रीय भारतीय आयुर्विज्ञान प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित हो गया.
आयुष मंत्री सर्बानंद सोनावाल ने राज्यसभा में राष्ट्रीय भारतीय आयुर्विज्ञान प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 (The National Commission for Indian System of Medicine (Amendment)Bill, 2021) पेश किया.
राज्यसभा में राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 राज्यसभा से पारित हो गया है.
आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की तरफ से राज्यसभा में राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया गया है. ये विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है.
शाम 7.04 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारी महिला सांसद के साथ मार्शल्स की तरफ से बदसलूकी की गई. खड़गे ने कहा कि इतने मार्शल लगा रखे हैं, हमारी लेडी मेंबर के खिलाफ मेल मार्शल खड़े कर रखे हैं, किला बना दिया. विपक्ष की तरफ से कहा गया है कि इस दौरान एक महिला कांग्रेस सांसद घायल हो गईं. इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मार्शल्स के साथ खींचतान की गई और जिसने ये किया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
राज्यसभा से साधारण बीमा कारोबार बिल पास होते ही सदन की कार्यवाही को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया.
साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 राज्यसभा से पास हो गया है. विपक्ष वेल में खड़ा होकर हंगामा करता रहा और कुछ मिनटों में ही ये बिल पारित हो गया. इस दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर के बहाने कत्ल किया जा रहा है और पूरा देश देख रहा है इंश्योरेंस सेक्टर के साथ आप क्या कर रहे हैं. इस दौरान शर्म करो, शर्मा के नारे भी सदन में लगते रहे.
शाम 6.26 बजे जैसे ही सदन शुरू हुआ, वेल में खड़े विपक्ष के सांसद हंगामा करने लगे. चेयर की तरफ कागज उड़ाए गए और शर्म करो, शर्म करो की नारेबाजी होने लगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 पेश किया है, जिस पर राज्यसभा में हंगामा हो रहा है.
ओबीसी आरक्षण बिल पास होते ही राज्यसभा में साधारण बीमा कारोबार से जुड़ा विधेयक लाया गया, जिस पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा देखते हुए सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.
राज्यसभा में संविधान (127वां) संशोधन विधेयक, 2021 वोटिंग के जरिए पारित हो गया. लोकसभा से ये बिल 10 अगस्त को पास हो गया था.
विपक्ष के सांसदों के विचार आने के बाद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने अपना जवाब सदन के सामने रखा. उन्होंने कहा 50 फीसदी कैप, जातिगत जनगणना और क्रीमीलेयर के बिंदु उठाए गए. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार 50 फीसदी आरक्षण की सीमा पर विचार होना चाहिए, ये सीमा 30 साल पहले लगाई गई थी. साथ ही उन्होंने कहा कि 2011 में जनगणना हुई थी, जो आंकड़े आए वो बहुत जटिलता से भरे हुए थे.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बिल पर चर्चा में धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव को आगे किया जा रहा है और कांग्रेस को गाली दी जा रही है. खड़गे ने कहा क्योंकि यूपी और अन्य राज्यों में चुनाव है, शायद इसलिए ऐसा हो रहा है. खड़गे ने बिल पर कहा कि 50 परसेंट का कैप हटा दीजिए, एक प्रावधान कर दीजिए ताकि राज्य 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण भी दे सकें. खड़गे ने कहा कि निजीकरण किया जा रहा है. दो बेचने वाले हैं, दो लेने वाले हैं और एक ही राज्य से हैं. इस टिप्पणी के साथ खड़गे ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को आरक्षण के दायरे में लेकर आइए, हम सब समर्थन करेंगे.
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने अपने अंदाज में कहा कि कांग्रेस कर रही हाय-हाय, मोदी सरकार दे रही लोगों को न्याय. इस दौरान आठवले की एक टिप्पणी पर विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया और सदन में कुछ देर हंगामा होता रहा.
बीजेपी सांसद जयप्रकाश निषाद ने संविधान संशोधन बिल के समर्थन में बोलते हुए कहा कि बाबा साहब के सपनों को पीएम मोदी पूरा कर रहे हैं और पिछड़ों का विकास कर रहे हैं.
बसपा सांसद रामजी ने कहा कि बहन जी मायावती की सोच एससी-एसटी और ओबीसी के उत्थान की है. रामजी ने कहा कि अगर आपकी मंशा इस समाज के उत्थान की है तो एससी-एसटी, ओबीसी को प्राइवेट नौकरियों में भी आरक्षण दें. बाबा साहब की फोटो लगाने से अगर एससी, एसटी और ओबीसी का उत्थान होता तो बसपा संसद से कन्याकुमारी तक फोटो लगा देती.
शिरोमणि अकाली दल के सांसद सरदार बलविंदर सिंह भुंडर ने कहा कि हमारी पार्टी बिल का समर्थन करती है. पहली बार ऐसा हुआ है कि केंद्र ने राज्य को अधिकार दिए हैं, ऐसा 1947 के बाद हुआ है. आज जो किसान सड़कों पर बैठा है वो गरीब लोग हैं. उन्हें काम नहीं मिल रहा. इसलिए तीन कृषि कानून भी खत्म करें ताकि देश में हालात सुधरें.
केरल से IUML सांसद अब्दुल वहाब ने कहा कि सारे संस्थानों का प्राइवेटाइजेशन किया जा रहा है, ऐसे में पता नहीं ये आरक्षण कहां जाएगा. अब्दुल वहाब ने बताया कि यूजीसी के डाटा के अनुसार, जेएनयू, डीयू, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के अंदर एक भी प्रोफेसर ओबीसी कोटा ( 1 जनवरी 2020 तक) के तहत नहीं है.
AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ 15 मुकदमे लिख गए हैं. योगी जी से कहिए मेरा एनकाउंटर करा दें. संजय सिंह ने ये भी कहा कि जो किसान आंदोलन पर बैठा है वो भी पिछड़ा है. जो पिछड़े महंगाई से परेशान हैं उनको नौकरी दीजिए.
आम आदमी पार्टी की तरफ से संजय सिंह ने संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि ये वही भारतीय जनता पार्टी है जिसके राज में यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती में 22 हजार नौकरियां ओबीसी वर्ग को मिलनी थीं, उनको मात्र 3.8 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, 18 हजार नौकरियां खा लीं. ये राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग वर्ग की रिपोर्ट है.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि हम संविधान संशोधन बिल पर चर्चा कर रहे हैं, पेगासस पर शाम को बात करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर इस बिल को क्रांतिकारी कहा जा रहा है तो इसका श्रेय महाराष्ट्र को जाता है. लेकिन क्या इस संशोधन के बाद मराठा आरक्षण का रास्ता साफ हो जाएगा, मुझे लगता है नहीं.
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. 2011 में जातीय जनगणना हुई. मैंने भी कई बार सदन में आंकड़ों के बारे में पूछा, जिस पर जवाब दिया गया कि आंकड़े करप्ट हो गए हैं. कल तो लोकसभा में बीजेपी की सांसद ने भी आंकड़े मांग लिए. 50 फीसदी आरक्षण की सीमा की टोपी को हटाना होगा.
जेडीयू सांसद राम नाथ ठाकुर ने बिल का समर्थन किया, साथ ही कहा कि जातीय जनगणना शुरू की जाए ताकि पिछड़ों को असल लाभ मिल सके.
समाजवादी पार्टी ने भी बिल का समर्थन किया है. सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि इस बिल के बाद राज्यों को सूची बनाने का जो अधिकार मिलेगा, उसका तब तक लाभ नहीं मिलेगा जब तक 50 फीसदी का कैप नहीं बढ़ाया जाए. ओबीसी को इस बिल का लाभ तभी मिल सकता है जब लिमिट बढ़ाई जाए. इसके साथ ही जब तक जातीय जनगणना की जाए ताकि सही रूप में आरक्षण लागू हो सके. रामगोपाल यादव ने कहा कि चर्चा इस बात की है जब नई सूची बनेगी तब बीजेपी सरकार यादव, कुर्मी और गुर्जर को सूची से बाहर कर देगी.
AIADMK ने बिल का समर्थन किया. पार्टी के सांसद ए. नवनीतकृष्णन ने कहा कि इस बिल को लाने के लिए हम पीएम मोदी का समर्थन करते हैं. वहीं, सीपीएम सांसद इलामारम करीम ने भी बिल का समर्थन किया.
तेलंगाना राष्ट्र समिति के सांसद प्रकाश बांडा ने बताया कि उनकी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. प्रकाश बांडा ने कहा कि 50 फीसदी आरक्षण लिमिट के चलते ज्यादातर मामलों में आरक्षण 20-22 फीसदी ही लागू हो पाता है. हमने हमेशा पिछड़ी जातियों की जनगणना की मांग की है. हम एक बार फिर भारत सरकार से ओबीसी की जनगणना की मांग करते हैं. टीआरएस सांसद ने ये भी कहा, जब भी ओबीसी की बात आती है तो क्रीमिलेयर आ जाता है, 50 फीसदी की लिमिट आ जाती है, ये क्रीमिलेयर कहां से आया, हमारे समाज को ये पता ही नहीं.
DMK सांसद तिरुचि सिवा ने कहा कि हमारी पार्टी इस संविधान संशोधन बिल का समर्थन करती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये सरकार संशोधन बिल इसलिए ला रही है, क्योंकि इन्होंने जो किया अब उसे वापस लेना है. तिरुचि सिवा ने 50 फीसदी आरक्षण की लिमिट बढ़ाए जाने की मांग भी सदन में रखी. जातिगत जनगणना तुरंत कराई जानी चाहिए.
तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि हम संविधान संशोधन बिल का समर्थन करते हैं, साथ ही ये अपील करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आएं और हमें सुनें. डेरेक ने इस बिल के बहाने सरकार को अयोग्य करार दिया.
बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि एससी-एसटी, ओबीसी के लिए कोई दूसरा काम नहीं करेगा, नरेंद्र मोदी करेंगे. मोदी सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया. इसके साथ ही सुशील मोदी ने आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबोले के आरक्षण पर दिए गए बयान का भी जिक्र सदन में किया.
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये संशोधन लाकर एक गलती तो ठीक हो गई है. लेकिन इस गलती को ठीक करने का फायदा क्या होगा. इस संविधान संशोधन में 50 फीसदी आरक्षण सीमा पर एक शब्द भी नहीं बोला गया है.
सिंघवी ने कहा, ''सब राज्य सूचियां बना लेंगे, लेकिन इन सूचियों का क्या करेंगे. ये सूचियां सिर्फ खाली बर्तन जैसी रहेंगी. 75 प्रतिशत राज्य ऐसे हैं जहां आरक्षण पचास प्रतिशत की सीमा आगे निकल गए हैं. आप उन्हें एक कागजी दस्तावेज दे रहे हैं और एक ऐसा सब्जबाग दिखा रहे हैं जो कानूनी रूप से कार्यान्वित नहीं हो सकता.''
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने संविधान संशोधन बिल पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि 'देर आए, दुरुस्त आए.' उन्होंने कहा कि 2018 में संशोधन लाकर देश के हर राज्य का अधिकार क्षेत्र खत्म कर दिया गया था. एक गलत फैसला लिया गया था, जिसे सुधारने के लिए अब ये संशोधन लाया जा रहा है और बड़ी अजीब बात है कि गलती भी आप करो और बधाई भी आप ही लो. सिंघवी ने कहा कि सेलेक्ट कमेटी ने उस वक्त भी कहा था कि इसमें संशोधन डाल दीजिए, लेकिन तब कहा गया कि इससे केंद्र और राज्य दोनों की सूची कायम रहेगी और बात नहीं मानी गई. सिंघवी ने कहा, ''सरकार ने तो गलती की ही, उच्चतम न्यायालय ने भी बड़ी गंभीर गलती की. उन्होंने इसके मायने, नीयत और उद्देश्य को नजरअंदाज किया.''
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने ओबीसी बिल का राज्यसभा में प्रस्ताव करते हुए चर्चा का आरंभ किया. उन्होंने कहा कि ये संविधान संशोधन राज्यों को ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार देने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि यदि राज्य की सूची को समाप्त कर दिया जाता तो लगभग 631 जातियों को शैक्षणिक संस्थान और नियुक्तियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलता.
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा में अपील की है कि प्रश्नकाल को स्थगित कर दिया जाए और ओबीसी से जुड़े संविधान संशोधन बिल पर चर्चा की जाए. जोशी की इस मांग पर पूरा सदन सहमत नजर आया.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सत्र में कार्यवाही अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रही है, निरंतर व्यवधान के कारण महज 22 प्रतिशत उत्पादकता ही रही. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान संविधान 127वां संशोधन विधेयक सहित कुल 20 विधेयक पारित किए गए, जबकि 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए, सदस्यों ने नियम 377 के अधीन 331 मामले उठाए. ये जानकारी देते हुए ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.
जिस वक्त सदन में राज्यसभा चेयरमैन दुख जाहिर कर रहे थे, उस वक्त भी विपक्ष के सांसद नारेबाजी करते रहे. राज्यसभा चेयरमैन ने कहा कि इस तरह मैं सदन नहीं चला सकता और सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई.
राज्यसभा चेयरमैन एम. वेंकैया नायडू ने सदन में कल हुए हंगामे पर दुख जाहिर किया. हंगामे का जिक्र करते हुए नायडू भावुक हो गए. इस दौरान उन्होंने कहा कि सदन में जो हुआ वो लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है. नायडू ने पूरे सत्र में विपक्ष के रवैये को लेकर अपनी वेदना जाहिर की. उन्होंने कहा कि जब कुछ सदस्य टेबल पर आए तो सदन की गरिमा को चोट पहुंची और मैं पूरा रात नहीं सो पाया. राज्यसभा चेयरमैन ने विपक्ष की लगातार मांग पर ये भी कहा कि आप सरकार को इस बात के लिए फोर्स नहीं कर सकते कि वो क्या करे, क्या नहीं.
लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों की कार्यवाही शुरू हो गई है. लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी मौजूद हैं. इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की तरफ से वीरभद्र सिंह समेत अन्य चार पूर्व सांसदों के निधन पर शोक व्यक्त किया गया.
संसद की कार्यवाही में किस तरह आगे बढ़ना है, इसे लेकर विपक्ष ने रणनीति बनाई. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दफ्तर में कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, टीएमसी और आरजेडी समेत विपक्ष के 13 दलों ने बैठक की. इस मीटिंग में राहुल गांधी भी मौजूद रहे.
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले राज्यसभा चेयरमैन एम. वेंकैया नायडू की गृहमंत्री अमित शाह, प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल के बीच बैठक हुई.
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यसभा में नोटिस दिया है और कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग की है. हुड्डा लगातार इस मसले को राज्यसभा में उठा रहे हैं और कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
राज्यसभा में मंगलवार को कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्ष के सांसदों ने जमकर हंगामा किया था. कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा का वीडियो भी सामने आया है जिसमें वो टेबल पर चढ़े हुए हैं. इस मसले पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा है कि जिन लोगों ने राज्यसभा में हंगामा किया था, उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर विचार चल रहा है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में पेगासस जासूसी विवाद पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है और चर्चा की मांग की है. इस विषय पर लगातार नोटिस दिया जा रहा है लेकिन सरकार की तरफ से चर्चा नहीं की गई है. यही वजह है कि हर सदन में विपक्षी सांसद शोरगुल और हंगामा करते हैं. पेगासस के अलावा कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने तेल के बढ़ते दामों पर चर्चा के लिए भी नोटिस दिया है.