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Monsoon Session: विपक्षी दलों के नेता करते रहे हंगामा, संसद से बिना चर्चा के पास हो गए ये बिल

विपक्ष पेगासस जासूसी कांड, किसान आंदोलन और कोरोना त्रासदी के मुद्दे पर मुखर है. इन मुद्दों को लेकर दोनों सदन में सबसे ज्यादा हंगामा हुआ है. पेगासस के मुद्दे पर सरकार की ओर से संचार मंत्री जवाब दे चुके हैं, लेकिन विपक्ष दलों के नेता प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से जवाब मांग रहे हैं.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 29 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 8:25 PM IST
  • पेगासस, कृषि बिल, कोरोना त्रासदी के मुद्दे पर मुखर है विपक्ष
  • इन मुद्दों को लेकर दोनों सदन में सबसे ज्यादा हंगामा हुआ है
  • लोकसभा से 7 और राज्यसभा से 3 बिल पास हुए हैं

मॉनसून सत्र की कार्यवाही अब तक हंगामेदार रही है, लेकिन इस बीच लोकसभा से बिना चर्चा के 5 बिल और 2 Appropriation Bill पास हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, 9 दिनों में लोकसभा 12 प्रतिशत Productive रही है और लगभग 6 घंटे 35 मिनट ही चल पाई हैं. 

वहीं, राज्यसभा की बात करें तो 20 जुलाई को COVID-19 पर 6 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई थी. राज्यसभा में बाकी दिन हंगामे के कारण बर्बाद हो गए. राज्यसभा सिर्फ़ 23 प्रतिशत  productive रही है. राज्यसभा में हंगामे के बीच बिना चर्चा के तीन बिल पारित हुए हैं.  

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लोकसभा में ये बिल बिना चर्चा के हुए पास 

1- राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान विधेयक (The National Institute of Food Technology Entrepreneurship and Management Bill, 2021)
2- फेक्टर विनियमन संशोधन विधेयक (The Factoring Regulation (Amendment) Bill, 2021) 
3- दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक (The Insolvency and Bankruptcy Code (Amendment) Bill, 2021) 
4- The Appropriation (No.3) Bill, 2021
5- The Appropriation (No.4) Bill, 2021 
6- भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक (The Airports Economic Regulatory Authority of India (Amendment) Bill, 2021)
7- अंतर्देशीय पोत विधेयक (The Inland Vessels Bill, 2021) 

राज्यसभा में बिना चर्चा के ये बिल पारित हुए 

1- फेक्टर विनियमन संशोधन विधेयक (Factoring Regulation (Amendment) Bill, 2020) 
2- समुद्री सहायता विधेयक (Marine Aids to Navigation Bill, 2021)  
3- किशोर न्याय (संशोधन) विधेयक Juvenile Justice (amendment) bill,2021

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बता दें कि विपक्ष पेगासस जासूसी कांड, किसान आंदोलन और कोरोना त्रासदी के मुद्दे पर मुखर है. इन मुद्दों को लेकर दोनों सदन में सबसे ज्यादा हंगामा हुआ है. पेगासस के मुद्दे पर सरकार की ओर से संचार मंत्री जवाब दे चुके हैं, लेकिन विपक्ष दलों के नेता प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से जवाब मांग रहे हैं. इसको लेकर कई बार स्थगन प्रस्ताव का नोटिस भी दिया गया है. पेगासस के मुद्दे पर 14 विपक्षी दल एक साथ आ गए हैं. 

सैलरी काटने का प्रावधान हो

वहीं, सत्तापक्ष के कई सांसदों का मानना है कि जो सांसद सदन में हंगामा करते हैं और सदन की कार्यवाही को नहीं चलने देते हैं उनके खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए. साथ ही जितने दिन सांसद हंगामा करके संसद को नहीं चलने देते हैं उतने दिन की उनकी सैलरी काटने का प्रावधान भी करना चाहिए. 

नहीं बनी सहमति, बना रहेगा डेडलॉक  

सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा की BAC (business advisory council) में सदन चलाने पर सहमति नहीं बन पाई है. लोकसभा डेडलॉक बना रहेगा. विपक्ष की तरफ से खासकर कांग्रेस और टीएमसी ने Pegasus मामले में सदन में चर्चा की बात कही है. इधर, गुरुवार को राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने गतिरोध खत्म करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्षी नेताओं से दो बार मुलाकत की लेकिन बात नहीं बन पाई.  

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ऐसे में अब देखना है कि सरकार विपक्ष को मना पाने में कामयाब होती है या फिर विपक्ष की ताकत को नजरअंदाज करते हुए हंगामे के बीच बिलों को पास कराके आगे बढ़ती जाएगी. सरकार ने मॉनसून सत्र के दौरान 30 बिलों को पारित कराने की योजना बनाई है. इन 30 विधायकों में से 17 बिल नए होंगे और 13 विधेयक संशोधन के लिए लाए जाएंगे.


 

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