Advertisement

राहुल का नया रोल, विपक्ष के साथ खड़ी बीजेडी... संसद के विशेष सत्र में क्या रहा खास?

लोकसभा चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र में राहुल गांधी नए रोल में नजर आए तो वहीं सरकार के साथ खड़ी नजर आती रही बीजू जनता दल का बदला अंदाज भी. इस सत्र में क्या-क्या खास रहा?

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (फोटोः पीटीआई) लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (फोटोः पीटीआई)
बिकेश तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:40 PM IST

संसद का विशेष सत्र समाप्त हो चुका है और इस सत्र के दौरान बयानी तीर खूब चले. लोकसभा चुनाव के बाद पहले संसद सत्र में हंगामा था तो हल्के-फुल्के पल भी. राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा भी- पहली बार हमने देखा सदन में कुछ लाइटर मोमेंट आए, फायर मोमेंट्स भी आए और इंटेलेक्चुअल इश्यूज भी हुए. ये कड़ी जारी रहनी चाहिए. संसद की कार्यवाही के दौरान कई रंग दिखे. राहुल गांधी का नया रोल दिखा, हर मुश्किल घड़ी में सरकार का संकट मोचक बन जाने वाली बीजू जनता दल (बीजेडी) का बदला स्टैंड दिखा. संसद के विशेष सत्र में क्या खास रहा...

Advertisement

राहुल गांधी का नया रोल

राहुल गांधी साल 2004 में अमेठी सीट से पहली बार सांसद निर्वाचित हुए. पांचवी बार के सांसद राहुल गांधी की इस बार न सिर्फ निर्वाचन सीट बदली है, लोकसभा में भी सीट बदल गई है. चार कार्यकाल में कांग्रेस के सांसद रहे राहुल गांधी इस बार लोकसभा में विपक्ष के नेता भी हैं. इस नए रोल में राहुल का यह पहला संसद सत्र भी था. विपक्ष का नेता चुने जाने के बाद पहले दिन राहुल गांधी अपनी चिर-परिचित टी-शर्ट की जगह सफेद कुर्ता-पाजामा में संसद पहुंचे थे. राहुल बतौर विपक्ष के नेता संसद में सरकार को घेरते नजर आए. राहुल ने इस नए रोल के साथ अपनी मेडेन स्पीच में भगवान शिव और अभय मुद्रा को आधार बनाकर हिंदुत्व, अग्निवीर, नीट पेपर लीक के मुद्दों पर सरकार को जमकर घेरा. राहुल गांधी के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे कद्दावर नेताओं ने उनके बयानों पर आपत्ति की.

Advertisement

सदन में राहुल के भी कई रंग दिखे. राहुल गांधी अपने संबोधन के दौरान जहां एंग्री यंग मैन वाले अवतार में नजर आए तो वहीं पीएम मोदी के संबोधन के दौरान कूल अंदाज में दिखे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में जब बाल बुद्धि बताते हुए हमले बोल रहे थे, राहुल गांधी अपनी सीट पर बैठे मुस्कुराते नजर आए. राहुल गांधी ने अपनी स्पीच के दौरान कहा भी- यहां केवल कांग्रेस के नेता के रूप में नहीं, विपक्ष के सभी दलों के नेता के रूप में बोलने के लिए खड़ा हुआ हूं. स्पीकर चुनाव में उम्मीदवार उतारने के बाद ममता बनर्जी से बात कर उनकी नाराजगी दूर करना हो या इंडिया ब्लॉक के दलों को एकजुट रखना, राहुल गांधी पहले सेशन में इन मोर्चों पर फ्रंट से नेतृत्व करते नजर आए.  

बीजेडी का बदला अंदाज

बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस, ये दो पार्टियां मोदी सरकार 2.0 तक हर मुश्किल घड़ी में सरकार का संकट मोचक बनकर राज्यसभा में खड़ी हो जाती रहीं. लोकसभा चुनाव में खाता खोलने में भी विफल रही नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी का इस बार उच्च सदन में बदला अंदाज नजर आया. सरकार के साथ खड़ी हो जाने वाली, विपक्ष से दूरी बनाए रखने वाली बीजेडी इस बार संसद में विपक्ष के साथ खड़ी नजर आई. राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जब पीएम मोदी जवाब दे रहे थे, विपक्षी दलों ने हंगामा करते हुए वॉकआउट कर दिया. इंडिया ब्लॉक की पार्टियों के सदस्यों के साथ बीजेडी के सांसद भी सदन से बाहर चले गए.

Advertisement

हालांकि, इसके उलट वाईएसआर कांग्रेस अपने पुराने स्टैंड पर ही कायम दिखी. राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के पहले दिन सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के सदन के बाहर एक बयान को पीड़ादायक बताते हुए ये कहा कि जो कदम उठाए जाने चाहिए, वह उठाए जा रहे हैं और हमारा ऑफिस एक्शन में है. सभापति के इस बयान के बाद इंडिया ब्लॉक की पार्टियां वॉकआउट कर गई थीं लेकिन वाईएसआर कांग्रेस के सांसद सदन में ही रहे.

खड़गे का रौद्र रूप

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का इस सत्र में रौद्र रूप नजर आया. धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उन्होंने संघ पर जमकर हमला बोला. उनके बयान पर आपत्ति जताते हुए सभापति ने इसे सदन की कार्यवाही से एक्सपंज कर दिया. धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ही एक मौका ऐसा भी आया जब जयराम रमेश को हिदायत देते हुए सभापति ने खड़गे के बोलने पर भी उनकी ओर से टोका-टाकी किए जाने का जिक्र किया. विपक्ष के नेता अपनी जगह खड़े हुए और कहा कि न रमेश, ना आप मुझेबना सकते हैं. मुझे बनाने वाली यहां बैठी हैं- सोनिया गांधी. मुझे जनता ने बनाया है.

आक्रामक विपक्ष

विपक्ष लोकसभा में नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथग्रहण के समय से ही आक्रामक नजर आया. विपक्षी सदस्यों ने शपथ के बाद जय संविधान के नारे लगाए. प्रोटेम स्पीकर के पद पर आठ बार के सांसद के सुरेश की बजाय सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब की नियुक्ति का विरोध करते हुए शपथग्रहण में उनका सहयोग करने से इनकार कर दिया. डिप्टी स्पीकर को लेकर आश्वासन नहीं मिलने की स्थिति में उम्मीदवार उतारने की बात कही और हुआ भी ऐसा ही. विपक्ष ने हिंदुत्व से लेकर महंगाई, बेरोजगारी और नीट पेपर लीक तक, तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरा. धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जब पीएम मोदी जवाब दे रहे थे, विपक्ष के सांसद वेल में आकर हंगामा और नारेबाजी करते रहे. पीएम की स्पीच के बीच सभापति ने कई बार विपक्षी सांसदों के व्यवहार को अनुचित बताते हुए उनसे अपनी सीट पर जाने के लिए कहा लेकिन वे वेल में नारेबाजी करते रहे. 

Advertisement

सत्ता पक्ष के नरम तेवर

 सत्ता पक्ष के सदस्य यह संदेश देने की कोशिश करते रहे कि नंबरगेम में आए बदलाव का उन पर कोई असर नहीं है लेकिन कई मौकों पर तेवर नरम भी नजर आए. संसद के बाहर भी सत्ता पक्ष के लोग स्पीकर को लेकर आम सहमति नहीं बन पाने के लिए विपक्ष के रवैये को जिम्मेदार बताते नजर आए तो वहीं संसद में एक मौका ऐसा भी आया जब गृह मंत्री अमित शाह ने स्पीकर ओम बिरला से संरक्षण देने की मांग करते हुए कहा कि ऐसे सदन नहीं चलेगा. लोकसभा में विपक्ष जब धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से पहले नीट पेपर लीक पर चर्चा की मांग पर अड़ा था, तब राजनाथ सिंह ने संसदीय परंपरा की याद दिलाते हुए कहा कि धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के बाद आप जिस विषय पर चाहें, हम चर्चा के लिए तैयार हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement