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J-K में अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए खुफिया ग्रिड कर रही काम, गृह राज्य मंत्री ने संसद में दिया बयान

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार ने कई उपाय किए गए हैं. इसपर रणनीतिक रूप से काम किया जा रहा है.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (फाइल फोटो) गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन, गृह मंत्रालय (Home ministry) ने राज्यसभा में लिखित जवाब देते हुए, जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों (Minorities in Jammu & Kashmir) के जीवन की रक्षा के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों के बारे में बताया. सरकार का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति है.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का कहना है कि अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार ने कई उपाय किए गए हैं. जम्मू-कश्मीर में खासकर अल्पसंख्यकों पर आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए, रणनीतिक रूप से काम किया जा रहा है. दिन और रात और चौबीसों घंटे नाका शुरू किया गया है. इनमें स्थाई गार्ड, गश्त, घेराव और सर्च ऑपरेशन (CASOs) के साथ-साथ, उपयुक्त तैनाती के ज़रिए सुरक्षा व्यवस्था शुरू की गई है.

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उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, आतंकवाद के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है. उन्होंने जानकारी दी है कि 2018 से 2021 तक आतंकी हमलों में लगातार गिरावट हो रही है. 2018 में 417 हमले हुए थे जबकि 2021 में 229 हमले हुए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी, 2022 से 30 नवंबर, 2022 तक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 3 कश्मीरी पंडितों सहित 14 अल्पसंख्यक मारे गए हैं.

उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों के हाथों किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए, बाकी चीजों के साथ-साथ रोबस्ट सिक्योरिटी और खुफिया ग्रिड काम कर रहा है.

 

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