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'ये स्पीकर का अधिकार क्षेत्र', संसद में घुसपैठ पर विपक्ष के हंगामे पर बोले संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने संसद भवन में प्रेस कांफ्रेंस की. यहां उन्होंने कहा कि कल जो घटना हुई है, उसके बारे में हमने पहले भी निंदा की है. मैं अब भी निंदा करता हूं. सभी नेताओं की बैठक बुलाई थी, उसमें जो भी कार्रवाई करनी थी, वह की गई है. इसकी जांच के लिए लोकसभा अध्यक्ष ने गृह सचिव को आदेश दिया है कि इसकी डिटेल में इंक्वारी होनी चाहिए.

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने प्रेस कांफ्रेंस की (फाइल फोटो) संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने प्रेस कांफ्रेंस की (फाइल फोटो)
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST

लोकसभा में बुधवार को हुई घुसपैठ से पूरा देश हैरान है. इस बड़ी चूक को लेकर जांच तेज है. वहीं सियासी घमासान भी मचा हुआ है. इसको लेकर आज गुरुवार को संसद भवन में जबरदस्त हंगामा हुआ. दोनों सदनों में विपक्ष ने सरकार से इस चूक को लेकर सवाल पूछे. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नई संसद में सुरक्षा के मद्देनजर बहुत सारे बदलावों की जरूरत है. वहीं संसद में इस बात की भी मांग उठी कि पूरे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जवाब दें.

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इसको लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संसद भवन में प्रेस कांफ्रेंस की. यहां उन्होंने कहा कि कल जो घटना हुई है, उसके बारे में हमने पहले भी निंदा की है. मैं अब भी निंदा करता हूं. सभी नेताओं की बैठक बुलाई थी, उसमें जो भी कार्रवाई करनी थी, वह की गई है. इसकी जांच के लिए लोकसभा अध्यक्ष ने गृह सचिव को आदेश दिया है कि इसकी डिटेल में इंक्वारी होनी चाहिए.

प्रल्हाद जोशी ने कहा कि यह पूरी बिल्डिंग की जिम्मेदारी लोकसभा स्पीकर के अंतर्गत आती है. यह हाउस सुप्रीम भी है. स्पीकर ने जांच के लिए कहा है. लेकिन अफसोस की बात है कि जो स्पीकर के कार्य क्षेत्र में आता है, उसको लेकर राजनीति की जा रही है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है. 

विजिटर्स पास की सुविधा पर उन्होंने कहा कि ऐसे पास अक्सर सांसदों द्वारा सद्भावना पर दिए जाते हैं. जांच से सब कुछ सामने आ जाएगा. वे (विपक्ष) इसके सामने इतना शोर क्यों मचा रहे हैं.

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'1974 में भी स्पीकर ने ही की थी कार्रवाई'

उन्होंने कहा कि 1974 में भी संसद में घटना हुई थी. उस वक्त भी स्पीकर ने जो भी कदम उठाया था, जो भी कार्रवाई करनी थी स्पीकर ने की. क्योंकि वह स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में आता है. 1991 में भी इस तरह से कूदकर लोग अंदर आए. तब भी स्पीकर ने ही निर्णय लिया था. इसको लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए. स्पीकर के आदेश अनुसार जरूरी जांच और कदम उठाए जा रहे हैं. उस वक्त भी स्पीकर के कार्य क्षेत्र के अनुसार कार्रवाई की गई थी और आज भी स्पीकर के आदेश अनुसार कार्रवाई की जा रही है. 

'मुद्दे पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण'

संसदीय कार्य मंत्री ने आगे कहा कि घटना को लेकर जो राजनीति करना चाहते हैं दुर्भाग्यपूर्ण है. स्पीकर जो भी आदेश करेंगे हमारे लिए सर्वोपरि है. सभी से अपील करता हूं कि आप सरकार के साथ सहयोग करें. जो प्रमुख बिल हैं, उसमें चर्चा करके उनको पास करें. 

'13 सांसद सस्पेंड किए गए'

सांसदों के निलंबन पर प्रल्हाद जोशी ने कहा कि 13 सांसदों को सस्पेंड किया गया है. एक सांसद का नाम गलती से आया था. गलत पहचान के कारण उनका नाम आया था. इसके बारे में स्पीकर से अनुरोध किया गया कि उनका नाम हटा दिया जाए. इसके बाद कुल 13 सांसदों को ही निलंबित किया गया है.

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