
राज्यसभा में विपक्ष भारत-चीन मसले पर चर्चा की मांग कर रहा था. सदन में जब ज्यादा शोर-शराबा हुआ तो सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष से उनके चेंबर में मिलने को कहा. लेकिन जब मल्लिकार्जुन खड़गे सभापति से अपनी बात कह रहे थे, तो उन्होंने यह भी कह दिया कि चेंबर में मिलने वाली क्या बात है, ये बात तो सभी को मालूम होना चाहिए, ये बात कमरे में करने की नहीं है. इसपर सदन के नेता पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और खड़गे के व्यवहार की निंदा की.
पीयूष गोयल ने कहा, 'राज्यसभा में जो कुछ भी हुआ पूरी दुनिया ने देखा है. इंडिया-चाइना पर चर्चा के लिए उन्होंने हंगामा किया, वेल में आए और बार-बार चेयरमैन ने उनसे अपील की कि वापस अपनी चेयर पर जाइए, लेकिन वे नहीं माने. बाद में चेयरमैन साहब ने कहा कि लीडर ऑफ द हाउस और लीडर ऑफ अपोजीशन दोपहर 1 बजे हमारे चेंबर में आएं, हम इस बारे में बातचीत करेंगे. इस बात को उन्होंने एकदम अहंकार से ठुकरा दिया. उन्होंने कहा यह रूम में चर्चा करने का विषय नहीं है. मैं नहीं आऊंगा. ऐसा खड़गे जी ने कहा, विपक्ष के नेता ने कहा. यह गंभीर विषय है. ऐसा करने का मतलब है चेयरमैन को अपमानित करना और कुर्सी को अपमानित करना.'
उन्होंने कहा कि 'चेयर अगर कोई बात कहती है तो उसको सम्मान दिया जाता है. लेकिन फिर भी आपको किसी को पार्टी में संतुष्ट करना पड़ता है, इसलिए आप ऐसा करते हैं. लेकिन जो संविधान का पद है उसकी मर्यादा रखना सबकी जिम्मेवारी है. आप सीनियर नेता हैं. उनका कहना कि मैं चेयर का निर्देश नहीं मानूंगा, यह बहुत निंदनीय है. हम इसकी घोर निंदा करते हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'कोविड बढ़ रहा है, इसे देखते हुए लोकसभा और राज्यसभा में अपील की गई है. सभी मेंबर और स्टाफ से मास्क पहनकर हाउस में आने को कहा गया है. उन्होंने उसका भी उल्लंघन किया. वे सभी वेल में आए तो मास्क नहीं पहने हुए थे. स्पीकर और चेयरमैन ने 2 मिनट पहले ही अपील की थी. वह भी उन्होंने ठुकरा दी. हम दोनों घटनाओं की निंदा करते हैं.'