
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन किया. यह प्रदेश का पहला ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है. उन्होंने राष्ट्र को 600 मेगावाट का मेंग जलविद्युत स्टेशन भी समर्पित किया. इसके बाद पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए विपक्ष पर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि जब मैंने 2019 में इस एयरपोर्ट का शिलान्यास किया था, तब चुनाव होने वाले थे. राजनीतिक टिप्पणीकारों ने आरोप लगाया कि हवाई अड्डा नहीं बनने जा रहा है और मोदी मतदान के कारण पत्थर खड़ा कर रहे हैं. आज का उद्घाटन उनके मुंह पर तमाचा है.
उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि हम वर्क कल्चर लेकर लेकर आए हैं, जहां जिन परियोजनाओं का हमने शिलान्यास किया है, वहां उनका उद्घाटन करते हैं. उन्होंने कहा कि अब 'अटकाना, लटकाना, भटकाना' का युग चला गया है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमारा सपना था कि हमारे प्रदेश की राजधानी में एयरपोर्ट बने. आज पीएम मोदी के प्रयास से वह सपना पूरा हो गया है. उन्होंने इस हवाई अड्डे के निर्माण के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए थे.
पीएम ने कहा कि देश ने 2014 के बाद हर गांव तक बिजली पहुंचाने का अभियान शुरू किया था. इस अभियान का बहुत बड़ा लाभ अरुणाचल प्रदेश के गांवों को भी हुआ है. यहां ऐसे अनेक गांव थे, जहां आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची थी.
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पूर्वोत्तर एक अलग युग का गवाह बना. दशकों तक यह क्षेत्र उपेक्षा का शिकार रहा. जब अटलजी की सरकार बनी तो पहली बार इसे बदलने का प्रयास किया गया. यह पहली सरकार थी जिसने पूर्वोत्तर के विकास के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया.
इसके बाद जो सरकारें आईं, उन्होंने रफ्तार को आगे नहीं बढ़ाया. परिवर्तन का एक और युग आया जब आपने मुझे अपनी सेवा करने का अवसर दिया. पहले की सरकारें सोचती थीं कि पूर्वोत्तर बहुत दूर है. सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों को अंतिम गांव माना जाता था, लेकिन हमारी सरकार ने उन्हें पहले माना देश का गांव.
पीएम ने कहा कि अब कल्चर हो या एग्रीकल्चर, कॉर्मस हो या कनेक्टिविटी, पूर्वोत्तर को आखिरी नहीं बल्कि सर्वोच्च प्राथमिकता मिलती है. उन्होंने आगे कहा कि दूर-सुदूर सीमा पर बसे गांवों को पहले आखिरी गांव माना जाता था लेकिन हमारी सरकार ने इन्हें आखिरी गांव, आखिरी छोर नहीं बल्कि देश का पहला गांव मानकर काम किया.
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि सीमा से सटे गांवों को वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज का दर्जा देकर उन्हें सशक्त बनाया जाए. अब सीमा से सटे हर गांव से संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे, वहीं से समृद्धि की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि आज देश में जो सरकार है, उसकी प्राथमिकता देश का विकास है, देश के लोगों का विकास है. साल में 365 दिन, 24 घंटे हम देश के विकास के लिए ही काम करते हैं.