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मेहनत और पसीने से कमाया है जनता का भरोसा, PR की बदौलत नहीं, आलोचकों को PM मोदी का जवाब

अपनी छवि और PR मैनेजमेंट जैसे आरोपों पर पीएम नरेंद्र मोदी ने मुखर होकर जवाब दिया और कहा कि लोगों का ये भरोसा, उनका ये जुड़ाव हर परिवार में ये भावना पैदा करता है कि मोदी हमारे ही परिवार का है. ये विश्वास किसी PR एजेंसी की बनाई हुई धारणा नहीं है, इस विश्वास को मेहनत और पसीने द्वारा कमाया गया है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो- पीटीआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:43 PM IST
  • एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में PM मोदी बोले
  • सार्वजनिक जीवन में PM मोदी के 20 साल पूरे
  • 30-35 साल सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भटका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जब वो सार्वजनिक जीवन में नहीं थे तो उन्होंने 30-35 साल एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भटकते हुए गुजारे हैं. इस दौरान उन्होंने जिंदगी के काफी अनुभव लिए. पीएम मोदी ने कहा कि लोग जानते हैं कि वे किसी शाही परिवार से नहीं आते हैं. उन्होंने अपना काफी समय सत्ता के गलियारों से दूर गुजारा है और आम आदमी की समस्याएं, आकांक्षाएं और क्षमताओं का आकलन किया है. इसलिए उनके फैसले आम जनता की मुश्किलें कम करने की दिशा में एक कोशिश होती है. 

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पीएम मोदी ने सार्वजनिक जीवन में अपने 20 साल पूरे होने पर OPEN मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में अपने राजनीतिक सफर के बारे में विस्तार से बात की है. नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी नीतियां जनता की मुश्किलें कम करने वाली होती हैं. इसलिए जब वो फैसला लेते हैं तो लोग समझते हैं कि ये प्रधानमंत्री हमारी दिक्कतों को समझता है, हमारे जैसा सोचता है और हमारे बीच से ही है. 

लोगों का ये भरोसा किसी PR एजेंसी ने नहीं बनाया है-PM

अपनी छवि और PR मैनेजमेंट जैसे आरोपों पर पीएम मोदी ने मुखर होकर जवाब दिया और कहा कि लोगों का ये भरोसा, उनका ये जुड़ाव हर परिवार में ये भावना पैदा करता है कि मोदी हमारे ही परिवार का है. ये विश्वास किसी PR एजेंसी की बनाई हुई धारणा नहीं है, इस विश्वास को मेहनत और पसीने द्वारा कमाया गया है. 

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जब मैं निर्णय लेता हूं तो आम आदमी को लगता है कि यह प्रधानमंत्री हमें समझता है, हमारी तरह सोचता है और हम में से एक है. उनके बीच अपनेपन की यह भावना हर परिवार को यह महसूस कराती है कि मोदी हमारे परिवार के सदस्य की तरह हैं. ये विश्वास किसी PR द्वारा बनाई गई धारणा से विकसित नहीं हुआ है. यह विश्वास पसीने और मेहनत से अर्जित किया गया है."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री मोदी से जब पूछा गया कि लोगों ने उन पर जो भरोसा जताया था उस दिशा में वो पिछले सात साल में कहां तक कामयाब रहे हैं. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वे सालों-साल तक सत्ता के गलियारे से दूर रहे और जनता की दिक्कतों, उनकी रोजाना की परेशानियों को समझते हैं.  

पीएम मोदी ने कहा, "शौचालय को कभी किसी ने लोगों की सेवा करने के तरीके के रूप में नहीं देखा, लेकिन मुझे लगा कि शौचालय लोगों की सेवा करने का एक तरीका है." 

अपनी बात को समझाते हुए पीएम मोदी ने कहा, "...और इसलिए जब मैं निर्णय लेता हूं तो आम आदमी को लगता है कि यह प्रधानमंत्री हमें समझता है, हमारी तरह सोचता है और हम में से एक है. उनके बीच अपनेपन की यह भावना हर परिवार को यह महसूस कराती है कि मोदी हमारे परिवार के सदस्य की तरह हैं. ये विश्वास किसी PR द्वारा बनाई गई धारणा से विकसित नहीं हुआ है. यह विश्वास पसीने और मेहनत से अर्जित किया गया है." 

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चाकू की धार पर चलता हूं-PM

अपने जिंदगी के दर्शन को समझाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने एक ऐसा जीवन जीने का प्रयास किया है जहां वे चाकू की धार पर चलते हैं, लोगों से संबंधित हर मुद्दे को अनुभव करते हैं और खुद जीते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि सत्ता में आने पर उन्होंने लोगों से तीन चीजों का वादा किया था. उन्होंने कहा, " मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा. मैं गलत इरादे से कोई काम नहीं करूंगा. मेहनत की नई मिसाल गढ़ूंगा."

उन्होंने कहा कि लोग उनकी इस निजी प्रतिबद्धता को आज भी देखते हैं. इस तरह से लोग जनता में विश्वास पैदा करते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने पिछले सात सालों में जो कुछ भी किया है जनता और उनके बीच का ये गहरा विश्वास ही इसका आधार रहा है. 

 

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