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सिखों को बताया शान, चरण सिंह का बखान...पीएम मोदी की अपील मानेंगे किसान?

नए कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब के किसान कर रहे हैं. संसद में कानून के पास होने के पहले से ही पंजाब के किसान सड़क पर थे, जिसके चलते अकाली दल एनडीए से अलग हो गई. इसके बाद पंजाब के किसानों ने दिल्ली की सीमा पर डेरा जमा दिया. वहां बीजेपी को छोड़कर बाकी पार्टियां किसानों के समर्थन में खड़ी हैं. सिख समुदाय के देश और दुनिया में फैले लोग किसानों के समर्थन में हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 08 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST
  • PM मोदी ने किसान आंदोलन खत्म करने की अपील की
  • पीएम मोदी ने सिख समुदाय को देश की शान-बान बताया
  • चौधरी चरण सिंह के जरिए किसानों को दिया बड़ा संदेश

कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन की चिंगारी पंजाब से उठी और हरियाणा को अपनी जद में लेते हुए पश्चिम यूपी तक फैल गई है. पंजाब में जहां किसान सड़क पर हैं तो पश्चिम यूपी में खाप पंचायतों का दौर चल रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा को जवाब दिया तो इन आंदोलनकारी किसानों को साधने की भी कोशिश की. पीएम ने चौधरी चरण सिंह का जिक्र कर पश्चिम यूपी के किसानों को संदेश दिया तो सिख समुदाय को देश की शान बताकर पंजाब के आंदोलनकारी किसानों का दिल जीतने की कोशिश की.

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सिख समुदाय को पीएम मोदी का बड़ा संदेश

नए कृषि कानूनों का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब के किसान कर रहे हैं. संसद में कानून के पास होने के पहले से ही पंजाब के किसान सड़क पर थे, जिसके चलते अकाली दल एनडीए से अलग हो गई. इसके बाद पंजाब के किसानों ने दिल्ली की सीमा पर डेरा जमा दिया. वहां बीजेपी को छोड़कर बाकी पार्टियां किसानों के समर्थन में खड़ी हैं. सिख समुदाय के देश और दुनिया में फैले लोग किसानों के समर्थन में हैं. 

इन किसानों को साधने के लिए पीएम ने सोमवार को अपने बयान में सिख समुदाय के गौरव का जिक्र किया. नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की ताकत समस्याओं के समाधान करने में रही है, लेकिन कुछ लोग भारत को अस्थिर करना चाहते हैं और वो चाहते हैं कि देश अशांत रहे. ऐसे में हमें सतर्क रहना चाहिए. पंजाब का क्या हुआ? पंजाब का बंटवारा हुआ, 1984 के दंगे हुए, कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट में भी ऐसा ही हुआ. इससे देश को बहुत नुकसान हुआ है. कुछ लोग सिख भाइयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं. ये देश सिखों पर गर्व करता है. ऐसे में पंजाब के किसानों को गुमराह करना ठीक नही है.

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पीएम मोदी ने कहा कि मैंने कई साल पंजाब में बिताए और मैंने पंजाब की रोटी खाई है, सिख गुरुओं की परंपरा को हम मानते हैं. उनके लिए जो भाषा बोली जाती है, उससे देश का भला नहीं होगा. साथ ही पीएम मोदी ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि आंदोलनकारियों को समझाते हुए हमें आगे बढ़ना होगा, गालियों को मेरे खाते में जाने दो लेकिन कृषि क्षेत्र में सुधारों को होने दो. पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों को भरोसा दिलाया कि MSP है, था और आगे भी रहेगा. मंडियों को आधुनिक तौर से मजबूत किया जाएगा. 

पश्चिम यूपी में फैल रहा किसान आंदोलन 

पंजाब के बाद पश्चिमी यूपी में कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन तेज हो गए हैं. अलग-अलग जिलों में पंचायत हो रही है, जिसके जरिए कृषि कानून को लेकर दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में भी इस इलाके के लोगों की भागेदारी बढ़ी है. यही वजह है कि पीएम मोदी ने नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनकारी किसानों को चौधरी चरण सिंह के बयान के जरिए जवाब देने की कोशिश की है, क्योंकि चौधरी चरण पश्चिम यूपी के जाट समुदाय से आते थे और किसान उन्हें अपना मसीहा मानते हैं. 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 12 करोड़ छोटे किसानों का जिक्र कर आंदोलन में शामिल बड़े किसानों पर निशाना साधा, पीएम मोदी ने कहा कि सदन में जितनी बातें की गईं वह किसान आंदोलन को लेकर थीं. किस बात को लेकर आंदोलन रहा वह मौन रहे. पीएम ने कहा कि जो मूलभूत बात है उस पर चर्चा होती तो अच्छा रहता. पीएम ने कहा कि हमारे कृषि मंत्री ने कृषि कानून को लेकर अच्छे तरीके से सदन में चर्चा की है. पीएम ने कहा कि बहुत से लोग हैं जो चौधरी चरण सिंह की विरासत संभालने का दंभ भरते हैं. पीएम ने कहा कि छोटे किसानों की दयनीय स्थिति चौधरी चरण सिंह जी के लिए हमेशा पीड़ा होती थी. वह हमेशा उनकी चिंता करते थे और हमारी सरकार ने उन्हीं की दिशा में कदम उठाया है. 

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चौधरी चरण सिंह के बहाने किसानों को संदेश

पीएम मोदी ने चौधरी चरण सिंह के हवाले से कहा किसानों का सेंसस लिया गया तो 33 फीसदी किसान ऐसे हैं जिनके पास जमीन दो बीघा से कम है, 2 बीघे नहीं है, 2 बीघे तक है. देश के 18 फीसदी किसानों के पास 2 बीघा से 4 बीघा तक जमीन है यानी आधा हेक्टेयर से कम है. ऐसे किसान जिनके पास 1 हेक्टेयर से भी कम जमीन होती है, 1971 में इनकी आबादी 51 फीसदी थी. इनकी संख्या आज 68 फीसदी हो चुकी है. पीएम ने कहा कि देश में आज ऐसे किसानों की संख्या बढ़ रही है जिनके पास बहुत थोड़ी सी जमीन है. 

पीएम ने कहा कि आज लघु और सीमांत किसानों को मिलाएं तो 86 फीसदी किसानों के पास 1 हेक्टेयर से कम जमीन है. ऐसे किसानों की संख्या 12 करोड़ है. पीएम ने कहा कि क्या इन 12 करोड़ किसानों के प्रति हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है. इन किसानों को केंद्र में रखकर पिछली सरकारों ने कोई कदम नहीं उठाया है. मैं भी दावा नहीं कर सकता कि हम सबसे अच्छा सोच सकते हैं. आगे नई सोच आ सकती है. इसको कोई रोक नहीं सकता. किसानों को ये भी बताते कि वक्त की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किसानों को भारत में एक बाजार देने की बात कही थी, आप लोगों को गर्व करना चाहिए कि जो बात सिंह साहब ने कही थी, वो मोदी कर रहा है.

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पीएम ने कहा कि किसानों से कृषि मंत्री लगातार बात कर रहे हैं. किसानों से कोई तनाव नहीं है, हम साफ कर रहे हैं एमएसपी थी,एमसीपी है और आगे भी रहेगी. कृषि सुधार के लिए एक मौका देना चाहिए, आगे कुछ अच्छे सुझाव आएंगे तो हम उसमें सुधार करेंगे. आएं मिलकर कृषि सुधार के लिए कदम उठाएं. इस तरह से पीएम ने किसान आंदोलन को अब खत्म करने की अपील की.

 

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