
उत्तराखंड के बाद कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की आहटों के बीच नए चेहरे की तलाश भी शुरू हो गई है. बीएस येदियुरप्पा की जगह किस नेता को राज्य की कमान सौंपी जाए, इसे लेकर बीजेपी में मंथन शुरू हो गया है. पार्टी का नेतृत्व इनपुट्स भी ले रहा है.
इंटेलिजेंस ब्यूरो से लेकर प्राइवेट बैकरूम एडवाइजर, आरएसएस से जुड़े लोग और नौकरशाहों तक से सही सीएम कैंडिडेट को लेकर फीडबैक लिया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, नाम पर अंतिम मुहर पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबोले को लगानी है. बीजेपी हाईकमान भी सीएम फेस के लिए सिर्फ कम्युनिटी एंगल नहीं, बल्कि अन्य पहलुओं पर भी गौर कर रहा है.
यहां तक कि बीजेपी के मजबूत वोटर लिंगायत समुदाय के अलावा भी पार्टी की नजर दूसरे समुदाय के नेताओं पर है. लेकिन रेस में आगे लिंगायत नेता ही हैं.
लिंगायत समुदाय ये नेता फ्रंट रनर
बासवराज बोम्मई- ये फिलहाल कर्नाटक के गृहमंत्री हैं और मौजूदा सीएम येदियुरप्पा के बेहद करीबी भी हैं. बासवराज जनता परिवार से निकले हुए नेता हैं और पूर्व मुख्यमंत्री एसआर बोम्मई के बेटे हैं. इन्होंने 2008 में बीजेपी ज्वाइन की थी. पिछले कैबिनेट में बासवराज को जल संसाधन मंत्रालय मिला था, लेकिन अब वो गृहमंत्रालय संभाल रहे हैं.
मुर्गेश निरनई- ये भी फिलहाल येदियुरप्पा की कैबिनेट का हिस्सा हैं और कर्नाटक के खनिज एवं भूगर्भ विज्ञान मंत्री हैं. मुर्गेश लिंगायत समुदाय के पंचमशाली सेक्ट से आते हैं, जिनकी लिंगायत में सबसे ज्यादा संख्या है और वर्चस्व वाले भी हैं. ये एक इंडस्ट्रियलिस्ट भी हैं और इनकी शुगर मिल में लाखों लोग काम करते हैं. इनका क्लीन एनर्जी का बिजनेस भी है. तीसरी बार विधायक हैं और नब्बे के दशक में आरएसएस से जुड़े थे.
अरविंद बेलाड- ये दो बार के विधायक हैं. स्वच्छ छवि के नेता के तौर पर इनकी पहचान है और अच्छे एकैडमिक रहे हैं. अरविंद सीनियर नेता चंद्रकांत बेलाड के पुत्र हैं. आरएसएस से जुड़ाव रहा है और सीएम उम्मीदवार के रूप में एक यंग और स्वच्छ छवि वाले नेता के तौर पर पेश किए जा सकते हैं.
वोक्कालिगा समुदाय से दौड़ में ये नेता
सीटी रवि- ये फिलहाल बीजेपी के महासचिव हैं. संघ के बेहद प्रिय माने जाते हैं और बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन सचिव बीएल संतोष के करीबी हैं. पिछली बीजेपी सरकार में सीटी रवि शिक्षा मंत्री थे. रवि एक मजबूत संगठन नेता के तौर पर जाने जाते हैं और हिंदुत्व के कट्टर समर्थक भी. संगठन में जिम्मेदारी संभालने के लिए सीटी रवि ने हाल ही में मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था. चिकमंगलूर से चार बार के विधायक हैं.
सीएन अश्वथ नारायण- ये फिलहाल कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री हैं. पेशे से डॉक्टर अश्वथ नारायण बीजेपी का एक न्यूट्रल और मॉडर्न चेहरा हैं. 2008 से विधायक हैं और बेंगलुरु की मल्लेश्वरम सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं. यंग मॉडर्न फेस के सभी पैमानों पर खरा उतरने वाले अश्वथ नारायण को बीजेपी की टॉप लीडरशिप ने डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी सौंपी थी.
ब्राह्मण और ओबीसी समाज से इन नेताओं के नाम
प्रह्लाद जोशी- प्रह्लाद जोशी फिलहाल केंद्र की राजनीति में हैं और संसदीय मामलों के मंत्री हैं. ब्राह्णण नेता के रूप में ये सीएम फेस के लिए इकलौते विकल्प के तौर पर जाने जा रहे हैं. केंद्र में इनके पास कोयला मंत्रालय भी है. ये कर्नाटक की धारवाड़ सीट से तीन बार से सांसद हैं. पीएम मोदी के काफी करीबी माने जाते हैं. पीएम मोदी ने 2019 में दोबारा सरकार बनने पर इन्हें कैबिनेट में जगह दी थी. इसके अलावा आरएसएस के करीबी होने के साथ ही सरकार के संचालन में भी अच्छे माने जाते हैं.
सुनील कुमार- ओबीसी समाज से आने वाले सुनील कुमार फिलहाल कर्नाटक सरकार के चीफ व्हिप भी हैं. तीन बार के विधायक सुनील कुमार केरल में बीजेपी के सह-प्रभारी भी हैं. हार्ड कोर हिंदुत्व की छवि है और एबीवीपी, बजरंग दल व संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं. संघ नेता दत्रात्रेय होसबोले, बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएल संतोष के करीबी माने जाते हैं
गौरतलब है कि लंबे समय से कर्नाटक में बदलाव की चर्चाएं चल रही हैं. बीएस येदियुरप्पा करीब 80 साल के हो चले हैं, लिहाजा उनकी उम्र को देखकर भी बदलाव की बात की जा रही है ताकि 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के एक नए चेहरे के साथ उतर सके. बदलाव की इन चर्चाओं के बीच सीएम येदियुरप्पा दिल्ली भी आ चुके हैं और पीएम मोदी, अमित शाह समेत जेपी नड्डा से उनकी मुलाकातें भी हो चुकी हैं.