
कर्नाटक में एक बार फिर मुस्लिम शासक टीपू सुल्तान के मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है. कर्नाटक की विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रसाद अब्बय्या ने मैसूर एयरपोर्ट का नाम बदलकर टीपू सुल्तान रखने का प्रस्ताव रखा, जिसको लेकर संदन में काफी विवाद हुआ. अब इस मुद्दे पर भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने अपनी प्रतिक्रिया ही और सिद्धारमैया सरकार की आलोचना की है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की मैसूर हवाई अड्डे का नाम टीपू सुल्तान रखने की मांग बेतुकी है, क्योंकि आधिकारिक तौर पर नलवाडी कृष्णराज वोडेयार के नाम पर हवाई अड्डे के नामकरण की प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है.
भाजपा सांसद ने आगे कहा कि पिछली भाजपा सरकार के दौरान, मैंने व्यक्तिगत रूप से 27 मई, 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से 'मैसूर हवाई अड्डे' का नाम बदलकर 'नलवाडी कृष्णराज वोडेयार हवाई अड्डा' करने की सिफारिश की थी. साथ ही हवाई अड्डे रनवे के विस्तार के लिए बोम्मई सरकार ने 35 करोड़ रुपये भी आवंटित किए थे.
'गलत है कांग्रेस सरकार की सिफारिश'
इसके बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने 1 अगस्त, 2022 को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सिफारिश की और नाम बदलने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और अब इन परिस्थितियों में राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा टीपू सुल्तान के नाम को प्रस्तावित करना गलत है.
'मैं कांग्रेस की मानसिकता जानता हूं...'
भाजपा नेता ने सीएम सिद्धारमैया पर हमला करते हुए कहा, मैं कांग्रेस और सीएम की मानसिकता से परिचित हूं.' सिद्धारमैया के मन में मैसूर के यदुवीर परिवार के प्रति सम्मान और आदर की कमी है. मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया के पिछले कार्यकाल के दौरान टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का उद्देश्य मैसूरियों, कोडवाओं और हिंदुओं को नाराज किया था.
वहीं, यूपीए सरकार के तहत श्रीरंगपट्टनम में टीपू विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रयास किया गया था. इसलिए मैंने भाजपा सरकार के दौरान मैसूर के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए हवाई अड्डे का नाम श्री नलवाडी कृष्णराज वोडेयार के नाम पर रखने की पुरजोर वकालत की थी. टीपू एक्सप्रेस ट्रेन का नाम बदलकर "वोडेयार एक्सप्रेस" कर दिया गया. इसके अलावा मैंने मैसूर-बैंगलोर राजमार्ग का नाम "कावेरी एक्सप्रेसवे" रखने का प्रस्ताव रखा.
कांग्रेस अपने वोट बैंक को लुभाना चाहती है
कांग्रेस अपने वोट बैंक के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और कुछ लोगों को देशभक्त के रूप में चित्रित करने में माहिर है और इसी मनसा के साथ टीपू जैसे राजा उनके शासनकाल में हमेशा पनते हैं. सिद्धारमैया अपने गृहनगर के लोगों की भावनाओं को समझने में विफल रहे. वह वोट हासिल करने के लिए भावनाओं से छेड़छाड़ करते हैं. मैं किसी भी हालत में मैसूर हवाई अड्डे का नाम टीपू के नाम पर रखने की इजाजत नहीं दूंगा.
मैं मैसूर-कोडगु के लोगों की भावनाओं का समर्थन करता रहूंगा, जो चाहते हैं कि हवाई अड्डे का नाम नलवाडी कृष्णराज वोडेयार के नाम पर रखा जाए. मैं उनकी आवाज बनकर खड़ा हूं.