राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों में अपना अभिभाषण पेश किया. इसके बाद उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा के जॉइंट सत्र को संबोधित किया. राष्ट्रपति ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अगले 5 सालों के लिए नई सरकार के रोडमैप की रूपरेखा सामने रखी. बता दें कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र जारी है और सभी नवनिर्वाचित सदस्य पहले ही शपथ ले चुके हैं.
प्रधानमंत्री ने गुरुवार को राज्यसभा में अपनी कैबिनेट का परिचय कराया. इसके बाद राज्यसभा कल यानी की 27 जून तक के लिए स्थगित हो गई. इससे पहले लोकसभा को भी कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.
राष्ट्रपति के अभिभाषण में आपातकाल का भी जिक्र हुआ. उन्होंने कहा,'संविधान पर अनेक बार हमले हुए. आपातकाल के समय देश में हाहाकार मच गया था.' उन्होंने आगे कहा कि एक सशक्त भारत के लिए हमारी सेनाओं में आधुनिकता जरूरी है. युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ बनें-इसके लिए सेनाओं में सुधार की प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए. इसी सोच के साथ मेरी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. पिछले एक दशक में हमारा रक्षा निर्यात 18 गुना बढ़कर 21 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है.'
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा,'सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रदान की है. मेरी सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत से अब तक 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों को हस्तांतरित की जा चुकी है. सरकार ने खरीफ फसलों के लिए MSP में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है. आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है. आजकल दुनिया में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. भारतीय किसानों के पास इस मांग को पूरा करने की पूरी क्षमता है, इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को सशक्त कर रही है.'
राष्ट्रपति के अभिभाषण में पेपर लीक का जिक्र भी किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा,'पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों कड़ी सजा दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. पहले भी कई राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं हुई हैं. इस मामले पर दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देश व्यापी ठोस उपाय करने की जरूरत है.'
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा,'देश में छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है. लोगों ने इस सरकार पर तीसरी बार भरोसा जताया है. लोग जानते हैं कि सिर्फ यही सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है. 18वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक लोकसभा है. इस लोकसभा का गठन अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में हुआ था. यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 56वें वर्ष की भी साक्षी बनेगी. आगामी सत्रों में यह सरकार अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है. यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के विजन का प्रभावी दस्तावेज होगा. बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे.'
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विकास गति को तेज किया जाएगा. ग्रोथ की निरंतरता हमारी गारंटी है और आने वाले बजट में ऐतिहासिक कदम दिखेंगे. किसानों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, 'किसानों को 20 हजार करोड़ ट्रांसफर किए गए. हम किसानों को ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर करेंगे. '
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, 'ये दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था, करीब 64 करोड़ मतदाताओं ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया है. इस बार भी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है. इस चुनाव की बहुत सुखद तस्वीर जम्मू-कश्मीर से भी सामने आई है। कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं.'
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया, सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई दी. उन्होंने देश में सफल चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग को बधाई दी और देशवासियों की तरफ से चुनाव आयोग का आभार जताया. राष्ट्रपति ने कहा कि जनता ने लगातार तीसरी बार सरकार पर भरोसा जताया और मेरी सरकार को निरंतरता में विश्वास है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण शुरू हो गया है., अभिभाषण की शुरुआत राष्ट्रपति ने 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देकर की. राष्ट्रपति ने नवनिर्वाचित स्पीकर ओम बिरला को भी बधाई दी और सकुशल चुनाव संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग का भी धन्यवाद किया. उन्होंने जम्मू कश्मीर से चुनाव की आई तस्वीरों को सुखद बताते हुए कहा कि इस बार घाटी में दशकों का रिकॉर्ड टूटा है. हमने जम्मू कश्मीर में हड़ताल का दौर देखा है. कम मतदान को दुश्मन कश्मीर की राय के रूप में वैश्विक मंचों पर उठाते थे.
राष्ट्रपति संसद भवन के अंदर पहुंच गई है, जहां तमाम सांसदों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया. इसके बाद राष्ट्रगान हुआ जिसके बाद राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण शुरू किया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद भवन पहुंचने पर गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का काफिला संसद भवन पहुंच गया है. संसद भवन पहुंचने पर राष्ट्रपति का उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्वागत किया.
राष्ट्रपति मुर्मू का काफिला संसद भवन पहुंच गया है जहां उनकी अगवानी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्पीकर ओम बिरला और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने की. थोड़ी देर में राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के लिए रवाना हो गई हैं. राष्ट्रपति सत्र की शुरुआत में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी. राष्ट्रपति के अभिभाषण के माध्यम से सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत करती हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन से संसद भवन के लिए रवाना हो गई हैं. राष्ट्रपति मुर्मू संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी.
संविधान के अनुच्छेद 87 के मुताबिक राष्ट्रपति को प्रत्येक लोकसभा चुनाव के बाद सत्र की शुरुआत में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना जरूरी है. राष्ट्रपति हर साल संसद के पहले सत्र में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को भी संबोधित करते हैं. राष्ट्रपति के अभिभाषण के माध्यम से सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है. इसमें पिछले साल सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला जाता है और आगामी वर्ष के लिए प्राथमिकताएं बताई जाती हैं.
बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिए सरकार अपनी नीतियों और कार्यक्रमों को सदन और जनता के सामने लाती है. राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सरकार दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करेगी. इस पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा होगी. प्रधानमंत्री मोदी दो या तीन जुलाई को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे सकते हैं.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने पर शिवसेना (यूबीटी) का कहना है कि राष्ट्रपति भी तानाशाही के लिए जिम्मेदार हैं. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा,'मैं आम आदमी पार्टी के फैसले का स्वागत करता हूं. जिस तरह तानाशाही चल रही है, उसकी जिम्मेदार राष्ट्रपति भी हैं. राष्ट्रपति को सरकार को तानाशाही के खिलाफ रोकना चाहिए.'
राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ जुलूस के रूप में संसद पहुचेंगी. प्रधानमंत्री मोदी और लोकसभा तथा राज्यसभा के पीठासीन अधिकारी संसद भवन के गजद्वार पर उनकी अगवानी करेंगे. यहां से उन्हें पारंपरिक राजदंड 'सेंगोल' के साथ निचले सदन कक्ष में ले जाया जाएगा. हालांकि, समाजवादी पार्टी ने सेंगोल को राजशाही का प्रतीक बताते हुए इसे संसद से बाहर करने की मांग की है.
आम आदमी पार्टी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी. बता दें कि एक दिन पहले ही अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश करने के बाद-अदालत परिसर के अंदर ही सीबीआई ने उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआई ने केजरीवाल का अरेस्ट मेमो वेकेशन बेंच के स्पेशल जज अमिताभ रावत को सौंपा था, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने का आधार बताया गया था. सीबीआई के मुताबिक अरविंद केजरीवाल से पूछताछ और उनकी गिरफ्तारी के पीछे की प्रमुख वजह यह है कि वह बतौर मुख्यमंत्री उस कैबिनेट का हिस्सा थे, जिसने विवादित नई शराब नीति को मंजूरी दी थी.
(इनपुट: पंकज जैन)