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राष्ट्रपति चुनाव: आखिरकार बुला लिए गए ओवैसी....शरद पवार ने भेजा न्योता

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा के लिए AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को भी बुलाया गया है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उन्हें मिलने का न्योता दिया है.

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी
पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2022,
  • अपडेटेड 7:18 PM IST
  • अभी तक विपक्षी एकजुटता का हिस्सा नहीं थे ओवैसी
  • ममता की बैठक का भी ओवैसी को नहीं मिला न्योता

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अभी तक सरकार और विपक्ष ने अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. इतना जरूर है कि इस बार विपक्ष एक संयुक्त उम्मीदवार उतारना चाहता है. इसी वजह से कई दल लगातार बैठकें कर रहे हैं और तमाम प्रत्याशियों पर मंथन जारी है. अब इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को भी मीटिंग में आने का न्योता भेजा है.

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अभी तक राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई बैठकों में AIMIM की उपस्थिति दिखाई नहीं पड़ी थी. लेकिन अब शरद पवार ने खुद ओवैसी को बैठक में आने के लिए न्योता दिया है. इस बार उनसे भी इस मुद्दे पर मंथन किया जाएगा. शरद पवार के इस न्योते का AIMIM चीफ ने खुले दिल से स्वागत किया है. लेकिन उन्होंने ये भी कहा है कि वे खुद मीटिंग में नहीं आ पाएंगे, लेकिन उनके पार्टी का प्रतिनिधि बैठक का हिस्सा बनेगा.

ओवैसी कहते हैं कि शरद पवार के न्योता के लिए शुक्रिया. हमारी पार्टी की तरफ से औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील पार्टी का पक्ष रखने के लिए बैठक में जाएंगे. वैसे इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक अहम बैठक की थी. राजधानी दिल्ली में आयोजित हुई उस बैठक में 22 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था. कई उम्मीदवारों पर चर्चा भी की गई, फिर चाहे वो शरद पवार का नाम रहा हो या फिर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला. लेकिन दोनों ही नेताओं ने खुद को इस रेस से बाहर कर लिया. बाद में गोपाल कृष्ण गांधी को भी राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने पर चर्चा रही, लेफ्ट ने भी उनके नाम का समर्थन किया, लेकिन खुद महात्मा गांधी के पोते ने ये जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया.

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उनके मुताबिक इस समय वे राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं बनना चाहते हैं. उनसे बेहतर कई दूसरे लोग ये जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. ऐसे में विपक्ष की तरफ से अभी तक किसी भी नाम पर मुहर नहीं लग पाई है. सरकार की बात करें तो उनकी तरफ से भी कई नामों पर चर्चा जारी है. आम सहमति बनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को जिम्मेदारी दी गई है. अखिलेश यादव, ममता बनर्जी जैसे नेताओं से फोन पर बात भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से समर्थन का कोई आश्वासन नहीं दिया गया.

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