
प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली मीराबाई चनू को फोन कर जीत की बधाई दी है. पीएम मोदी ने मीराबाई को भविष्य के लिए भी शुभकामनाएं दी है. वहीं मीराबाई चनू ने बातचीत को लेकर कहा कि ऐसे तो पदक जीतने पर कई लोगों के फोन आए, लेकिन मुझे सपने जैसा लगा जब पीएम मोदी ने खुद फोन कर मुझे बधाई दी. मुझे काफी खुशी हुई. यह सपने के सच होने जैसा था.
मीराबाई चनू ओलंपिक में मेडल जीतने वालीं भारत की दूसरी वेटलिफ्टर बन गई हैं. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता. मीराबाई चनू से पहले 2020 के सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था.
ओलंपिक की वेटलिफ्टिंग स्पर्धा में पदक के लिये भारत का 21 वर्ष का इंतजार खत्म करने वाली मीराबाई चनू ने 49 किलो वर्ग में रजत पदक जीता तो उनकी विजयी मुस्कान ने उन सभी आंसुओं की भरपाई कर दी जो पांच साल पहले रियो में नाकामी के बाद उनकी आंखों से बहे थे. पांच साल पहले खेलों के महासमर में निराशाजनक पदार्पण के बाद इसी मंच से वह रोती हुई गयी थीं.
उनकी इस ऐतिहासिक जीत से भारत पदक तालिका में अभी दूसरे स्थान पर पहुंच गया, देश ने यह उपलब्धि पहले कभी हासिल नहीं की थी.
मणिपुर की 26 साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया. इससे उन्होंने 2016 में रियो ओलंपिक के खराब प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया जिसमें वह एक भी वैध वजन नहीं उठा सकीं थीं.
करियर की इस शानदार जीत के बाद चनू ने पत्रकारों से कहा, 'मैं बहुत खुश हूं, मैं पिछले पांच वर्षों से इसका सपना देख रही थी. इस समय मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा है. मैंने स्वर्ण पदक की कोशिश की लेकिन रजत पदक भी मेरे लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है.'
और पढ़ें- Tokyo Olympics 2020: कानों की बालियों ने बदली मीराबाई चनू की किस्मत, देखकर निकले मां के आंसू
वह पिछले कुछ महीनों से अमेरिका में ट्रेनिंग कर रही थी. 2016 का अनुभव काफी खराब रहा था और उन्होंने इसके बारे में बात करते हुए कहा था कि बड़े मंच पर अपने पदार्पण के दौरान वह कितनी घबरायी हुई थी.
यह पूछने पर कि मणिपुरी होने के नाते इसके क्या मायने है तो उन्होंने कहा, 'मैं इन खेलों में भारत के लिये पहला पदक जीतकर बहुत खुश हूं. मैं सिर्फ मणिपुर की नहीं हूं, मैं पूरे देश की हूं.'
शनिवार को चनू पूरे आत्मविश्वास से भरी थी और पूरे प्रदर्शन के दौरान उनके चेहरे पर मुस्कान रही और उनके कान में ओलंपिक रिंग के आकार के बूंदे चमक रहे थे जो उनकी मां ने उन्हें भेंट दिये थे.
चीन की होऊ जिहुई ने 210 किग्रा (94 किग्रा +116 किग्रा) के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता जबकि इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने 194 किग्रा (84 किग्रा +110 किग्रा) के प्रयास से कांस्य पदक अपने नाम किया.