
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने रविवार शाम एक ट्वीट कर बताया है कि लोकसभा सीटों की संख्या 1000 या उससे अधिक की जा सकती हैं. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'मुझे बीजेपी के पार्लियामेंट्री साथी ने विश्वसनीय जानकारी दी है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले निचले सदन की स्ट्रेंथ 1000 या उससे अधिक किए जाने का प्रपोजल रखा गया है. जो नया पार्लियामेंट बनाया जा रहा है, उसमें भी 1000 सदस्यों के बैठने की क्षमता रखी गई है. इससे पहले कि यह फैसला लिया जाए, सरकार को चाहिए कि वो इस मुद्दे को लेकर गंभीरता से सार्वजनिक परामर्श करे.'
जाहिर है आजादी के बाद से अब तक देश की आबादी काफी बढ़ गई है. 130 करोड़ आबादी वाले भारत देश में लोकसभा सांसद की संख्या को लेकर पहले भी कई सवाल उठते रहे हैं. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने साल 2019 में इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित द्वितीय अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति व्याख्यान में सवाल उठाते हुए कहा था कि आख़िर कोई सांसद कितने लोगों की आबादी का प्रतिनिधित्व कर सकता है? भारत में निर्वाचित प्रतिनिधियों को देखें, तो मतदाताओं की संख्या उसके अनुपात में बहुत ज़्यादा है.
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उनका कहना था, "लोकसभा की क्षमता के बारे में आख़िरी बार 1977 में संशोधन किया गया था, जो 1971 में हुई जनगणना पर आधारित था और उस वक़्त देश की आबादी केवल 55 करोड़ थी. लेकिन इसे अब 40 साल से अधिक का वक़्त हो चुका है. उस वक़्त के मुक़ाबले अब आबादी दोगुने से ज़्यादा बढ़ गई है और इस कारण अब परिसीमन पर लगी रोक को हटाने के बारे में सोचा जाना चाहिए."
जानकार बताते हैं कि नई संसद में अधिक सांसदों के बैठने की जगह होगी और नेताओं की संख्या बढ़ी तो जगह की कमी कोई मुश्किल नहीं होगी.