
पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) का नाम जैसे ही मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हुआ, वैसे ही उनका विरोध भी शुरू हो गया. कारण था- उनका हिंदू होना. और पंजाब का नेतृत्व मुख्यमंत्री की कुर्सी पर किसी सिख चेहरे को बिठाना चाहता है. पहले सिद्धू खेमे की तरफ से सुनील जाखड़ की उम्मीदवारी पर ऐतराज किया गया और बाद में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी (Ambika Soni) ने भी पंजाब में नया मुख्यमंत्री किसी सिख को बनाने की वकालत कर दी.
दरअसल, पंजाब के सामाजिक ताना-बाना देखते हुए कांग्रेस हाईकमान अबकी बार किसी दलित या हिंदू चेहरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाना चाहता था. दूसरा बड़ा कारण आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी समेत शिरोमणि अकाली दल भी अपनी सरकार बनाने पर हिंदू धर्म से ताल्लुक रखने वाले नेताओं को वरीयता देने की बात करके आए हैं. इसका बड़ा कारण ये है कि पंजाब में 38 फीसदी मतदाता हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते हैं. दलितों की जनसंख्या भी 32 फीसदी है लेकिन उनमें से ज्यादातर लोगों की सिख धर्म में आस्था है.
पंजाब की आधी से ज्यादा आबादी सिख
कुल मिलाकर पंजाब में अब संभावना बन रही है कि अगला मुख्यमंत्री भी सिख धर्म से ही होगा. इसका बड़ा कारण ये भी है कि पंजाब में सिख धर्म को मानने वाले मतदाताओं और निवासियों की संख्या 58 फीसदी है. यानी ज्यादातर लोग सिख धर्म को मानते हैं. इस नैरेटिव के बाद अब पंजाब कांग्रेस के सिख चेहरे मुख्यमंत्री की कुर्सी हथियाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं.
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जिन सिख नेताओं पर कांग्रेस पार्टी दांव खेल सकती है उसमें सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, प्रताप सिंह बाजवा और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के नाम खास हैं. वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के धड़े ने पार्टी हाईकमान से दो टूक कह दिया है कि अगर सिद्धू धड़े से किसी नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया गया तो हाईकमान को फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार रहना चाहिए.
पंजाब में अभी तक जितने भी मुख्यमंत्री बने हैं, वो सभी सिख रहे हैं. सिर्फ तीन ही ऐसे मुख्यमंत्री आए जो हिंदू धर्म से थे. खैर, अब कांग्रेस हाईकमान एक ऐसे सिख नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाना चाहता है जो दोनों खेमों को मंजूर हो. प्रताप सिंह बाजवा कैप्टन खेमे की पसंद बन सकते हैं क्योंकि बाकी सभी संभावित दावेदार सिद्धू धड़े में ताल्लुक रखते हैं. देखना दिलचस्प होगा पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री की कुर्सी पर किसे बैठाता है.