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राहुल गांधी ने मानी शरद पवार की सलाह, सावरकर के मुद्दे पर नहीं होंगे आक्रामक

राहुल गांधी के सावरकर पर दिए बयान के बाद से ही महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी (MVA) गठबंधन में दरार आ गई है. इस बयान को लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने सबसे ज्यादा नाराजगी जाहिर की. ऐसे में तनाव के बीच राहुल गांधी ने आश्वासन दिया है कि वह सावरकर के मुद्दों पर बोलने से बचेंगे.

सावरकर के मुद्दे पर MVA में दरार सावरकर के मुद्दे पर MVA में दरार
साहिल जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST

स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद से ही विवाद छिड़ा हुआ है. इस बयान के बाद से महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में भी आपसी विवाद शुरू हो गया है. इस विवाद को सुलझाने के लिए अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार ने मध्यस्थता की ओर कदम रखा है और राहुल गांधी को चुप्पी की सलाह दी है. 

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राहुल के बयान के बाद से ही महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी (MVA) गठबंधन में दरार आ गई है. इस बयान को लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने सबसे ज्यादा नाराजगी जाहिर की. कांग्रेस और उद्धव गुट के बीच तनाव बढ़ने के बाद मंगलवार को उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने राहुल गांधी से मुलाकात कर चर्चा की. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के विचार अलग-अलग हैं, लेकिन उन्हें लोकतंत्र को लेकर सामने आ रही चुनौतियों पर ध्यान देना चाहिए.

दोनों दलों की विचारधारा अलग

राहुल गांधी ने आगे कहा कि आपकी अपनी राय है, हमारी अपनी राय है. यह विचारधारा की बात है और मैं इसका सम्मान करता हूं. लेकिन लोकतंत्र के खतरे का सामना करने के लिए आज विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है और हम एकजुट हैं. सूत्रों के मुताबिक इस मामले पर तनाव के बीच राहुल गांधी ने संजय राउत को आश्वासन दिया कि वह सावरकर के मुद्दों पर बोलने से बचेंगे.

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क्या था राहुल गांधी का वो बयान?

लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी ने शनिवार को कहा था, 'मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगते.' राहुल की इस टिप्पणी पर शिवसेना (UBT) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह हिंदुत्व के विचारक वीर सावरकर को अपना आदर्श मानते हैं, और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सावरकर का अपमान नहीं करना चाहिए.

उद्धव गुट ने बैठक का किया था बहिष्कार

इस टिप्पणी के विरोध में सोमवार को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुलाई गई बैठक में शिवसेना के ठाकरे गुट ने भाग भी नहीं लिया था. बढ़ती दरार के बीच, NCP नेता शरद पवार ने शांतिदूत के रूप में कदम रखा है. सूत्रों के मुताबिक सोमवार को विपक्ष की बैठक के दौरान शरद पवार ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी को नसीहत दी थी कि ऐसे बयानों से राहुल को बचना चाहिए. 

सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने बैठक में ही आश्वासन दिया कि वह सावरकर का संदर्भ देने से बचेंगे.

उद्धव ठाकरे ने दी थी राहुल को चेतावनी

राहुल के इस बयान के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राहुल के खिलाफ आक्रामक हो गए और उन्होंने वीर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक बयान न देने की चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. नासिक के पास मालेगांव शहर में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह मराठी मानुस के प्रेरणास्रोत वीर सावरकर के खिलाफ किसी भी अपमानजनक बयान को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उद्धव ठाकरे ने अपने 30 मिनट के भाषण में कहा था, 'मैंने राहुल गांधी की प्रेस स्टेटमेंट सुनी. यह लड़का वास्तव में अच्छा बोलता है. उसने एक कठिन सवाल पूछा, 20 हजार करोड़ रुपये किसका है, बीजेपी के पास इसका एक जवाब नहीं है.' 

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वीर सावरकर हमारे भगवान- उद्धव ठाकरे

उद्धव ने आगे राहुल गांधी को चेतावनी दी कि वीर सावरकर उनके भगवान हैं. सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ठाकरे ने अपने भाषण में आगे राहुल गांधी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि उनकी पार्टी एमवीए महाविकास अघाड़ी में है, क्योंकि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि यदि आप (कांग्रेस) एक साथ लड़ना चाहते हैं, तो यह स्पष्ट है कि हमारे भगवान का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उद्धव ठाकरे ने कहा कि सावरकर के खिलाफ एक भी लाइन बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यह इस सार्वजनिक मंच पर एक खुली चेतावनी है.

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