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हरिद्वार के भड़काऊ भाषणों पर भड़के अशोक गहलोत, बोले- बीजेपी शासित राज्यों में जंगलराज

'धर्म संसद' के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए गए थे जिसको लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरने की ठानी है. आरोप है कि धर्म संसद में साधु-संतों ने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हुए कई विवादित भाषण दिए. 

CM गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले. (फाइल फोटो) CM गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले. (फाइल फोटो)
देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 26 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:54 AM IST
  • CM गहलोत ने बीजेपी को सुनाई खरी-खोटी
  • बीजेपी को घेरने में जुटी कांग्रेस

हरिद्वार में हुए 'धर्म संसद' के दौरान दिए गए कथित तौर पर भड़काऊ भाषणों को लेकर राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री,  केंद्रीय गृह मंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को खरी-खोटी सुनाई है. उत्तराखंड में हुए 'धर्म संसद' के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए गए थे जिसको लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरने की ठानी है. 

सीएम गहलोत ने कहा, "उत्तराखण्ड के हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को आयोजित हुए एक कार्यक्रम में भड़काऊ और हिंसा के लिए उकसाने वाले भाषणों के वीडियो वायरल होने के बावजूद अभी तक कोई गिरफ्तारी न होना शर्मनाक है. प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे हैं.

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जंगलराज की स्थिति

बीजेपी पर हमलावर कांग्रेस सरकार के सीएम ने आगे कहा, हमारे देश में कुछ उपद्रवी तत्व एक समुदाय के लोगों की हत्या करने की बात कहें, पर उनके ऊपर कोई कार्रवाई न हो, इससे लगता है कि बीजेपी शासित राज्यों में जंगलराज की स्थिति बन गई है. दुनिया में जहां भी नरसंहार हुए, वहां पहले ऐसे ही भड़काऊ भाषण हुए जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई." 

सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले

गहलोत ने यह भी कहा कि हमारे सभी नागरिकों को तय करना होगा कि क्या ऐसे हिंसक और हत्या को उकसाने वाले लोग किसी धर्म के प्रतिनिधि हो सकते हैं? क्या इन उपद्रवियों पर एक्शन लेने से बचने वाली सरकारों को शासन में रहने का कोई हक बचता है? ये देश को किस स्थिति में ले जाना चाहते हैं? सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेकर इन उपद्रवियों पर कार्रवाई करनी चाहिए."

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क्या है मामला 

गौरतलब है कि उत्तराखंड के हरिद्वार में बीते 17 से 19 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन हुआ था. जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की अध्यक्षता में आयोजित इस धर्म संसद में साधु-संतों ने हिंदुत्व को लेकर विवादित और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हुए कई भाषण दिए. 

 

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