
राजस्थान की राजनीति में सत्ता को लेकर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच खींचतान कम होती नहीं दिख रही. सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बड़ों को युवाओं को मौका देना चाहिए. उन्हें युवा पीढ़ी के बारे में सोचना चाहिए.
पायलट ने गहलोत पर निशाना साधते हुए न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड में सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री पद की बागडोर संभालने वाली जेसिंडा ने अपनी पब्लिक रेटिंग कम होने के बाद इस्तीफे की घोषणा कर दी. उनसे हमें सीखने की जरूरत है.
पायलट ने कहा कि परवरिश ऐसी होनी चाहिए कि आप दूसरों को सम्मान दें. जब आप दूसरों को सम्मान देते हैं, तभी आपको सम्मान मिलता है. पायलट ने गहलोत का नाम लिए बिना उनकी भाषा को लेकर उन पर निशाना साधा.
पायलट ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि मेरे बारे में क्या कहा गया? मैं आपके बीच आया हूं. मैं आपसे बड़ा हूं इसलिए सही चीजें कहना मेरा फर्ज है. आपकी परवरिश ऐसी होनी चाहिए कि आप दूसरों को सम्मान दें. अगर आप सम्मान देंगे तो आपको सम्मान मिलेगा.
सोनिया गांधी को भी सराहा
जयपुर के महाराजा कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए पायलट ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने 2004 में युवा नेताओं से बात कर पार्टी का चुनावी घोषणापत्र तैयार किया था.
पायलट ने जयपुर के महाराजा कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप का अपनी जबान पर नियंत्रण होना चाहिए और आपको ऐसी भाषा या शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जो आप खुद के लिए भी नहीं सुन सके.
उन्होंने कहा कि बड़ों को युवा पीढ़ी के बारे में सोचना चाहिए. युवाओं को मौका मिलना चाहिए. भाषा और विचार ऐसे होने चाहिए कि भावी पीढ़ी को उस पर गर्व हो.
मैंने संघर्ष किया
पायलट ने राजनीति के अपने शुरुआती दिनों के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि मैंने 2013 से 2018 पांच साल तक संघर्ष किया है और यह भी एक कारण था कि कांग्रेस राजस्थान में सरकार बना पाई.
इस दौरान पायलट ने छात्रों से पूछा कि क्या मेरी मेहनत में कोई कमी देखी. मेरे संघर्ष में कोई कमी दिखी. मेरी रगड़ाई में कोई कमी दिखी.