Advertisement

योगी सरकार में खाकी का भी होगा दबदबा, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और कमांडो ट्रेंड MLA को मिलेगी जिम्मेदारी!

UP की आने वाली योगी आदित्यनाथ सरकार में अब खाकी का भी प्रतिनिधित्व होगा. क्योंकि इस योगी 2.0 सरकार में दो पूर्व पुलिस अफसर शामिल होने जा रहे हैं.

असीम अरुण और राजेश्वर सिंह. (फोटो: यूट्यूब) असीम अरुण और राजेश्वर सिंह. (फोटो: यूट्यूब)
संतोष शर्मा
  • लखनऊ ,
  • 12 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 7:49 PM IST
  • लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से जीते हैं राजेश्वर सिंह
  • असीम अरुण हैं कन्नौज सदर से बीजेपी विधायक

उत्तर प्रदेश की नई योगी आदित्यनाथ सरकार में खादी के साथ अब खाकी का भी दबदबा होगा. चुनावी नतीजों के बाद यूं तो उत्तर प्रदेश पुलिस के दो अफसर विधायक बन चुके हैं लेकिन चर्चा है कि दोनों ही अफ़सर योगी आदित्यनाथ की दूसरी सरकार में मंत्रिमंडल का भी हिस्सा होंगे. यह पहली बार होगा जब उत्तर प्रदेश सरकार में पुलिस को बखूबी समझने वाले शामिल होंगे.

Advertisement

लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से नवनिर्वाचित विधायक डॉक्टर राजेश्वर सिंह और कन्नौज सदर सीट से बीजेपी विधायक असीम अरुण यह दो नाम हैं, जिनके तन पर भले ही खादी आ गई हो लेकिन मन में खाकी बसती है.

पहला नाम 

राजेश्वर सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस के अफ़सर रहे. लखनऊ प्रयागराज में तैनाती के दौरान अपराधियों के बीच खौफ का पर्याय थे. यूपी पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहे जाते थे. केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय में डेपुटेशन पर गए तो 4G स्कैम, कोल ब्लॉक आवंटन से लेकर तमाम बड़े घोटालों की परतें उधेड़ कर रख दी.

- देश के तत्कालीन गृह मंत्री से लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को कानूनी शिकंजे में कस दिया. राजेश्वर सिंह किसी भी स्टेट कैडर के पहले अफसर हैं जिनको सेंट्रल एजेंसी ने मर्ज किया और उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड का जॉइंट डायरेक्टर तक बनाया.

Advertisement

- गोली चलाने से लेकर कागजों में दबे घपलों को उजागर करने वाले राजेश्वर सिंह अब नए  सदन का तो हिस्सा होंगे ही, चर्चा है कि वह उत्तर प्रदेश की नई कैबिनेट का भी हिस्सा होने जा रहे हैं.

दूसरा नाम

राजेश्वर सिंह के साथ एक दूसरा नाम जिसने खाकी को मन में और खादी को तन पर पहनकर नई शुरुआत की है, वह हैं कन्नौज सदर से नवनिर्वाचित विधायक असीम अरुण.

- असीम अरुण एडीजी रैंक के अधिकारी थे. कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर रहे, उससे पहले असीम अरुण के पिता दिवंगत राम अरुण दो बार उत्तर प्रदेश के डीजीपी रहे.

- खुद असीम अरुण कमांडो ट्रेन्ड हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की क्लोज सिक्योरिटी इंचार्ज रहे. उत्तर प्रदेश में एटीएस हो या फिर 112 का मॉडर्न कंट्रोल रूम, इन दोनों ही पुलिस की व्यवस्थाओं को तकनीकी तौर पर लैस करने वाले असीम अरुण अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का हिस्सा होंगे.

यूपी में पुलिसिंग की बेहतरी के लिए काम

यूपी में जिस बेहतर पुलिसिंग की कवायद को बीजेपी ने अपनी पहली सरकार के कार्यकाल में शुरू किया था, वह दूसरे कार्यकाल में राजेश्वर सिंह और असीम अरुण के शामिल होने से अंजाम तक पहुंचेगी. 

इतना ही नहीं, माफियाओं और घोटालेबाजों पर कार्रवाई करने के लिए भी उत्तर प्रदेश पुलिस नए सिरे से तैयार होगी. सीबीसीआईडी, विजिलेंस, एसआईटी जैसी जांच एजेंसियां भी अब एक नए कलेवर में नजर आएंगीं.

Advertisement

वहीं, दूसरी तरफ पुलिसकर्मियों की आधारभूत जरूरतों चाहे वह पुलिस लाइन में क्वार्टर हों या फिर मेस या बैरक, इन तमाम सुविधाओं को भी सुदृढ़ किए जाने की उम्मीद बढ़ी है. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement