
देश के 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर मंगलवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इन 57 राज्यसभा सीटों में से 25 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है तो 8 सीटें कांग्रेस के पास हैं. बीजेपी के जिन राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें पार्टी के तीनों मुस्लिम सदस्य भी हैं. झारखंड से मुख्तार अब्बास नकवी, मध्य प्रदेश से एमजे अकबर और यूपी से सैय्यद जफर इस्लाम राज्यसभा सदस्य चुनकर आए थे, लेकिन अब तीनों ही मुस्लिम सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. ऐसे में बीजेपी क्या इन मुस्लिम सांसदों को दोबारा से उच्च सदन में मौका देगी?
बता दें कि मौजूदा समय में बीजेपी से तीन मुस्लिम राज्यसभा सदस्य हैं, जिनमें केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, पूर्व मंत्री एमजे अकबर और सैय्यद जफर इस्लाम. इनमें एमजे अकबर का कार्यकाल 29 जून 2022 को पूरा हो रहा है, जो मध्य प्रदेश से चुनकर आए थे जबकि सैय्यद जफर इस्लाम का कार्यकाल 4 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है. जफर इस्लाम यूपी से दो साल पहले उपचुनाव में चुनकर आए थे. मुख्तार अब्बास नकवी झारखंड से छह साल पहले राज्यसभा पहुंचे थे.
बीजेपी से पहली बार एक साथ तीन मुस्लिम राज्यसभा सदस्य हैं और तीनों सदस्यों की सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. बीजेपी ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है, जिससे तस्वीर साफ नहीं है कि तीनों ही मुस्लिम सदस्यों की वापसी होगी कि नहीं?
'मी टू' में नाम आने के बाद एमके अकबर को पहले केंद्रीय मंत्री का पद गवांना पड़ा और अब राज्यसभा में वापसी पर संकट गहरा गया है. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि मौजूदा सियासी समीकरण में बीजेपी के जितने राज्यसभा सदस्यों का कार्यकालू पूरा हो रहा है, उनमें से करीब करीब पांच सीटें घट रही हैं. इस तरह 15 राज्यों में बीजेपी की 25 सीटें खाली हो रही हैं, लेकिन उसके 20 से 21 सदस्य ही चुनकर आने की संभावना है.
हालांकि, एमजे अकबर मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य चुनकर आए थे, जहां से बीजेपी की दो सीटें मिलनी तय हैं. छह साल पहले भी बीजेपी से संपतिया उइके और एमजे अकबर चुने गए थे और इस बार भी पार्टी को दो सीटें मिल रही हैं. ऐसे में पार्टी के ऊपर निर्भर करेगा कि वो किसे उच्च सदन भेजती है. हालांकि, एमजे अकबर जिस तरह से बीजेपी में साइड लाइन चल रहे हैं, उसे देखते हुए उनकी वापसी की उम्मीद की संभावना बहुत कम है.
मुख्तार अब्बास नकवी मौजूदा समय में केंद्रीय मंत्री हैं और शाहनवाज हुसैन को बिहार भेजे जाने के बाद वे ही पार्टी का मुस्लिम चेहरा हैं. इसलिए पार्टी उनको फिर से राज्यसभा में भेज सकती है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि उनको फिर से झारखंड से ही उच्च सदन में भेजा जाएगा या किसी और राज्य से? यह बात इसलिए कही जा रही है, क्योंकि झारखंड में दो सीटें खाली हो रही हैं और दोनों भाजपा की हैं.
मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इसमें से पार्टी को इस बार एक ही सीट मिलेगी. ऐसे में वह एक सीट बीजेपी किसी बाहरी और वह भी मुस्लिम नेता को देती है तो उसका बड़ा राजनीतिक असर होगा. राज्यसभा चुनाव में किसी स्थानीय नेता को तरजीह दिए जाने की संभावना है. आदिवासी या गैर आदिवासी कोई भी हो सकता है. ऐसे में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बाव नकवी के लिए झारखंड से राज्यसभा में आना मुश्किल दिख रहा है, पर पार्टी को तय करना है. माना जा रहा कि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व अकबर की जगह नकवी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार बना सकती है.
अब बात सैय्यद जफर इस्लाम की, जो दो साल पहले यूपी से उपचुनाव में राज्यसभा सदस्य चुने गए थे. यूपी में 11 राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं, जिनमें पांच बीजेपी के सदस्य हैं. सूबे में विधायकों की संख्या को देखते हुए बीजेपी की राज्यसभा सीटें बढ़नी तय हैं. 11 राज्यसभा सीटों में से बीजेपी को कम से कम सात सीटें मिलनी तय हैं और निर्दलीय व अन्य दलों को साधने में पार्टी सफल रही तो यह आंकड़ा 8 पर पहुंच सकता है.
जफर इस्लाम बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी के उदारवादी मुस्लिम चेहरा हैं. बीजेपी हाईकमान ने जफर इस्लाम को दो साल पहले मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोटस को सफल अंजाम देने के लिए इनाम के तौर पर यूपी से राज्यसभा भेजा था. जफर इस्लाम सिंतबर 2020 में उपचुनाव में राज्यसभा सदस्य चुने गए थे, लेकिन अब उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है. यूपी से पार्टी की राज्यसभा सीटें बढ़ रही हैं, जिसे देखते हुए पार्टी उन्हें दोबारा से राज्यसभा भेजने का मौका दे सकती है. ऐसे में देखना है कि बीजेपी क्या उन्हें राज्यसभा भेजने का निर्णय करती है या फिर नहीं.