
राज्यसभा की 57 सीटों पर 10 जून को चुनाव होना है. चुनाव में सिर्फ तीन दिन बाकी हैं. राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चार सीटों पर पेंच फंस गया है. ऐसे में यहां पार्टियों को हॉर्स ट्रेडिंग और क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. उम्मीदवारों जहां जोड़ तोड़ की राजनीति में जुटे हैं, तो पार्टियों ने अपने विधायकों को रिसॉर्ट में छिपा दिया है. विधायक इधर, उधर न हों, इसके लिए कड़ी पहरेदारी भी हो रही है.
विधायकों को साधने की कवायत जारी
राजस्थान से महाराष्ट्र तक विधायकों को साधने की कवायत जारी है. राजस्थान में कांग्रेस और समर्थन देने वाले अन्य विधायकों को उदयपुर रिसॉर्ट में रखा गया है. गहलोत लगातार विधायकों के संपर्क में हैं. वे एक एक विधायक से निजी तौर पर बात कर रहे हैं. ताकि एक भी विधायक उनके खेमे से न छिटक सके. उदयपुर रिसॉर्ट में कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी भी मौजूद रहे.
बीजेपी भी अपने विधायकों को लेकर सतर्क है. बीजेपी के सभी विधायकों को जयपुर से बाहर रिसॉर्ट में शिफ्ट किया गया है. बीजेपी नेता का कहना है कि ट्रेनिंग कैंप में कई सेशन होंगे. कुछ विधायक जयपुर-आगरा हाईवे पर अपने आप से रिसॉर्ट में ठहरने पहुंचे है. वहीं, अन्य विधायक दो बसों द्वारा रिसॉर्ट में शिफ्ट किए हैं. बीजेपी नेता के मुताबिक, करीब 60 विधायक ट्रेनिंग कैंप में पहुंच गए हैं. बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा, यह ट्रेनिंग कैंप राज्यसभा में वोटिंग की ट्रेनिंग देने के लिए रखा गया है. विधायकों को वरिष्ठ नेता भी संबोधित कर सकते हैं.
हरियाणा में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन समेत तमाम बड़े नेता रायुपर रिसॉर्ट पहुंचे हैं, जहां विधायकों को रखा गया है. विधायकों को एकजुट रखने के लिए लगातार बातचीत की जा रही है, ताकि कोई विधायक क्रॉस वोटिंग न करे. उधर, महाराष्ट्र में सीएम उद्धव ठाकरे ने मोर्चा संभाल लिया है. उन्होंने शिवसेना और समर्थित विधायकों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने सभी विधायकों से एकजुट रहने के लिए कहा. शिवसेना ने आरोप लगाया है कि बीजेपी चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग की कोशिश कर रही है. इसके अलावा शिवसेना ने केंद्रीय एजेंसियों के जरिए विधायकों को डराने का भी आरोप लगाया है.
कहां कैसे बिगड़ रहा गेम ?
- राजस्थान में चार सीटों पर चुनाव है. इनमें से कांग्रेस को 2 जबकि बीजेपी को एक सीट मिलने का अनुमान है. वहीं, चौथी सीट पर बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने कांग्रेस का गेम बिगाड़ दिया है.
- हरियाणा में दो सीटों पर चुनाव हो रहा है. एक सीट पर बीजेपी का जीतना तय माना जा रहा है. यहां बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा और कांग्रेस के अजय माकन के बीच दूसरी सीट पर मुकाबला होना है.
- कर्नाटक में चार सीटों पर राज्यसभा चुनाव होना है. चौथी सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस के बीच मुकाबला है.
- महाराष्ट्र में 6 राज्यसभा सीटों पर चुनाव है. यहां 6वीं सीट पर शिवसेना और बीजेपी के बीच मुकाबला है.
राजस्थान : प्रमोद तिवारी और सुभाष चंद्रा के बीच मुकाबला
कांग्रेस ने राजस्थान से तीन उम्मीदवार मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी को उतारा है. उधर, बीजेपी ने घनश्याम तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया है. जबकि निर्दलीय सुभाष चंद्रा को भी समर्थन दिया है.
कांग्रेस के पास कितनी सीटें?
कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस आसानी से 2 सीटें जीत सकती है. हालांकि, कांग्रेस के पास 2 सीटें जीतने के बाद 26 और वोट बचेंगे. लेकिन उसे तीसरी सीट पर जीतने के लिए 15 और यानी कुल 41 वोट चाहिए. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि उनके पास 126 विधायकों का समर्थन है. जबकि तीन सीट पर जीतने के लिए कांग्रेस को 123 वोट चाहिए.
बीजेपी के पास कितने विधायक?
बीजेपी के पास 71 विधायक हैं. बीजेपी आसानी से एक सीट जीत सकती है. बीजेपी के पास 30 और वोट बचेंगे. ऐसे में आरएलपी और बीजेपी के कुल 33 वोट हो जाएंगे. ऐसे में चंद्रा को जीतने के लिए सिर्फ 8 वोट और चाहिए.
हरियाणा में दूसरी सीट पर मुकाबला
हरियाणा में 2 सीटों पर राज्यसभा चुनाव है. माना जा रहा था कि बीजेपी और कांग्रेस यहां आसानी से एक एक सीट जीत सकते हैं. लेकिन यहां निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने समीकरण बिगाड़ दिए हैं. कांग्रेस को हॉर्स ट्रेडिंग का डर सता रहा है, ऐसे में उसने अपे विधायकों को छत्तीसगढ़ भेज दिया है. कार्तिकेय शर्मा तीसरे उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. वे कांग्रेस के अजय माकन के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं.
बीजेपी ने के एल पंवार को उतारा है. जबकि निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को समर्थन दिया है. कार्तिकेय शर्मा कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे हैं. विनोद शर्मा को कांग्रेस ने 2014 में पार्टी से बाहर निकाल दिया था. कहा जाता है कि विनोद शर्मा के अन्य पार्टियों के साथ अच्छे संबंध हैं. कार्तिकेय हरियाणा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के दामाद हैं.
कैसा है हरियाणा में सीटों का गणित ?
90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं. हालांकि, यह संख्या अजय माकन के राज्यसभा पहुंचने के लिए काफी है. इसके साथ ही कांग्रेस को एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन है. उधर, बीजेपी के पास 41 विधायक हैं. यानी एक सीट जीतने के बाद 10 विधायक बचेंगे. वहीं, बीजेपी की सहयोगी जेजेपी के पास 10 विधायक हैं. जबकि 6 निर्दलीय विधायक हैं. 1 एचएलपी पार्टी का विधायक है. यानी कार्तिकेय को 27 वोट आसानी से मिलते दिख रहे हैं. ऐसे में उन्हें चार और वोट राज्यसभा पहुंचने के लिए चाहिए.
कांग्रेस के लिए मुसीबत की बात ये है कि कांग्रेस खेमे के तीन विधायक कुलदीप बिश्नोई, किरण चौधरी और चिरंजीव राव अभी तक कांग्रेस विधायकों के साथ रायपुर नहीं पहुंचे हैं.
महाराष्ट्र में 6वीं सीट पर फंसा पेंच
महाराष्ट्र में 6 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होना है. यहां 6वीं सीट पर निर्दलियों की भूमिका अहम मानी जा रही है. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने चार उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि बीजेपी ने 3 उम्मीदवारों को उतारा है.
महाराष्ट्र में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 42 विधायक चाहिए. महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं. महाविकास अघाड़ी के पास 168 विधायकों का समर्थन है. इनमें शिवसेना के 55, एनसीपी के 53, कांग्रेस के 44 और अन्य पार्टियों के 8 और 8 निर्दलीय विधायक शामिल हैं. बीजेपी के पास 106 विधायक हैं. जबकि 7 अन्य का समर्थन है. ऐसे में बीजेपी अपने दो उम्मीदवारों को आसानी से जिता सकती है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनिल बोंडे आसानी से राज्यसभा पहुंच जाएंगे. लेकिन तीसरे उम्मीदवार धनंजय महादिक के पास 29 वोट हैं, ऐसे में उन्हें जीतने के लिए 13 और वोट चाहिए. कहा जा रहा है कि बीजेपी ने छोटे दलों के विधायकों से भी संपर्क किया है. अगर उनका साथ मिल जाता है तो बीजेपी ये मुकाबला आसानी से जीत सकती है.
शिवसेना को छठवीं सीट पर जीतने के लिए चाहिए 15 वोट
जबकि महा अघाड़ी गठबंधन की बात करें तो वह भी मुकाबले में कड़ी टक्कर दे रही है. शिवसेना के विधानसभा में कुल 55, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के कुल 44 विधायक हैं. गठबंधन के तीनों दल एक-एक सीट आसानी से जीत रहे हैं. उसके बाद शिवसेना के 13, एनसीपी के 12 और कांग्रेस के 2 वोट बचते हैं. कुल 27 वोट गठबंधन के पास हैं. जबकि उसे 15 वोटों की और जरूरत रहेगी. 6वीं सीट पर शिवसेना के संजय पवार और बीजेपी के धनंजय महादिक के बीच मुकाबला है.
कर्नाटक का क्या है गणित?
कर्नाटक में चार सीटों पर राज्यसभा चुनाव होना है. पहले माना जा रहा था कि यहां आसानी से चारों उम्मीदवारों को जीत मिल जाएगी. लेकिन कांग्रेस ने प्रदेश महासचिव मंसूर अली को अपना दूसरा उम्मीदवार बनाकर पेंच फंसा दिया. इसके बाद बीजेपी ने भी मौजूदा एमएलसी लहर सिंह को अपना तीसरा उम्मीदवार बनाया है.
224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 45 विधायक चाहिए. कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं, लेकिन पार्टी ने जयराम रमेश और मंसूर अली खान को मैदान में उतारा है. काग्रेस को दूसरी सीट के लिए 20 और वोट चाहिए.
बीजेपी के पास 121 विधायक हैं. पार्टी ने निर्मला सीतारमण, कन्नड़ फिल्म अभिनेता जग्गेश और लहर सिंह को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में बीजेपी को 14 अतिरिक्त वोट चाहिए. जेडीएस के पास 32 विधायक हैं. जेडीएस ने डी कुपेंद्र रेड्डी को मैदान में उतारा है. रेड्डी को 13 और विधायकों को समर्थन चाहिए.