
विकासशील इंसान पार्टी सुप्रीमो और बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मुकेश सहनी की नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल से जल्द छुट्टी हो सकती है. सहनी की नीतीश मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी के लिए मुख्यमंत्री ने राज्यपाल फागू चौहान से अनुशंसा कर दी है. राज्यपाल फागू चौहान जल्द ही मुकेश सहनी को नीतीश मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के मामले में फैसला लेंगे.
बता दें कि 23 मार्च को विकासशील इंसान पार्टी के तीनों विधायक राजू सिंह, सुवर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. इस घटनाक्रम के बाद से ही मुकेश सहनी के नीतीश मंत्रिमंडल में बरकरार रहने को लेकर तलवार लटक रही थी. हालांकि, सहनी ने अगले ही दिन स्पष्ट कर दिया था कि वह मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने कहा था कि वह सरकार में मंत्री बने रहेंगे या फिर बर्खास्त होंगे. इस मसले पर अंतिम फैसला खुद मुख्यमंत्री करेंगे.
लगातार भाजपा से बगावत कर रहे सहनी
2020 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल होने वाले मुकेश सहनी उस वक्त बीजेपी के निशाने पर आ गए, जब उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ 53 सीटों पर उम्मीदवार खड़े कर दिए. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बावजूद भी मुकेश सहनी के तेवर ढीले नहीं पड़े और उन्होंने फिर बिहार में आगामी एमएलसी चुनाव में भी 13 में से 7 सीटों पर बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा कर दिया.
बीजेपी ने पलटवार के लिए बोंचहा से उम्मीदवार उतारा
यूपी चुनाव में वीआईपी को मिली हार के बाद से ही बिहार में बीजेपी नेताओं ने मुकेश सहनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और उनके मंत्री पद से इस्तीफे की मांग कर रहे थे, मगर मुकेश सहनी ने बीजेपी की मांग को खारिज कर दिया. इसके बाद ही बीजेपी ने सख्त तेवर अख्तियार कर लिए और ऑपरेशन मुकेश सहनी की शुरुआत हो गई. सहनी ने बीजेपी के साथ जो पंगा ले लिया, उसके बाद बोंचहा विधानसभा उपचुनाव की घोषणा उनके ताबूत में आखिरी कील साबित हुई.
यूपी में सहनी के प्रत्याशी उतारने से नाराज थी भाजपा
इस सीट पर 2020 में वीआईपी उम्मीदवार मुसाफिर पासवान की जीत हुई थी, मगर उनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है. मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश में और फिर आगामी एमएलसी चुनाव में बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार खड़े करने का जो फैसला लिया था, उससे नाराज होकर बीजेपी ने बोंचहा उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया और बेबी कुमारी को अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया.
तीनों विधायकों ने एक साथ दिया झटका
जवाब में मुकेश सहनी ने भी उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ गीता कुमारी के नाम की घोषणा कर दी. मुकेश सहनी के लिए सबसे मुश्किल दौर उनकी पार्टी के तीनों विधायक राजू सिंह, सुवर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव ने खड़ा कर दिया. ये तीनों विधायक बीजेपी बैकग्राउंड के थे और 2020 बिहार विधानसभा चुनाव उन्होंने वीआईपी के सिंबल पर चुनाव लड़ा था.
सहनी ने नीतीश कुमार पर छोड़ा अंतिम फैसला
इस बात की आशंका शुरू से ही थी कि अगर मुकेश साहनी बीजेपी के खिलाफ काम करेंगे तो उनकी पार्टी में टूट होना तय है और उनकी पार्टी के तीनों विधायक अलग गुट बनाकर बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं. और हुआ भी ऐसा ही तीनों विधायकों ने बीजेपी को अपना समर्थन दे दिया और फिर पार्टी में भी शामिल हो गए. इसके बाद से ही मुकेश साहनी के ऊपर तलवार लटक रही थी कि उनके मंत्री पर किसी भी वक्त जा सकता है और इसको लेकर मुकेश सहनी ने भी अंतिम फैसला मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया.