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गिरिराज ने शिवानंद तिवारी के बयान पर ली चुटकी, कहा-वो राहुल गांधी को ओबामा से ज्यादा जानने लगे

शिवानंद तिवारी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी महागठबंधन के लिए बाधा बन गई. कांग्रेस ने 70 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन 70 रैलियां भी नहीं कीं. राहुल गांधी बिहार में केवल तीन दिन के लिए आए. प्रियंका गांधी नहीं आईं क्योंकि वो बिहार से उतना परिचित नहीं थीं.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (ANI) केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST
  • बिहार में सियासी बयानबाजी तेज
  • गिरिराज सिंह ने कांग्रेस को घेरा
  • आरजेडी नेता के बयान पर कसा तंज

बिहार में महागठबंधन में जारी सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस को लेकर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी के बयान पर चुटकी ली है. गिरिराज सिंह ने कहा कि शिवानंद तिवारी तो राहुल गांधी को ओबामा से ज्यादा जानने लगे हैं. फिर भी कांग्रेस चुप क्यों हैं?

गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया, 'राहुल गांधी जी के बारे में बिहार में महागठबंधन की घटक पार्टी RJD के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि राहुल गांधी नॉन सीरीयस पर्यटक राजनेता है. शिवानंद जी तो राहुल जी को ओबामा से ज्यादा जानने लगे है. फिर भी कांग्रेस चुप क्यों ?'

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राहुल गांधी जी के बारे में बिहार में महागठबंधन के सहयोगी पार्टी RJD के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि राहुल गांधी नॉन सीरीयस पर्यटक राजनेता है।
शिवानंद जी तो राहुल जी को ओबामा से ज़्यादा जानने लगे है ।
फिर भी कांग्रेस चुप क्यू ? pic.twitter.com/mWD6ToQYCJ

— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) November 15, 2020

बता दें कि शिवानंद तिवारी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी महागठबंधन के लिए बाधा बन गई. कांग्रेस ने 70 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन 70 रैलियां भी नहीं कीं. राहुल गांधी बिहार में केवल तीन दिन के लिए आए. प्रियंका गांधी नहीं आईं क्योंकि वो बिहार से उतना परिचित नहीं थीं.

उन्होंने कहा कि बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज थी और राहुल गांधी शिमला में प्रियंका गांधी के घर पिकनिक मना रहे थे. क्या पार्टी ऐसे चलती है? कांग्रेस पार्टी जिस तरह से चलाई जा रही है, उससे बीजेपी को फायदा हो रहा है. 

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आरजेडी नेता ने कहा कि मुझे लगता है कि केवल बिहार में ही ऐसा नहीं है. अन्य राज्यों में भी कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने पर जोर देती है, लेकिन वो चुनाव जीतने में विफल रहती है. कांग्रेस को इस बारे में सोचना चाहिए.

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