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जब संसद में हुई पंचायत वेब सीरीज की चर्चा, मनोज झा बोले- फुलेरा के ग्राम प्रधान पर ज्यादा भरोसा

वेब सीरीज पंचायत की चर्चा सोमवार को संसद में भी हुई. राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान एक सर्वे का जिक्र करते हुए मनोज झा ने कहा कि बस 28 फीसदी लोगों ने कहा है कि उन्हें चुनाव आयोग पर भरोसा है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST

संसद में सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में वेब सीरीज पंचायत का भी जिक्र हुआ. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज कुमार झा ने अपने संबोधन के दौरान वेब सीरीज पंचायत का जिक्र किया और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. आरजेडी सांसद मनोज झा ने चुनाव प्रचार के दौरान की गई शिकायत को लेकर अब मेल कर पूछे जाने की बात कही और एक सर्वे रिपोर्ट का जिक्र किया.

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मनोज झा ने कहा कि पूरे चुनाव बिहार में रहा. हमारी सीटें भले ही कम आईं लेकिन नौकरी का मतलब तेजस्वी, हमने बिहार में मेयार बदल दी. इस पर सत्ता पक्ष की ओर से किसी सदस्य ने कुछ कहा. उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मनोज झा ने कहा कि आप जज भी हैं, कुछ भी कह सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि चुनाव में बहुत बुरा हुआ. मुजरा, मंगलसूत्र, टोंटी तोड़ ले जाएगा, ये सब सुनने को मिला. मनोज झा ने कहा कि हमने उसी समय इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी लेकिन हमें परसो मेल कर पूछा गया है- मोबाइल नंबर, नाम.

आरजेडी सांसद ने एक सर्वे का जिक्र करते हुए कहा कि इस सर्वे में 28 फीसदी लोगों ने ये बताया है कि उन्हें इलेक्शन कमीशन पर भरोसा है. उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा भरोसा तो वेब सीरीज पंचायत में फुलेरा के ग्राम प्रधान पर है. मनोज झा ने इमरजेंसी को लेकर भी अपनी राय रखी. मनोज झा ने कहा कि इमरजेंसी की बहुत चर्चा हो रही है. सचमुच बहुत खराब हालात थे. लेकिन यह कहना चाहूंगा कि इंदिराजी के एडवाइजर स्मार्ट नहीं थे. इंदिराजी के एडवाइजर स्मार्ट होते तो कहते कि ऐसे ही हो जाएगा, 352 के इस्तेमाल की जरूरत ही नहीं है.

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बताया मैंडेट का संदेश

मनोज झा ने कहा कि इस मैंडेट में सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के लिए संदेश है. उनके लिए (सत्ता पक्ष के लिए) संदेश ये है कि व्यक्ति केंद्रित विमर्श की एक सीमा होती है. हमारे लिए संदेश ये है कि हमने जो प्रयास किए वह पर्याप्त नहीं थे. उन्होंने आगे कहा कि पिछले 10 साल से एनडीए सुनने के लिए कान तरस गए थे. पिछले एक महीने में एनडीए-एनडीए सुनने को मिल रहा, ये अच्छी बात है. मनोज झा ने साथ ही ये भी कहा- मैं तो कहूंगा रक्षा मंत्री जी की जबरदस्त वापसी हुई है. इनसे बात करनी है तो राजनाथ जी, उनसे बात करनी है तो राजनाथ जी. ये लोकतंत्र की खूबसूरती है.

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प्रो पीपुल लेजिस्लेशन

प्रोफेसर झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि केवल एक ही जाति है, गरीब. सुनने में ये फिल्मी लगता है, खूबसूरत लगता है लेकिन ऐसा क्यों है? अनुप्रिया पटेलजी को चिट्ठी लिखनी पड़ी है. उन्होंने कहा कि आप प्रो पीपुल लेजिस्लेशन का विश्लेषण करें तो यह निकलकर आता है कि सबसे अच्छी तस्वीर गठबंधन सरकारों में रही है. आरजेडी सांसद ने कहा कि प्रो पीपुल लेजिस्लेशन पर आपको (सरकार को) भी काम करना पड़ेगा. उन्होंने अग्निवीर कानून से लेकर नए कानून तक सरकार को घेरा और कहा कि अब तो ये कानून लागू भी हो गए लेकिन ये कानून सांसदों को निलंबित कर पास किए गए.

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वर्धा यूनिवर्सिटी में फर्जीवाड़ा

प्रोफेसर मनोज झा ने वर्धा यूनिवर्सिटी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि वर्धा यूनिवर्सिटी में बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है. जांच कराइएगा, आप पावरफुल लोग हैं. आरजेडी के राज्यसभा सांसद ने कहा कि महात्मा गांधी के नाम पर ये विश्वविद्यालय हो रहा था और महात्मा गांधी के लिए जो चीजें त्याज्य थीं, वही सारी चीजें हो रही हैं. उन्होंने उमर खालिद की गिरफ्तारी का जिक्र किया और कहा कि सरकार की आलोचना को देश की आलोचना बना दिया गया. प्रोफेसर झा ने दो किताबें दिखाते हुए कहा कि ये किताबें हमारे पास आ सकती हैं तो नड्डाजी की केबिन में भी होनी चाहिए. उन्होंने मॉब लिंचिंग का जिक्र करते हुए राही मासूम रजा की कविता पढ़ी- 'मेरा नाम मुसलमानों जैसा है...' और 'मत भूलो कि तुम मुसलमान हो...' कविता भी सदन में सुनाई.

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