
जयंत चौधरी के हालिया बयानों से यह लगभग तय हो चुका है कि आगामी लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय लोक दल उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करेगी. बस औपचारिक घोषणा होनी बाकी है. मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर इस पर मुहर लगा दी है. अपने दादा को भारत रत्न मिलने पर जयंत चौधरी ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया और उनकी तारीफों के पुल बांधे. इस बीच जब पत्रकारों ने उनसे एनडीए में जाने को लेकर सवाल पूछा तो जयंत ने कहा,'अब में किस मुंह से इनकार करूं'.
इस बीच जयंत चौधरी के एक पुराने बयान की चर्चा हो रही है, जिसमें उन्होंने भाजपा के साथ जाने के बारे में पूछने पर कहा था, 'चवन्नी थोड़ी हूं जो पलट जाऊंगा'. विपक्षी इस बयान की याद दिलाकर जयंत चौधरी पर कटाक्ष कर रहे हैं. इस बारे में जब आजतक ने आरएलडी चीफ से उनकी प्रतिक्रिया पूछी तो उन्होंने कहा, 'ये सब टुच्ची बातें हैं. मैं ये सब सहन करने के लिए तैयार हूं. मुझे अपने लोगों का हित देखना है. मैंने 2022 में कहा था कि मैं चवन्नी नहीं हूं. लेकिन वो सब चुनावी बातें होती हैं. और चुनाव के पहले जो विपक्ष बोलता है, उसे तो लोग वैसे ही भूल जाते हैं'.
जयंत चौधरी शनिवार को जब राज्यसभा में अपने दादा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के मुद्दे पर भाषण देने के लिए उठे तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से आपत्ति जताई गई. इस बारे में उन्होंने आजतक से कहा, 'मैं असहज हो गया था. भारत रत्न को बौना क्यों किया जा रहा है? ये चुनाव से संबंधित नहीं है. एक सांसद के अधिकारों का हनन हुआ, लेकिन अध्यक्ष साहब ने मेरे अधिकारों की रक्षा की. किसी की तरफ जीवन में कभी हाथ उठाया नहीं है. ऐसे सदन में कोई सदस्य ऐसे व्यवहार करे. मैं असहज महसूस कर रहा था'.
कांग्रेस की ओर से सौदेबाजी का आरोप लगाए जाने पर जयंत चौधरी ने कहा, 'भारत रत्न को बौना क्यों किया जा रहा है? यह चुनाव से संबंधित फैसला नहीं है, यह हमेशा के लिए होता है. चौधरी चरण सिंह को कुछ ना मिले तब भी वह जिंदा हैं. उनके निधन के 37 साल बाद भी उनका नाम जिंदा है. चौधरी चरण सिंह हमारे बीच हैं'. खड़गे द्वारा जयंत को बोलने का मौका देने पर आपत्ति जताए जाने को लेकर राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने कहा, 'इस भाषा का प्रयोग न करें. मैं चौधरी चरण सिंह का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा. उनका सार्वजनिक जीवन बेदाग है. उनकी सत्यनिष्ठा और प्रतिबद्धता सदैव किसानों के प्रति रही. मैंने अपनी आंखों से देखा है'.