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गांधी परिवार के पक्ष में उतरे पायलट, बोले- सोनिया-राहुल ने बताया त्याग क्या होता है

कांग्रेस अध्यक्ष के लिए राहुल गांधी की पैरवी करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि ज्यादातर कांग्रेस कार्यकर्ता देखना चाहेंगे कि राहुल गांधी पार्टी को अपने हाथ में लें और इसका नेतृत्व करें.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सचिन पायलट (फाइल फोटो-पीटीआई) कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सचिन पायलट (फाइल फोटो-पीटीआई)
aajtak.in
  • जयपुर,
  • 23 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST
  • राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के पक्ष में पायलट
  • हाल ही कांग्रेस आलाकमान से पायलट ने की थी बगावत
  • सोनिया-राहुल ने त्याग का मतलब समझाया-सचिन

लगभग एक महीने तक कांग्रेस आलाकमान से बगावत का झंड़ा बुलंद करने वाले सचिन पायलट पार्टी के लिए चल रहे अध्यक्ष पद की रेस में खुलकर गांधी परिवार के साथ खड़े हो गए हैं.

सचिन पायलट ने कहा है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने दिखाया है कि जन कल्याण और पार्टी के लिए त्याग करने का मतलब क्या होता है. अब वक्त हो गया है कि हम एकमत और एकजुट हो जाएं. जब हम एकजुट हैं तभी हमारा भविष्य मजबूत होगा. 

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कांग्रेस अध्यक्ष के लिए राहुल गांधी की पैरवी करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि ज्यादातर कांग्रेस कार्यकर्ता देखना चाहेंगे कि राहुल गांधी पार्टी को अपने हाथ में लें और इसका नेतृत्व करें. 

पढ़ें- राहुल गांधी को मिले पार्टी की कमान, दिल्ली कांग्रेस ने पास किया प्रस्ताव

बता दें कि पिछले महीने की ही बात है कि सचिन पायलट ने पार्टी आलाकमान से बगावत कर दी थी. पार्टी के निर्देशों के खिलाफ वे अपने 19 समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर चले आए थे. तब उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं. 

सचिन पायलट के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई करते हुए कांग्रेस ने उन्हें राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और उनका डिप्टी सीएम की भी पद छिन लिया था. 

 पढ़ें- 23 नेताओं की चिट्ठी, बदलाव की मांग, इन हालात में सोनिया बोलीं- कांग्रेस चुने नया अध्यक्ष

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हालांकि एक महीने की उठापटक के बाद सचिन पायलट फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे. 

बता दें कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मांग की है कि सोमवार को होने वाली कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कोई ऐसा शख्स अध्यक्ष चुना जाए, जो गांधी परिवार से न हो. इस बीच सोनिया ने भी इशारा किया है कि अब वह अध्यक्ष पद पर बने रहना नहीं चाहती हैं और पार्टी को नया अध्यक्ष चुनना चाहिए.


 

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