Advertisement

सचिन पायलट ने राहुल-प्रियंका से की मुलाकात, क्या राजस्थान में भी हो सकते हैं बड़े बदलाव?

सचिन पायलट से पहले राहुल गांधी ने राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा से मुलाक़ात की है. कहा जा रहा है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में राजस्थान के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है.

राहुल गांधी-सचिन पायलट के बीच मुलाकात के मायने (फाइल फोटो) राहुल गांधी-सचिन पायलट के बीच मुलाकात के मायने (फाइल फोटो)
शरत कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:34 PM IST
  • क्या राजस्थान में भी होंगे बड़े बदलाव
  • सचिन पायलट-राहुल गांधी के मुलाकात के क्या हैं मायने?

पंजाब में नेतृत्व बदलाव के बाद क्या अब राजस्थान में भी बदलाव की बारी है? शुक्रवार को कांग्रेस के नेता सचिन पायलट जब दिल्ली में राहुल गांधी से मिलने पहुंचे तो राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा होने लगीं. एक हफ्ते में सचिन पायलट की राहुल गांधी से यह दूसरी मुलाकात है. इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं.

Advertisement

राहुल गांधी के आवास पर पायलट की प्रियंका गांधी के साथ बैठक फिलहाल जारी है. सचिन पायलट ने गुरुवार को जयपुर में स्पीकर सीपी जोशी से भी मुलाकात की थी. यह दूसरा मौका है जब सचिन पायल्ट को दिल्ली बुलाया गया है. 17 सितंबर को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मैराथन मीटिंग की थी.

सचिन पायलट से पहले राहुल गांधी ने राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा से मुलाक़ात की है. कहा जा रहा है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में राजस्थान के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है.

और पढ़ें- राजस्थान: बीजेपी का चिंतन शिविर शुरू, वसुंधरा गुट ने किया किनारा, कैसे खत्म होगी पार्टी की चिंता?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बागी नेता सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान की कहानी पुरानी है, लेकिन बीच-बीच में कुछ न कुछ ऐसा होता रहता है जिससे अटकलों के नए दौर शुरू हो जाते हैं. गांधी परिवार—सोनिया, प्रियंका और राहुल गांधी—में से किसी ने भी, इसका कोई संकेत नहीं दिया है कि दिसंबर 2023 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा किसे बनाया जाएगा.

Advertisement

इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान में बदलाव की संभावना है, लेकिन जल्द में कुछ ऐसा नहीं होगा. कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने के लिए पंजाब का रास्ता अपना सकती है और 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एक नया चेहरा पेश कर सकती है. राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन में लगभग छह महीने लग सकते हैं और पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के बाद ही ऐसा संभव हो पाएगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement