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'...पत्ते गिरते हैं, पेड़ वहीं रहता है', गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने पर बोले सलमान खुर्शीद

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव तक, बेबाकी से अपनी बात रखी है. उन्होंने कांग्रेस छोड़कर नेताओं के जाने पर बदलते मौसम में पतझड़ का जिक्र किया और ये भी दावा कर दिया कि पार्टी ने कई बार नुकसान सहा और फिर से पनपी. कांग्रेस फिर से पनपेगी.

सलमान खुर्शीद और गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो) सलमान खुर्शीद और गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो)
सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:54 AM IST

कांग्रेस पार्टी में सांगठनिक चुनाव की मांग करते रहे गुलाम नबी आजाद अब कांग्रेस से नाता तोड़ चुके हैं. गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़कर जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि जब मौसम बदलता है, पतझड़ होता है, पत्ते गिरते हैं लेकिन पेड़ वहीं रहता है और उसमें फिर से नए पत्ते आते हैं. नए फूल आते हैं.

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उन्होंने कहा कि ये तो जीवन की रीत है और हमारे यहां भी यही हो रहा है. सलमान खुर्शीद ने कहा कि गुलाम नबी आजाद का वो ही याद रखिए जो उनके अच्छे संबंध गांधी परिवार से थे. हम सब लोगों में सबसे ज्यादा संबंध उनके थे और सबसे ज्यादा वे ही पार्टी से लिए. गुलाम नबी आजाद के नई पार्टी बनाने के ऐलान पर उन्होंने कहा कि बहुत लोग पार्टी को टेकओवर करने के लिए निर्णय लेते हैं. अगर वो यह चाहते हैं तो पार्टी में रह कर चुनाव लड़ते. 

सलमान खुर्शीद ने कहा कि पहले भी लोग छोड़ के गए और कांग्रेस का नाम अपनी पार्टी में इस्तेमाल किया. चाहे बंगाल हो या अन्य राज्य. नुकसान हमने कई बार सहा है लेकिन हम फिर भी पनपे हैं और आगे भी पनपेंगे. उन्होंने राहुल गांधी पर गुलाम नबी आजाद और अन्य नेताओं की ओर से किए गए हमलों को लेकर कहा कि वे इन सब चीजों से ऊपर हैं. राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के नेता हैं और कोई कुछ भी कहे, उनके कद का नेता विपक्ष में नहीं है.

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सलमान खुर्शीद ने कहा कि हमेशआ चर्चा में राहुल गांधी ही रहते हैं न. देश में जितनी भी राजनीतिक चर्चा होती है, वो बिना राहुल गांधी का नाम लिए पूरी नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि जो भी करना होगा, हम वो करेंगे और अपने नेता राहुल गांधी को सशक्त करेंगे. मनीष तिवारी और कार्ति चिदंबरम की ओर से अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया को लेकर उठाए गए सवालों पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि जो किसी भी व्यवस्था में बहुत समय से नहीं रहा हो, उसको उस व्यवस्था में बहुत सारी चीजें गड़बड़ दिखती हैं.

उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी में कहीं भी परफेक्शन नहीं हो सकता. कमियां निकाल के किसी और चीज का इशारा करें तो वो गलत है. हमारी चुनाव समिति जहां-जहां कमी है, उसे दूर करेगी. सलमान खुर्शीद ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों को लेकर सवाल पर कहा कि ये दुख की बात है कि सबकी चली लेकिन मेरी नहीं चली. उन्होंने साथ ही ये भी जोड़ा कि ये नाम दूसरे लोग चलाते हैं या जिनके नाम आते हैं, वो खुद चलाते हैं ये पता नहीं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम अब भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि राहुल गांधी मान जाएं. हम इसके लिए हर संभव कोशिश करेंगे. उन्होंने एक सवाल पर कहा कि जब ये पूछा जाता है कि क्यों केवल राहुल गांधी तो हमारा जवाब है कि राहुल गांधी क्यों नहीं? शशि थरूर की उम्मीदवारी को लेकर सवाल पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि चुनाव तो चुनाव होता है और कोई भी आ सकता है. हम सब लोग जानते हैं कि धरातल पर हम सबकी क्या हैसियत है. कौन हमारे साथ आ सकता है. जिसको लगता है कि मजबूती से लड़ सकता है वो आए और लड़ ले.

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G-23 से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि हो सकता है उनको जिस बात का कष्ट है वो वाजिब हो सकता है लेकिन बहुत कठिन समय है. इस समय हम पार्टी से कुछ मांगें, हमको तो ये सोचना चाहिए कि हम पार्टी को क्या दे सकते हैं. सलमान खुर्शीद ने कहा कि बहुत कुछ मिला है पार्टी से और अगर सब अच्छा हुआ तो और बहुत कुछ मिलेगा. उन्होंने कहा कि आप अगर चाहते हो कि चर्चा हो तो हम सब चर्चा कर सकते हैं. लेकिन हां, रोज सुबह-शाम चर्चा नहीं हो सकती, सबको और भी काम हैं. 

 

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