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PM के 'आंदोलनजीवी' वाले बयान को किसानों ने बताया अपना अपमान

''इस देश के किसान प्रधानमंत्री को याद दिला देना चाहते हैं कि ये आंदोलन ही थे जिनकी वजह से इस देश को आजादी मिली. इसलिए आंदोलनजीवी होने में हमें गर्व है. लेकिन भाजपा और उसके पूर्वज, ऐसे लोग रहे हैं जो हमेशा अंग्रेजों के खिलाफ लड़े जा रहे आंदोलनों के विरुद्ध लड़े.''

प्रधानमंत्री मोदी संसद में भाषण के दौरान (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री मोदी संसद में भाषण के दौरान (फाइल फोटो)
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:25 PM IST
  • प्रधानमंत्री ने लगातार प्रोटेस्ट करने वालों को कहा 'आंदोलनजीवी'
  • मोदी के बयान से नाराज है संयुक्त किसान मोर्चा
  • कहा 'भाजपा आज भी आंदोलनों से डरती है'

प्रधानमंत्री के 'आंदोलनजीवी' वाले बयान से नाराज संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री के बयान की निंदा करते हुए कहा है कि 'प्रधानमंत्री ने किसानों का अपमान किया है. इस देश के किसान प्रधानमंत्री को याद दिला देना चाहते हैं कि ये आंदोलन ही थे जिनकी वजह से इस देश को आजादी मिली. इसलिए आंदोलनजीवी होने में हमें गर्व है. लेकिन भाजपा और उसके पूर्वज, ऐसे लोग रहे हैं जो हमेशा आन्दोलनों के खिलाफ रहे, जो हमेशा अंग्रेजों के खिलाफ लड़े जा रहे आंदोलनों के विरुद्ध लड़े. इसलिए इन्हें आज भी आंदोलनों से डर लगता है.''

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आपको बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद प्रधानमंत्री ने अपना भाषण दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि इस देश में एक नई जमात का जन्म हुआ है, जिसका नाम है 'आंदोलनजीवी'. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये लोग खुद आंदोलन नहीं चला सकते हैं, लेकिन किसी का आंदोलन चल रहा हो तो वहां पहुंच जाते हैं. ये आंदोलनजीवी ही परजीवी हैं, जो हर जगह मिलते हैं.''

प्रधानमंत्री के इस बयान पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि ''अगर अब भी सरकार किसानों की जायज मांगें मान लें तो किसान अपने खेतों पर वापस लौट जाएंगे, लेकिन सरकार के रवैये की वजह से और अधिक आंदोलनजीवियों का जन्म हो रहा है.''

संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है कि ''MSP पर खाली भाषण देने से किसानों का कोई फायदा नहीं होगा. ये पहले किए गए वायदों की तरह ही बिना मतलब का भाषण है. किसानों को तभी बराबर और सतत लाभ मिलेगा, जब MSP को सभी फसलों के लिए कानून बनाकर लीगल गारंटी दी बना दिया जाएगा.''

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किसानों ने कहा ''हालांकि हमने किसी भी बाहरी विचारधारा से खुद को अलग किया हुआ है. लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा एक सकारात्मक लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखता है. और दुनियाभर में कहीं भी मूलभूत मानवाधिकारों के लिए साथ खड़ा है. और इसी तरह की प्रक्रिया की, इसी विचार के मानने वाले दुनियाभर में रहने वाले लोगों से अपेक्षा करता है.'' किसान मोर्चा ने आगे कहा कि 'कहीं भी अन्याय का होना, सभी जगहों के लिए खतरा है.

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