Advertisement

'सीधी बात' में चीन-PAK के सवाल पर बोले राजनाथ- 2-4 देश मिलकर लड़ें तो भी देंगे मुंहतोड़ जवाब

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं अपने किसी भी सिख भाई को खालिस्तानी कहा जाना बर्दाश्त नहीं करूंगा. मैं सिखों को अपना बड़ा भाई मानता हूं. देश को बनाने में सिखों का जो योगदान रहा है वो भारत कभी भूल नहीं सकता. 

सीधी बात कार्यक्रम में राजनाथ सिंह सीधी बात कार्यक्रम में राजनाथ सिंह
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST
  • आजतक के सीधी बात कार्यक्रम की शुरुआत
  • राजनाथ सिंह ने दिए चीन, किसान आंदोलन जैसे मुद्दे पर जवाब
  • 'देश को बनाने में सिखों के योगदान भूला नहीं जा सकता' 

आजतक के बहुचर्चित ‘सीधी बात’ कार्यक्रम की शुरुआत आज से हो गई. इस बार कार्यक्रम का आगाज देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ कई विषयों पर चर्चा के साथ हुआ. राजनाथ सिंह सीधी बात कार्यक्रम के होस्ट प्रभु चावला के तमाम सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कोरोना के खिलाफ लड़ाई, चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव, किसान आंदोलन जैसे मुद्दे पर किए गए सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. 

Advertisement

राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं देश के वैज्ञानिकों को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने कोरोना की एक नहीं, कई वैक्सीन तैयार की है. जब स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लग जाएगा उसके बाद देश के राजनेता भी वैक्सीन लगवाएंगे.

राजनाथ सिंह ने कहा कि वैक्सीन का फाइनल ट्रायल हो चुका है. देश के वैज्ञानिकों पर लोगों को भरोसा है. राजनाथ ने कहा कि कोविड-19 जैसी चुनौती का मुकाबला पीएम मोदी के नेतृत्व में देश की जनता ने जिस तरह से किया है, उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है. 

चीन और पाकिस्तान के मसले पर राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना के जवानों ने चीन के साथ मौजूदा तनाव में शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया है. चाहे जितने भी लोगों को मिलकर लड़ाई लड़ना हो लड़ें, मैं इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. अपने देश की सीमाओं की सुरक्षा करने में हमारी सेना पूरी तरह से सक्षम है. रक्षा मंत्री ने कहा कि दो-चार देशों को साथ लेकर यदि कोई एक देश के साथ लड़ने की कोशिश करेगा तो किस प्रकार की भयावह स्थिति अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में पैदा होगी उसकी कल्पना नहीं की जा सकती. 

Advertisement

देखें- आजतक LIVE TV 

राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर हमारा इंफ्रास्ट्रक्टर डेवेलपमेंट तेजी के साथ हो जाना चाहिए था वो नहीं हो पाया, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब  इंफ्रास्ट्रक्टर डेवेलपमेंट का काम सीमा पर तेजी के साथ हो रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि हम सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्टर का डेवेलपमेंट किसी से जंग करने के लिए नहीं करना चाहते. हम शांति के पुजारी हैं. हम शांति चाहते हैं. क्या इससे भारत का नुकसान नहीं हो रहा है. इस सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी नाम पर किसी ने समझौता किया हो या समझौता करने की सोचे, लेकिन राष्ट्र के स्वाभिमान की कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता. 

आपने अटल बिहारी की सरकार में काम किया है. अटल बिहारी ने क्या कहा था आर-पार की लड़ाई होकर रहेगी. उनका सपना था. राजनाथ सिंह पाकिस्तान के साथ आर-पार की लड़ाई कब करेंगे. इस सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था तो कारगिल पर विजय भी प्राप्त हुई थी. अगर कोई हमारे ऊपर आक्रमण करेगा तो आर-पार की लड़ाई होगी.

चीन और पाकिस्तान के मुद्दे पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ थे. लेकिन अब उनकी सरकार चली गई. इस पर राजनाथ ने कहा कि हम किसी के सहारे लड़ाई लड़ने वाले नहीं हैं. भारत अब कमजोर भारत नहीं रहा है.

Advertisement

किसानों के मुद्दे पर क्या बोले राजनाथ सिंह

किसान आंदोलन पर राजनाथ सिंह ने कहा कि किसानों से मैंने अपील की थी कि सरकार के साथ बैठकर बातचीत करें, जहां भी आवश्यक होगा इन तीनों कानूनों में संशोधन करना, संशोधन करने के लिए सरकार तैयार है. किसानों से मैं अपील करना चाहता हूं कि कोर्ट के द्धारा एक फैसला आया है, उस फैसले का हमें सम्मान करना चाहिए. राजनाथ ने कहा कि कोर्ट ने यदि कोई कमेटी बनाई है तो भले ही कमेटी के लोगों के साथ आप सहमत हों या असहमत हों, लेकिन देश की सर्वोच्च अदालत द्धारा कमेटी बनाई गई है, कम से कम कोर्ट के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए आप अपनी बात उनके सामने रखें, भले ही कमेटी के सुझाव आप माने या ना माने ये आपका फैसला है. 

राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने किसानों से कहा था कि जहां भी संशोधन करने की जरूरत होगी वहां सरकार करेगी. तीनों कानून किसानों की भलाई के लिए बनाए गए हैं. वहीं, राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि मैं अपने किसी भी सिख भाई को खालिस्तानी कहा जाना बर्दाश्त नहीं करूंगा. मैं सिखों को अपना बड़ा भाई मानता हूं. देश को बनाने में सिखों का जो योगदान रहा है वो भारत कभी भूल नहीं सकता. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement