
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में फिल्म सिटी बनाने की घोषणा की है. शिवसेना ने सीएम योगी के इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही मोदी सरकार पर तंज भी कसा है. शिवसेना ने सामना में लिखा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार को कश्मीर में एक फिल्म सिटी की योजना बनानी चाहिए. आखिर हर किसी ने हिंदुस्तानी सिनेमा जगत में अपना योगदान दिया है.
शिवसेना ने कहा कि एक समय ऐसा था जब हमारा सिनेमा जगत शूटिंग के लिए कश्मीर, शिमला, मनाली और शिलांग जैसे क्षेत्रों में जाता था. रोमांटिक गानों के लिए कश्मीर सबका प्रिय स्थान था. वहां भी भव्य फिल्मसिटी बनाई जा सकती है. आखिर हर किसी ने हिंदुस्तानी सिनेमा जगत में अपना योगदान दिया है.
सीएम योगी की पहल का स्वागत
यूपी में फिल्म सिटी बनाने को लेकर शिवसेना ने सीएम योगी की पहल का स्वागत किया है. पार्टी ने लिखा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने राज्य में फिल्मसिटी बनाने के संकल्प की घोषणा कर दी है. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में लगभग एक हजार एकड़ में यह फिल्म सिटी बनाई जाएगी और अंतरराष्ट्रीय सलाहकारों के मार्गदर्शन में काम शुरू होगा. आगामी दो-ढाई वर्षों में यह परियोजना पूरी होगी, ऐसा घोषित किया गया है. शिवसेना ने लिखा कि मुंबई तथा दक्षिण हिंदुस्तान के सिनेमा जगत और चित्रनगरी की तुलना में यह परियोजना छोटी है, लेकिन उसे शुरू करने की पहल का स्वागत है.
'मुंबई को बदनाम करने की साजिश'
अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने लिखा कि मुंबई को देश-दुनिया में जो महत्व प्राप्त हुआ, उसमें सिनेमा जगत का महत्वपूर्ण योगदान है. मुंबई को मायानगरी इसलिए कहा जाता है. मुंबई का सिनेमा जगत और उससे मिली प्रतिष्ठा आसानी से प्राप्त नहीं हुई है. हिंदुस्तानी सिनेमा की नींव रखने वाले दादासाहेब फाल्के मराठी माटी के सुपुत्र थे.
शिवसेना ने लिखा कि सिनेजगत का बीजारोपण करते समय उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा. खाक छाननी पड़ी, तब कहीं जाकर वे हमारी सिनेमा इंडस्ट्री को शुरू कर पाए. मुंबई मतलब सिनेमा जगत को जन्मभूमि या कर्मभूमि कहलाने में गत 100 सालों में कई लोगों ने योगदान दिया है. हालांकि, गत कुछ महीनों से ‘मायानगरी’ को बदनाम करने, उसे कुचलने और उसमें काम करने वाले मुख्य लोगों पर दबाव डालने का प्रयोग शुरू है. सिनेमा उद्योग और उसमें काम करने वाले चमकदार लोग मुंबई छोड़कर चले जाएं, ऐसा माहौल बनाया जा रहा है क्या? इस आशंका को बल मिल रहा है.