
उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव में इस बार शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी भी सभी सीटों पर अपने चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में उतरने जा रही है. इन सीटों पर अपने कैंडिडेट्स को उतारने के लिए शिवपाल लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. शिवपाल यादव अपने बेटे और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य यादव के साथ मिलकर संभावित उम्मीदवारों के इंटरव्यू भी ले रहे हैं. शिवपाल ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों की जीत हो.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले महीने निकाय चुनाव होना हैं. इसे लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव वर्तमान में समाजवादी पार्टी से विधायक हैं, लेकिन इस बार उन्होंने निकाय चुनाव में अपनी पार्टी के सभी उम्मीदवारों को उतारने का मन बना लिया है.
सभी सीटों पर उतारे जाएंगे प्रत्याशी
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य यादव के मुताबिक इस बार प्रगतिशील समाजवादी पार्टी पूरे जोर-शोर से निकाय चुनाव लड़ेगी. सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे. इसके लिए पार्टी ने पूरी तैयारी भी कर ली है. जो भी प्रत्याशी चुनाव लड़ना चाह रहा है, उसे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यालय में बुलाकर आगे की प्रक्रिया की जा रही है.
डिंपल के नामांकन में नहीं पहुंचे शिवपाल
दरअसल, शिवपाल यादव और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच रिश्ते ठीक न चलने के कयास लगाए जा रहे हैं. एक दिन पहले ही 14 नवंबर को अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए सपा की तरफ से पर्चा दाखिल करने पहुंची थीं. डिंपल के नामांकन के मौके पर पूरा यादव कुनबा एकजुट नजर आया था. प्रोफेसर राम गोपाल यादव से लेकर तेज प्रताप यादव तक, यादव परिवार के करीब सभी दिग्गज डिंपल यादव के नामांकन में पहुंचे थे. लेकिन दिग्गज नेता शिवपाल नदारद थे.
राम गोपाल के बयान ने बढ़ाया संशय
डिंपल यादव के नामांकन में शिवपाल के नजर नहीं आने को लेकर प्रोफेसर राम गोपाल यादव से पत्रकारों ने सवाल भी किए. प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि शिवपाल से पूछकर ही मैनपुरी सीट से उम्मीदवार का ऐलान किया गया था. उन्होंने इसके बाद ये भी कहा कि शिवपाल आएं या न आएं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.