
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विपक्षी एकता के आह्वान का सामना ने स्वागत किया है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक लेख में कहा गया है कि विपक्षी पार्टियों का एकजुट होना ही मौजूदा समय की जरूरत है. शिवसेना ममता के विपक्षी नेताओं के एकजुट होने की मांग वाले पत्र का स्वागत करती है.
संपादकीय में लिखा गया है कि देश के लिए ही सही लेकिन विपक्षी पार्टियों को एकजुट होना पड़ेगा. इससे पहले ममता बनर्जी ने खत में लिखा था कि गैर भाजपा दलों के अधिकार और स्वतंत्रता का हनन हो रहा है. इस पर शिवसेना का कहना है कि यह सही बात है. बीजेपी ने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के जीत जाने के बाद भी वायसराय जैसा पद बनाया है.
सामना में रबींद्रनाथ टैगोर की एक लाइन का "Where The Mind Is Without Fear" का भी जिक्र किया गया है. इसमें कहा गया कि क्षेत्रीय दलों के साथ आने से महाराष्ट्र में ऐसा संभव हो पाया. केरल और तमिलनाडु की क्षेत्रीय दल मुख्य राजनीतिक ताकत हैं.
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को नंदीग्राम में चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने गैर-बीजेपी नेताओं को व्यक्तिगत रूप से चिट्ठी भेजी थी. ममता बनर्जी की चिट्ठी में लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी विपक्षी दलों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की बात कही गई थी. ममता की ओर से 15 गैर-बीजेपी नेताओं को यह चिट्ठी लिखी गई. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी चिट्ठी में लिखा, 'मेरा मानना है कि लोकतंत्र और संविधान पर बीजेपी के हमलों के खिलाफ एकजुट और प्रभावी संघर्ष का समय आ गया है.'